ट्रंप ने चीन के खिलाफ नए कानून पर किए हस्ताक्षर, 60 कंपनियों पर भी लगाया बैन

punjabkesari.in Saturday, Dec 19, 2020 - 10:03 AM (IST)

वाशिंगटनः अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने जाते-जाते चीन के खिलाफ एक ऐसे कानून पर हस्ताक्षर कर मंजूरी प्रदान की है जिससे ड्रैगन की मुसीबतें  और बढ़ जाएंगी।इसके अलावा ट्रंप ने चीन की 60 और कंपनियों पर भी बैन लगा दिया है। इस नए कानून के परिणामस्वरूप अमेरिकी शेयर बाजार में काम करने वाली चीन की कंपनियों पर रोक लगाई जा सकती है।  यह जानकारी  व्हाइट हाउस ने शुक्रवार को दी।  जानकारी के मुताबिक 18 दिसंबर 2020 को राष्ट्रपति ने विदेशी कंपनियों की जवाबदेही तय करने वाले कानून एस 945 पर हस्ताक्षर कर उसे मंजूरी प्रदान की है। 

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इस कानून के तहत  किसी विदेशी सरकार के स्वामित्व अथवा उसके द्वारा नियंत्रित कंपनियों को सुरक्षा संबंधी कड़े नियमों का पालन करना होगा और साथ ही अमेरिका के सार्वजनिक कंपनी लेखा पर्यवेक्षक बोर्ड की ओर से लेखा जांच संबंधी तय मानकों के मद्देनजर स्वीकृति भी लेनी होगी। अमेरिकी संसद के निचले सदन हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव ने इसी महीने इस कानून को मंजूरी दी है जबकि सीनेट ने मई में ही इसे पारित कर दिया था। इस कानून के मुताबिक अमेरिकी शेयर बाजार में काम करने वाली कंपनियों को यह बताना होगा कि उसका स्वामित्व किसके पास है और उसे कौन संचालित कर रहा है। 

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इसके अलावा अमेरिका के वाणिज्य मंत्रालय ने चीन की शीर्ष ड्रोन निर्माता कंपनी डीजेआई के अलावा 59 अन्य वैज्ञानिक एवं औद्योगिक उत्पादन इकाईयों पर पाबंदी लगाने की घोषणा की है। अमेरिका ने इन कंपनियों को अपनी राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा बताते हुए विदेश नीति के विपरीत करार दिया है। वाणिज्य मंत्रालय के औद्योगिक एवं सुरक्षा ब्यूरो की ओर से शुक्रवार को जारी की गयी सूची के मुताबिक चीन की ड्रोन निर्माता कंपनी DJI  के अलावा 59 अन्य कंपनियों की गतिविधियों को राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए चिंताजनक बताया गया है जिसे ध्यान में रखकर इन पर प्रतिबंध लगाया गया है।

 

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बीजिंग इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, चीन की शीपिंग कंपनी की सहायक अनुसंधान कंपनियों के अलावा नानजिंग एयरोनॉटिक्स एंड एस्ट्रोनॉटिक्स यूनिवर्सिटी और सेमीकंडक्टर निर्माता कंपनियों पर प्रतिबंध लगाया गया है। अमेरिका के वाणिज्य मंत्रालय ने एक वक्तव्य जारी कर कहा कि चीन की जिन कंपनियों पर प्रतिबंध लगाया गया है वे दक्षिण चीन सागर में सैन्य गतिविधियों को बढ़ाने, चीनी सेना के लिए अमेरिकी उत्पादों का इस्तेमाल करने तथा खुफिया जानकारी चुराने के काम में संलिप्त हैं।अमेरिका के वाणिज्य मंत्री विल्बर रॉस ने कहा, ‘‘ अपनी सीमा और बाहरी क्षेत्रों में चीन के धौंस दिखाने तथा भ्रष्ट आचरण से अमेरिका की राष्ट्रीय सुरक्षा और हमारे सहयोगियों की संप्रभुता के लिए खतरा पैदा हुआ है। चीन का रवैया मानवाधिकारों के उल्लंघन तथा अल्पसंख्यक धार्मिक समुदायों के लोगों के लिए भी घातक है।''  


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Tanuja

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