अमेरिका में मध्यावधि चुनाव के लिए मतदान, रुझानों में ट्रंप की पार्टी आगे !

punjabkesari.in Wednesday, Nov 09, 2022 - 11:28 AM (IST)

वाशिंगटनः अमेरिका में मध्यावधि चुनाव के लिए मंगलवार को मतदान शुरू हो गया। देश के अधिकांश हिस्सों में मतदान के दौरान कोई बड़ी समस्या होने की सूचना नहीं मिली है। मंगलवार को देशभर में लगभग 4.45 करोड़ मतदाता मतदान कर चुके थे। अमेरिका में मध्यावधि चुनाव में प्रतिनिधि सभा, सीनेट के एक तिहाई और राज्य के हजारों विधायी व कार्यकारी पदाधिकारियों का चुनाव किया जाता है। डेमोक्रेटिक पार्टी के पास फिलहाल प्रतिनिधि सभा में मामूली बहुमत है। यह 1955 के बाद से सदन में सबसे कम बहुमत है। डेमोक्रेटिक पार्टी के पास सीनेट में बहुमत नहीं है तथा डेमोक्रेटिक और रिपब्लिकन पार्टी के पास 50-50 प्रतिशत सीटें हैं। ऐसे में इस चुनाव के जरिए पता चलेगा कि डेमोक्रेटिक पार्टी का बहुमत बरकरार रहेगा या नहीं।  

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महंगाई और गर्भपात सबसे बड़े मुद्दे
एडिसन रिसर्च के एग्जिट पॉल के मुताबिक अब तक के रुझानों में मतगणना के दौरान पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की पार्टी रिपब्लिकन बाइडेन की डेमोक्रेट्स से आगे चल रही है। दुनियाभर में जारी उथल-पुथल के बीच अमेरिका कई तरह की समस्याओं से जूझ रहा है लेकिन इस बार चुनाव में महंगाई और गर्भपात सबसे बड़ा मुद्दा रहा।   इसके बाद अपराध, इमिग्रेशन और गन पॉलिसी भी अहम मुद्दे रहे। अमेरिका बीते 40 साल में सबसे अधिक महंगाई की मार से जूझ रहा है। मध्यावधि चुनाव में मतदाताओ का रुझान जानने के लिए कई सर्वे किए गए हैं।

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इसी तरह हुए एडिसन रिसर्च के सर्वे से पता चला है कि हर 10 में से छह वोटर्स ने गर्भपात को गैरकानूनी करार देने के सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर गुस्सा जाहिर किया। इन लोगों ने कहा था कि देश में गर्भपात लीगल होना चाहिए। मतदाताओं ने कहा कि उन्होंने गर्भपात कानून को ध्यान में रखकर वोट किया। सर्वे में 10 में से लगभग तीन वोटर्स ने कहा कि उनके लिए महंगाई सबसे बड़ा मुद्दा है और उन्होंने इसी को ध्यान में रखकर वोट किया है। 10   में से लगभग आठ मतदाताओं का कहना है कि देश की अर्थव्यवस्था खराब दौर से गुजर रही  है जबकि दस में से लगभग दो वोटर्स ने कहा कि अर्थव्यवस्था की हालत अच्छी है। 

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दोनों पार्टियों के वर्चस्व की लड़ाई
अमेरिकी मिडटर्म चुनाव को अमेरिकी संसद के निचले और ऊपरी सदन में रिपब्लिकन और डेमोक्रेटिक दोनों पार्टियों के वर्चस्व की लड़ाई माना जाता है। इसके जरिए दोनों सदनों के सदस्यों को चुना जाता है। इसके साथ ही राज्यों में गवर्नरों का चुनाव होता है। यह चुनाव राष्ट्रपति जो बाइडेन के लिए नाक का सवाल बने हुए है। चुनाव में डेमोक्रेटिक पार्टी की हार होने पर उंगलियां बाइडेन पर उठनी तय है जबकि दूसरी तरफ पूर्व राष्ट्रपति ट्रंप के राजनीतिक भविष्य के लिए भी यह चुनाव अहम माने जा रहे हैं।

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2024 के राष्ट्रपति चुनाव की दावेदारी तय होगी
मिड टर्म इलेक्शन के नतीजे 2024 में होने वाले राष्ट्रपति चुनाव की उम्मीदवारी का आधार भी तय करेंगे।  ट्रंप का राजनीतिक भविष्य इसी पर टिका हुआ है। कहा जा रहा है कि इन चुनाव के नतीजों के बाद ट्रंप 2024 चुनाव लड़ने को लेकर ऐलान कर सकते हैं।   बता दें कि  संसद के निचले सदन प्रतिनिधि सभा में देश के कानून तय होते हैं जबकि सीनेट में उन कानूनों को हरी झंडी दी जाती है। वहीं, सीनेट के पास व्यापक शक्तियां हैं, वह राष्ट्रपति द्वारा नियुक्त किए गए लोगों का भविष्य भी तय करता है।


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Content Writer

Tanuja

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