पोम्पियो का दावा- चीन को दुनिया की सबसे बड़ी ताकत बनाना चाहते हैं शी जिनपिंग

punjabkesari.in Sunday, Dec 13, 2020 - 11:46 AM (IST)

बीजिंगः अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोम्पियो का दावा है कि चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग अपने देश को दुनिया की सबसे बड़ी ताकत बनाना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि वह न सिर्फ घरेलू मामलों पर पूरा नियंत्रण चाहते हैं  बल्कि सैन्य शक्ति बढ़ाने के साथ अंतरराष्ट्रीय संगठनों में जोड़तोड़ भी कर रहे हैं।

 

पोम्पियो ने जॉर्जिया इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी के एक कार्यक्रम में कहा कि जिनपिंग ने अपने इरादे  सरेआम स्पष्ट भी कर दिया है। वह जो कहते हैं उसे सुनना पड़ता है। जिनपिंग चीन को दुनिया की नंबर एक ताकत बनाने के इच्छुक हैं और इसी दिशा में काम कर रहे हैं। जिनपिंग पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) को मजबूत कर रहे हैं।  बीजिंग के फायदे के लिए अंतरराष्ट्रीय संगठनों में जोड़-तोड़ भी कर रहे हैं। वह दुनियाभर में प्रभाव डालने वाले व्यापक अभियान में व्यस्त हैं। उन्‍होंने कहा कम्‍युनिस्‍ट पार्टी ऑफ चीन न केवल चीनी नागरिकों बल्‍कि अमेरिकी विद्यार्थियों, प्रोफेसरों को भी निशाना बनाना चाहते हैं।

 

बता दें कि 67 वर्षीय जिनपिंग चीन की सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी के अध्यक्ष और महासचिव के साथ ही केंद्रीय सैन्य आयोग के चेयरमैन भी हैं। वर्ष 2018 में चीन  की संसद ने इस पद के लिए सीमित कार्यकाल को खत्‍म कर दिया, जो दो सालों का था। इसके बाद अब जिनपिंग इस चेयरमैन के पद को ताउम्र संभालेंगे। चीन की समाचार एजेंसी शिन्हुआ ने बृहस्पतिवार को कहा कि ट्रंप प्रशासन के अधिकारी चीन और उसके अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करके भविष्य में अमेरिकी प्रशासन के चीन के साथ संबंधों के लिए गड्ढा खोद रहे हैं।

 

शिन्हुआ ने अपने एक संपादकीय में कहा कि सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी के नौ करोड़ 20 लाख सदस्यों और उनके परिवार के लिए वीजा पांबदी जैसे कदमों ने अमेरिका में चीन विरोधी ताकतों के, अपने राजनीतिक फायदों के लिए चीन-अमेरिका संबंधों पर अंकुश के कुटिल इरादों को फिर से उजागर कर दिया है। दरअसल, अमेरिका के विदेश मंत्रालय ने पिछले सप्ताह इस प्रकार के वीजा की अवधि 10वर्ष से घटा कर एक माह कर दी, जो ट्रंप प्रशासन द्वारा अपने अंतिम दिनों में अपनाए जा रहे सख्त रवैये को दर्शाता है।


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Tanuja

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