अमेरिका-आस्ट्रेलिया की चीन को वार्निंग -"बीजिंग की संपत्ति नहीं द.चीन सागर, बंद करे दादागिरी"

punjabkesari.in Sunday, Jul 26, 2020 - 11:29 AM (IST)

इंटरनेशनल डेस्कः चीन को सबक सिखाने के लिए दुनिया की कई महाशक्तियां अब एकजुट हो रही हैं। भारत और जापान के बाद अब अस्ट्रेलिया ने अमेरिका के सुर में सुर मिलाते चीन को खरी-खरी सुनाई है। अमेरिकी विदेश मंत्री ने चीन को वार्निंग देते हुए कहा है कि दक्षिण चीन सागर बीजिंग की संपत्ति नहीं है और अगर ड्रैगन को छूट दी तो और क्षेत्र पर कब्जा कर लेगा।

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दक्षिण चीन सागर पर चीन के दावे को खारिज करते हुए अमेरिका ने दो टूक कहा है कि यह बीजिंग की संपत्ति नहीं है। अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पॉम्पिओ ने शनिवार को चीन पर करारा वार किया और कहा कि यदि चीन अंतरराष्ट्रीय कानूनों का उल्लंघन करता रहा और स्वतंत्र देशों ने कुछ नहीं किया तो वह और क्षेत्र पर कब्जा कर लेगा। माइक पॉम्पिओ ने कहा, ''अमेरिका की नीति शीशे की तरह साफ है। साउथ चाइना सी चीन की समुद्री संपत्ति नहीं है। यदि बीजिंग अंतरराष्ट्रीय कानूनों का उल्लंघन करता रहा और स्वतंत्र देश कुछ नहीं करेंगे तो इतिहास बताता है कि चीनी कम्युनिस्ट पार्टी (CCP) और क्षेत्र पर कब्जा कर लेगी। चाइना सी विवाद का निपटारा अंतरराष्ट्रीय कानूनों के मुताबिक हो।

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उधर, ऑस्ट्रेलिया ने अमेरिका के सुर में सुर मिलाते हुए दक्षिण चीन सागर में चीन के दावों को अवैध करार दिया है। ऑस्ट्रेलिया के इस कदम से चीन की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। संयुक्त राष्ट्र को भेजे गए पत्र में ऑस्ट्रेलिया के स्थायी मिशन ने महत्वपूर्ण व्यापारिक जल मार्ग में स्थित द्वीपों को लेकर चीन की कम्युनिस्ट पार्टी के दावों को खारिज करते हुए उन्हें असंगत करार दिया। भेजे गए पत्र में कहा गया है कि ऑस्ट्रेलियाई सरकार चीन के उन दावों को खारिज करती है जो समुद्री कानून को लेकर 1982 के संयुक्त राष्ट्र समझौते (यूएनसीएलओएस) के अनुरूप नहीं हैं, खासकर तटरेखा और समुद्री क्षेत्र संबंधी नियम को नहीं मानने वाले दावों को स्वीकार नहीं किया जा सकता।

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पत्र के मुताबिक चीन के पास कोई वैधानिक अधिकार नहीं है कि वह एक सीधी तटरेखा खींचकर दक्षिण चीन सागर के सूदूर स्थित बिंदुओं और द्वीप समूहों को अपने देश से जोड़ ले। बता दें कि दक्षिण चीन सागर तीन द्वीप समूहों में बंटा है। चीन करीब-करीब पूरे दक्षिण चीन सागर को अपना संप्रभु क्षेत्र होने दावा करता है। हाल के सालों में चीन ने अपने इस दावे को लेकर आक्रामक रुख अख्तियार किया है।

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एक हफ्ते पहले अमेरिका ने भी अधिकारिक तौर पर चीन के दावों को खारिज कर दिया था। अमेरिका ने कहा था कि दक्षिण चीन सागर के क्षेत्रों पर कब्जे को लेकर चीन का दादागीरी दिखाना अन्याय है। अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पियो ने 13 जुलाई को एक बयान जारी करके अमेरिका के रुख को स्पष्ट किया था। विदेश मंत्री ने कहा था कि चीन सरकार के पास क्षेत्र में अपनी मर्जी थोपने का कोई वैध आधार नहीं है।


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Tanuja

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