इमरान खान और जिनपिंग ने फोन पर की बात, अफगानिस्तान समेत इन मुद्दों पर हुई चर्चा

punjabkesari.in Wednesday, Oct 27, 2021 - 04:16 PM (IST)

इस्लामाबादः पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग मंगलवार को दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूती देने पर सहमत हुए, जिनमें आर्थिक बाधा को दूर करने के लिए मुक्त व्यापार समझौते के दूसरे चरण द्वारा पेश की गई संभावनाओं को मूर्त रूप देना भी शामिल है। प्रधानमंत्री कार्यालय द्वारा यहां जारी बयान में बताया गया कि प्रधानमंत्री खान और राष्ट्रपति जिनपिंग के बीच फोन पर हुई बातचीत के दौरान दोनों नेताओं ने द्विपक्षीय संबंधों और सहयोग की समीक्षा की। बयान के मुताबिक, इस दौरान खान ने चीन के कोविड-19 पर सफलतापूर्वक काबू पाने के अलावा पाकिस्तान के साथ टीका सहयोग समेत विकासशील देशों को राहत पहुंचाने के लिए उसकी प्रशंसा की।

 

प्रधानमंत्री कार्यालय ने कहा, ‘‘ कोविड-19 की वजह से वैश्विक अर्थव्यवस्था पर पड़े नकारात्मक असर को देखते हुए दोनों नेता द्विपक्षीय आर्थिक और वाणिज्यिक संबंधों को मजबूत करने पर सहमत हुए, जिनमें चीन-पाकिस्तान मुक्त व्यापार समझौते के दूसरे चरण द्वारा पेश की गई संभावना को पूर्ण रूप से मूर्त रूप देना शामिल है, ताकि आर्थिक बाधाओं से निकला जा सके।’’ बयान के मुताबिक, बातचीत के दौरान प्रधानमंत्री ने समय से और उच्च गुणवत्तापूर्ण तरीके से चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारा परियोजना (CPEC) को लागू करने की प्रशंसा की और CEPC विशेष आर्थिक क्षेत्र में चीनी निवेश का स्वागत किया।

 

उन्होंने जोर दिया कि यथाशीघ्र एमएल-1 रेल परियोजना को लागू करने से पाकिस्तान के राष्ट्रीय और क्षेत्रीय विकास का भू आर्थिक दृष्टिकोण मजबूत होगा। गौरतलब है कि महत्वकांक्षी सीईपीसी परियोजना की शुरुआत वर्ष 2015 में चीनी राष्ट्रपति चिनफिंग की पाकिस्तान यात्रा के दौरान शुरू की गई थी। इसका उद्देश्य पश्चिमी चीन को दक्षिण-पश्चिम पाकिस्तान स्थित समुद्री बंदरगाह को सड़क और रेल मार्ग से जोड़ना और अन्य आधारभूत संरचनाओं का विकास करना है।

 

इमरान खान ने वार्ता के दौरान जलवायु परिवर्तन रोकने में चीन के नेतृत्व की भूमिका को स्वीकार किया और चिनफिंग को इस संबंध में पाकिस्तान द्वारा उठाए जा रहे कदमों की जानकारी दी। बयान के मुताबिक, फोन पर हुई दोनों नेताओं के बीच बातचीत के दौरान अफगानिस्तान पर भी चर्चा हुई। दोनों नेताओं ने विश्व समुदाय से अफगानिस्तान को तत्काल मानवीय और आर्थिक सहायता देने का आह्वान करते हुए युद्धग्रस्त देश के पुनर्निमाण कार्य से जुड़े रहने पर जोर दिया।

 


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Content Writer

Tanuja

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