पेंटागन ने चीन के परमाणु हथियारों की तैयारी को लेकर किया बड़ा खुलासा, बढ़ेगी दुनिया की टेंशन

punjabkesari.in Wednesday, Sep 02, 2020 - 02:11 PM (IST)

वाशिंगटन:  कोरोना महामारी और अपनी विस्तारवादी  नीतियों के चलते चीन दुनिया के कई देशों से अपने संबंधों को बिगाड़ चुका है।  दुनिया जहां कोरोना संकट से जूझ रही है वहीं अलग-थलग पड़ा ड्रेगन अब अपने परमाणु हथियारों को दोगुना करने की तैयारी कर रहा है।  पेंटागन ने अपनी रिपोर्ट  में खुलासा किया है कि चीन इस दशक के अंत तक अपने परमाणु वॉरहेड को दोगुना करने के प्रयासों में हैं।  ये वॉरहेड जमीन के साथ ही समुद्र और हवा में बैलिस्टिक मिसाइलों लॉन्च करने में सक्षम हैं।   रिपोर्ट में कहा गया है कि चीन के पास 200 से कम परमाणु वॉरहेड हैं जिनकी संख्या अगले 10 सालों में दोगुनी हो सकती है। 

 

भारत के तीन पड़ोसी देशों समेत करीब एक दर्जन देशों में चीन मजबूत ठिकाना स्थापित करने का प्रयास कर रहा है ताकि लंबी दूरी से भी वह अपना सैन्य दबदबा बनाये रख सके । पेंटागन की  रिपोर्ट में  दावा किया गया है कि भारत के तीन पड़ोसी देशों पाकिस्तान, श्रीलंका और म्यामां के अलावा चीन थाईलैंड, सिंगापुर, इंडोनेशिया, संयुक्त अरब अमीरात, केन्या, सेशल्स, तंजानिया, अंगोला और तजाकिस्तान में अपने ठिकाने बनाने पर विचार कर रहा है।

 

पेंटागन ने अपनी वार्षिक रिपोर्ट ‘मिलिट्री एंड सिक्योरिटी डेवलप्मेंटस इंवॉल्विंग द पीपल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना (PRC) 2020' में यह जानकारी दी। उसने यह रिपोर्ट मंगलवार को अमेरिकी कांग्रेस को सौंपी थी। पेंटागन ने कहा कि ये संभावित चीनी ठिकाने जिबूती में चीनी सैन्य अड्डे के अलावा हैं, जिनका उद्देश्य नौसेना, वायु सेना और जमीनी बल की कार्यों को और मजबूती प्रदान करना है। पेंटागन ने रिपोर्ट में कहा, ‘‘  पीपल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) के सैन्य अड्डों का नेटवर्क अमेरिकी सैन्य अभियानों में हस्तक्षेप कर सकता है और पीआरसी के वैश्विक सैन्य उद्देश्यों के तहत अमेरिका के खिलाफ आक्रामक अभियानों का समर्थन कर सकता है।''

 

उसने कहा कि चीन ने पहले ही नामीबिया, वनुआटू और सोलोमन द्वीपों पर पहले से ही अपना कब्जा जमा लिया है। पेंटागन ने कहा कि बीजिंग अपने विकास के लिए वैश्विक परिवहन और व्यापार संबंधों का विस्तार करने और अपनी परिधि तथा उसके बाहर देशों के साथ अपने आर्थिक एकीकरण को गहरा करने की राष्ट्रीय कायाकल्प की अपनी रणनीति को सफल बनाने के लिए ‘एक सीमा एक सड़क' (OBOR) का सहारा लेता है।  

 

 रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि पीपुल्स लिबरेशन आर्मी संयुक्त सैन्य अभियानों पर भी ध्यान दे रही है, ताकि ताइवान की तरफ से अमेरिकी सेना की किसी भी कार्रवाई का मुंहतोड़ जवाब दिया जा सके. पेंटागन की यह रिपोर्ट अमेरिका की चिंता बढ़ा सकती है। क्योंकि इसमें कहा गया है कि चीनी सेना ने जहाज निर्माण, लैंड-बेस्ड बैलिस्टिक और क्रूज मिसाइलों और वायु रक्षा प्रणालियों जैसे कई क्षेत्रों में अमेरिकी सेना के समान क्षमता हासिल कर ली है या उससे आगे निकल गई हैय़ 

 


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Tanuja

Recommended News

Related News