अमेरिका ने ISIS-K सरगना गफ्फारी पर एक करोड़ डॉलर का ईनाम किया घोषित

punjabkesari.in Tuesday, Feb 08, 2022 - 04:59 PM (IST)

लॉस एंजलिस: अमेरिका ने आईएसआईएस-खोरासान (ISIS-K) के सरगना सनाउल्ला गफ्फारी और काबुल अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर बीते साल हुए आतंकी हमले के लिए जिम्मेदार लोगों से जुड़ी सूचना देने पर एक करोड़ डॉलर तक का इनाम देने की घोषणा की है। अमेरिका के रिवॉर्ड्स फॉर जस्टिस (RFJ) विभाग ने सोमवार को इस आशय की अधिसूचनाएं जारी कीं। अधिसूचना के मुताबिक, ‘रिवॉर्ड्स फॉर जस्टिस  ISIS-K सरगना शहाब अल-मुहाजिर, जिसे सनाउल्लाह गफ्फारी के नाम से भी जाना जाता है, की जानकारी देने के लिए एक करोड़ अमेरिकी डॉलर तक के इनाम की पेशकश कर रहा है।'

 

इसमें कहा गया है कि ईनाम ‘26 अगस्त 2021 को अफगानिस्तान के काबुल अंतर्राष्ट्रीय हवाईअड्डे पर हुए आतंकी हमले के लिए जिम्मेदार लोगों की जानकारी देने' के लिए भी है। आरएफजे के अनुसार, 1994 में अफगानिस्तान में जन्मा गफ्फारी आतंकी संगठन ISIS-K का मौजूदा नेता है। विभाग ने बताया कि वह पूरे अफगानिस्तान में ISIS-K के सभी अभियानों को मंजूरी देने और उन पर अमल के लिए फंडिंग की व्यवस्था करने के लिए जिम्मेदार है। RFJ ने कहा कि अमेरिकी द्वारा प्रतिबंधित एक विदेशी आतंकी संगठन ISIS-K ने काबुल हवाईअड्डे पर हुए हमले की जिम्मेदारी ली थी।

 

इस हमले में कम से कम 185 लोग मारे गए थे, जिनमें 13 अमेरिकी सैनिक शामिल थे, जो नागरिकों की निकासी के अभियान में सहयोग दे रहे थे। ISIS-K के केंद्रीय नेतृत्व ने जून 2020 में गफ्फारी को संगठन का नेता नियुक्त किया था। अधिसूचना में कहा गया है,  ISIS-K ने गफ्फारी की नियुक्ति से जुड़ी घोषणा में उसे एक अनुभवी सैन्य नेता और काबुल में ISIS-K के 'शहरी शेरों' में से एक के रूप में बताया था, जो गुरिल्ला अभियानों के अलावा कई जटिल आत्मघाती हमलों की साजिश में शामिल रहा है।' आरएफजे ने सोमवार को एक ट्वीट करके भी कहा, ‘एक करोड़ डॉलर तक का इनाम ! सनाउल्ला गफ्फारी आतंकी संगठन आईएसआईएस-के का वर्तमान नेता है।

 

RFJ को सिग्नल, टेलीग्राम, व्हाट्सएप या हमारी टॉर-आधारित टिप्स लाइन के माध्यम से सूचना दें। इस आतंकी को इंसाफ के दायरे में लाने में मदद करें।' आरएफजे ने कहा कि एक आत्मघाती हमलावर और कुछ बंदूकधारियों ने काबुल हवाईअड्डे पर हमला किया, क्योंकि अमेरिका और अन्य देशों की सरकारों ने अपने नागरिकों और कमजोर अफगानों को मुल्क से सुरक्षित बाहर निकालने के लिए बड़े पैमाने पर अभियान चला रखा था। इस हमले में 18 अमेरिकी सैनिकों सहित 150 से अधिक लोग घायल हुए थे। अफगानिस्तान में सरकार गिरने और 14 अगस्त को काबुल पर तालिबान का कब्जा होने के बाद पूरे देश में अराजकता फैल गई थी। 


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Content Writer

Tanuja

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