अमेरिकी संसद में सऊदी अरब को हथियारों की बिक्री का प्रस्ताव खारिज

punjabkesari.in Wednesday, Dec 08, 2021 - 11:23 AM (IST)

वाशिंगटनः अमेरिकी ने सऊदी अरब को हथियारों की बिक्री के प्रस्ताव को खारिज कर दिया है। अमेरिकी सीनेट ने मंगलवार रात को 30 के मुकाबले 67 मतों के साथ यह प्रस्ताव खारिज किया। सऊदी अरब को अमेरिकी हथियारों की बिक्री में 280 मध्यम दूरी की हवा से हवा में मार करने वाली मिसाइलें शामिल हैं जिनका इस्तेमाल विस्फोटकों से लैस ड्रोन के हमलों से बचाव के लिए किया जाता है।

 

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार अमेरिका में सीनेट ने  राष्ट्रपति जो बाइडेन के प्रशासन को सऊदी अरब को 65 करोड़ डॉलर से अधिक मूल्य के हथियार बेचने से रोकने संबंधी सांसदों के एक द्विदलीय समूह के प्रस्ताव को खारिज कर दिया, जिससे खाड़ी देश की मानवाधिकारों पर निराशाजनक स्थिति के बावजूद समझौते को आगे बढ़ने का मार्ग प्रशस्त हुआ। सऊदी अरब को अमेरिकी हथियारों की बिक्री को लेकर कांग्रेस में हालिया गतिरोध के बीच केंटुकी से रिपब्लिकन पार्टी के सांसद सेन रैंड पॉल के प्रक्रियात्मक प्रस्ताव को 30 के मुकाबले 67 वोट से खारिज कर दिया गया।

 

सऊदी अरब अमेरिका के सबसे दृढ़ सहयोगियों में से एक है। लेकिन समीपवर्ती यमन में गृहयुद्ध में सऊदी अरब की अग्रणी भूमिका रही है, जिससे यमन में ईंधन, भोजन और दवा जैसी बुनियादी आवश्यकताओं की आपूर्ति अवरुद्ध हो गई है। साथ ही क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान की अमेरिका के पत्रकार जमाल खशोगी की हत्या में भूमिका रही है। इन घटनाओं ने अमेरिका के साथ देश के संबंध की मजबूती को कसौटी पर परखा है। पॉल ने सीनेट में कहा, ‘‘अगर हम वास्तव में इसे करने की इच्छा रखते तो हम इस युद्ध को रोक सकते थे। यमन में सऊदी नाकेबंदी के कारण हुई मानवीय आपदा से पूरे अमेरिका को स्तब्ध होना चाहिए।’’

 

हथियारों की बिक्री को रोकने के प्रयास में पॉल के साथ यूटा से रिपब्लिकन पार्टी के सांसद सेंस माइक ली, वर्मोंट के सांसद बर्नी सैंडर्स, मैसाचुसेट्स की सांसद एलिजाबेथ वारेन और वाशिंगटन से सांसद पैटी मरे जैसे उदारवादी नेता शामिल थे। यह पहली बार नहीं है जब सांसदों के द्विदलीय समूह ने सऊदी अरब को हथियारों की बिक्री रोकने की कोशिश की है। कांग्रेस ने बार-बार पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प को सऊदी अरब को अरबों के हथियार बेचने से रोकने की कोशिश की थी।बाइडन ने खुद नवंबर 2019 में राष्ट्रपति पद के चुनाव प्रचार के दौरान संकल्प जताते हुए कहा था कि वह वास्तव में सउदी को और अधिक हथियार नहीं बेचेंगे। लेकिन 2020 में चुनाव के बाद से बाइडन ने एक अलग कदम उठाया है।


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Content Writer

Tanuja

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