अमेरिका ने म्‍यांमार मंत्रालय-आर्मी समूह व व्यापार पर लगाया बैन, यूट्यूब ने सेना के 5 चैनल किए बंद

punjabkesari.in Saturday, Mar 06, 2021 - 11:45 AM (IST)

 

इंंटरनेशनल डेस्कः दुनिया भर में म्यांमार के सैन्य तख्तापलट का विरोध  बढ़ता ही जा रहा है। म्यांमार  राजनीतिक संकट को लेकर होने वाली संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की विशेष बैठक से पहले  जहां अमेरिका ने म्‍यांमार के व्‍यापार पर  रोकलगाते दो कंपनियों को  ब्‍लैक लिस्ट कर दिया है वहीं  यूट्यूब ने म्यांमार सेना के पांच चैनलों को बंद कर दिया है। म्‍यांमार की सैन्‍य सरकार पर कड़ा रुख अपनाते हुए अमेरिका ने उसके म्‍यांमार इकनॉमिक कॉरपोरेशन और म्‍यांमार इकनॉमिक होल्डिंग पब्लिक कंपनी को व्‍यापार के लिए ब्‍लैक लिस्‍ट कर दिया है।

 

यूएस कॉमर्स डिपार्टमेंट ने इसके अलावा म्‍यांमार के रक्षा मंत्रालय, गृह मंत्रालय को भी इसमें शामिल किया है। अमेरिका ने ये फैसला वहां पर लोकतांत्रिक सत्‍ता की बहाली की मांग करने वालों सख्‍ती दिखाने, गोली चलाने की घटना के बाद 38 लोगों की मौत के बाद लिया है। अमेरिका की तरफ से जो प्रतिबंध लगाए गए हैं उनमें ब्‍यूरो ऑफ इंडस्‍ट्री एंड सिक्‍योरिटी (बीआईएस) ने म्‍यांमार की मिलिट्री और सिक्‍योरिटी सर्विस को वहां पर सेना द्वारा किए गए तख्‍तापलट में भागीदार माना है। अमेरिका ने अपने ताजा फैसले में म्‍यांमार से होने वाले एक्‍सपोर्ट और इंपोर्ट पर भी रोक लगा दी है। अमेरिका ने एक बार फिर से सेना द्वारा तख्‍तापलट की कार्रवाई को गलत बताते हुए कहा है कि वो लोकतंत्र का सम्‍मान करते हुए म्‍यांमार की चुनी हुई सूकी की सरकार को दोबारा बहाल करे।

 

 उधर, यूट्यूब ने कहा कि वह अन्य ऐसी समाग्री की भी जांच कर रहा है जो उसके नियमों का उल्लंघन करती हैं। इससे पहले फेसबुक ने घोषणा की थी कि उसने म्यांमा की सेना से संबंधित सभी पेजों को अपनी साइट और इंस्टाग्राम से भी हटा दिया है। अब यूट्यूब ने भी ऐसा ही निर्णय लिया है। गौरतलब है कि म्यांमा में सेना ने एक फरवरी को तख्तापलट कर देश की बागडोर अपने हाथ में ले ली थी। सेना का कहना है कि आंग सान सू ची की निर्वाचित असैन्य सरकार को हटाने का एक कारण यह है कि वह व्यापक चुनावी अनियमितताओं के आरोपों की ठीक से जांच करने में विफल रही है।  

 

 बता दें कि अमेरिका समेत संयुक्‍त राष्‍ट्र के महासचिव एंटोनियो गुटारेस ने बुधवार की घटना को खूनी दिन कहकर संबोधित किया था। इसी तरह से संयुक्‍त राष्‍ट्र की विशेष दूत क्रिस्‍टीना बर्गेनर ने भी इसको खूनी दिन बताते हुए कहा कि ये सबसे अधिक दुखद घटना है। म्‍यांमार में तख्‍ता पलट के बाद क्रिस्‍टीना ने म्‍यांमार के डिप्‍टी मिलिट्री चीफ से बात भी की थी। हालांकि उन्‍हें अपने बात का सही जवाब नहीं मिला। 


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Content Writer

Tanuja

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