द. कोरिया में अमेरिकी सैन्य बेस सूंघ कर ढूंढ रहा कोरोना के मरीज

punjabkesari.in Tuesday, Apr 07, 2020 - 05:43 PM (IST)

इंटरनेशनल डेस्कः कोरोना वायरस के तेजी से फैलने की सबसे बड़ी वजह है इस बीमारी के बारे में देरी से पता चलना है। इस समस्या का समाधान दक्षिण कोरिया स्थित अमेरिकी सैन्य बेस ने ढूंढ निकाला है। उन्होंने एक स्मैल (सूंघना) टेस्ट पर प्रयोग करना शुरू किया है जिससे पता चल जाएगा कि व्यक्ति कोरोना से संक्रमित है या नहीं। सैन्य बेस के गेट और करीबी इलाकों में अमेरिकी सेना के अधिकारी कैरोल और हेनरी यह टेस्ट कर रहे हैं। इसके अलावा दक्षिण कोरिया के प्रमुख शहरों में भी यह टेस्ट किया जा रहा है। स्क्रिनिंग की इस प्रक्रिया के तहत लोगों को सेब सूंघने के लिए कहा जाता है।

 

यदि लोग इसकी खूशबू ले लेते हैं तो ठीक वरना इसे कोरोना का शुरुआती लक्षण माना जाता है। इसकी वजह है कोरोना संक्रमित लोगों का सुगंध और स्वाद खोना। इस टेस्ट में फेल होने के बाद संभावित मरीजों की स्क्रीनिंग की जाती है । जिससे इस बात की पुष्टि हो सके कि व्यक्ति कोरोना की चपेट में आ गया है। अंतरराष्ट्रीय स्तर के अलग-अलग मेडिकल संस्थानों ने भी इस बात को स्वीकार किया है कि कोरोना संक्रमित व्यक्ति की सूंघने और स्वाद का पता लगाने की शक्ति समाप्त हो जाती है। सबसे पहले कोरोना की स्क्रीनिंग की शुरुआत दक्षिण कोरिया में देगु के सैन्य बेस पर हुई थी।

 

यहां सभी के लिए स्मैल टेस्टिंग के अलावा तापमान चेक करना और प्रश्नावली के जवाब देना अनिवार्य कर दिया गया था। इसी वजह से बेस में अबतक एक भी मामला सामने नहीं आया है। इसके बाद देश के अन्य सैन्य बेस और बड़े शहरों में यह स्क्रिनिंग प्रक्रिया आवश्यक कर दी गई। गैरीसन सैन्य बेस के कमांडिंग अधिकारी एडवर्ड बैलंकों के अनुसार इस तत्परता के चलते ही उनके बेस पर एक भी सदस्य कोरोना से संक्रमित नहीं हुआ। उन्होंने बताया कि स्थानीय अस्पतालों में ऐसी ही स्क्रिनिंग हो रही है। जिसमें व्यक्ति को सिरके में भीगी रुई सूंघने और कुछ सवालों के जवाब पूछे जाते हैं। वहीं डब्ल्यूएचओ भी गंधहीनता और स्वादहीनता के कोरोना से संबंध के बारे में शोध कर रहा है।


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Tanuja

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