अमेरिकी इतिहास हुआ दागदारः बाइडेन को 'न्यूक्लियर फुटबॉल' और कोड दिए बिना चले गए ट्रंप

punjabkesari.in Thursday, Jan 21, 2021 - 11:50 AM (IST)

वॉशिंगटनः डोनाल्ड ट्रंप ने बुधवार को व्हाइट हाउस को अलविदा कह दिया और इसके साथ ही अमेरिका के इतिहास में उनके कार्यकाल की एक ऐसी दागदार विरासत अंकित हो गई जैसी पहले कभी नहीं देखी गई।  बु राष्ट्रपति ट्रंप की व्हाइट हाउस से विदाई के बाद जो बाइडेन ने नए राष्ट्रपति पद की शपथ ली। अमेरिका में पुराने राष्ट्रपति के पद छोड़ने और नए राष्ट्रपति के शपथ लेने के साथ ही एक और बड़ा ट्रांसफर होता है।

 

यह है न्यूक्लियर पॉवर का ट्रांसफर, यानी दुनिया को तबाह करने की ताकत नए राष्ट्रपति के पास आ जाती है।  दरअसल, यह न्यूक्लियर पॉवर एक काले रंग के ब्रीफकेस में बंद होती है। इसी को न्यूक्लियर फुटबॉल भी कहते हैं। राष्ट्रपति के पास दो 'न्यूक्लियर फुटबॉल' और इससे भी ज्यादा जरूरी उसमें दो सेट 'न्यूक्लियर लॉन्च कोड' रखे होते हैं। न्यूक्लियर कोड एक कार्ड पर लिखे होते हैं, जिसे न्यूक्लियर बिस्किट भी कहते हैं। ये दोनों चीजें अमेरिकी राष्ट्रपति के पास हर वक्त रहती हैं।

 

कैसे होती है न्यूक्लियर ट्रांसफर की प्रक्रिया?
ब्लैक ब्रीफकेस यानी फुटबॉल में परमाणु हमले के लिए कोड होते हैं, इसके जरिए ही अमेरिकी राष्ट्रपति पेंटागन को न्यूक्लियर हमले का आदेश दे सकते हैं। ये न्यूक्लियर कोड कभी भी राष्ट्रपति से अलग नहीं होता है, जब अमेरिका में नए राष्ट्रपति शपथ लेते हैं, तो उस दौरान ही ब्रीफकेस भी एक से दूसरे के पास चला जाता है।हालांकि इस बार ऐसा नहीं हो पाया, क्योंकि डोनाल्ड ट्रंप नए राष्ट्रपति बाइडेन के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल नहीं हुए। अमेरिकी इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ, जब किसी पुराने राष्ट्रपति ने नए राष्ट्रपति को न्यूक्लियर लॉन्च कोड ट्रांसफर नहीं किया।


बाइडेन के शपथ लेने के साथ ही डेड हो गए कोड
ट्रंप बुधवार सुबह ही व्हाइट हाउस से फ्लोरिडा के लिए रवाना हो गए। उनके साथ न्यूक्लियर फुटबॉल भी फ्लोरिडा चला गया। लेकिन, इसमें रखे न्यूक्लियर लॉन्च कोड दोपहर 12 बजे और बाइडेन के शपथ लेने के साथ ही डेड हो गए, ठीक उसी तरह जैसे- क्रेडिट कार्ड के पासवर्ड एक्सपायर हो जाते हैं। इस बार बाइडेन के लिए वॉशिंगटन डीसी के कैपिटल से न्यूक्लियर फुटबॉल और न्यूक्लियर लॉन्च कोड का दूसरा सेट आया। जिसे अमेरिकी सेना के कमांडर इन चीफ ने राष्ट्रपति जो बाइडेन को ट्रांसफर किया।

 

7 दशक में ऐसा पहली बार हुआ
जब से यह कानून बना है, तब से 7 दशक में ऐसा पहली बार हुआ है। स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर स्कॉट सागन NYT से कहते हैं कि यह पूरी तरह से गलत हुआ। इस बात का कोई तुक नहीं है कि न्यूक्लियर लॉन्च कोड ट्रम्प के पास एक्सपायर हो गए। उन्हें इसे बाइडेन को देकर ही जाना चाहिए था। इसके अलावा ट्रंप को उनकी अप्रत्याशित नेतृत्व क्षमता, समर्थकों और विरोधियों को समान रूप से लक्षित कर दिए गए विभाजनकारी बयानों के लिए और एक ऐसे राष्ट्रपति के रूप में जाना जाएगा जिन पर दो बार महाभियोग चलाया गया।


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Tanuja

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