यूक्रेन की सड़कों पर बिछी रूसी सैनिकों की लाशें, मृतकों की संख्‍या छिपा रहे पुतिन ! (Pics)

punjabkesari.in Thursday, Mar 24, 2022 - 04:55 PM (IST)

 इंटरनेशनल डेस्कः  रूस के कीव पर चल रहे आक्रमण को 24 मार्च को एक महीना पूरा हो गया। इस दौरान दोनों देशों का काफी जान-माल का नुकसान हो चुका है। यूक्रेन में जंग के बीच अब सड़कें  रूसी सैनिकों की लाशों से पटती जा रही हैं। नाटो देशों का अनुमान है कि यूक्रेन के साथ जंग में रूस के 7 हजार से लेकर 15 हजार तक सैनिक मारे गए हैं। उधर, रूस ने अभी तक यह नहीं बताया है कि यूक्रेन के युद्ध में उसके कितने सैनिक मारे गए हैं। यूक्रेन में कीव के पास से लेकर मयकोलैव इलाके तक रूसी सैनिकों की लाशें बिखरी पड़ी हैं और उन्‍हें उठाने वाला कोई नहीं है।

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CNN की रिपोर्ट के मुताबिक रूसी सैनिकों की यह लाशें अब समस्‍या बनती जा रही हैं। मयकोलैव इलाके के गवर्नर विटाली किम ने शनिवार को स्‍थानीय लोगों से अपील की कि वे लाशों को इकट्ठा करें और उन्‍हें बैग में भर दें क्‍योंकि तापमान लगातार कम होता जा रहा है। उन्‍होंने लोगों से कहा कि हम जानवर नहीं हैं। उन्‍होंने स्‍थानीय लोगों से यह अपील ऐसे समय पर की है जब हजारों की तादाद में यूक्रेन के लोग रूसी सेना के हमलों में मारे गए हैं।
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मयकोलैव वह इलाका है जब 24 फरवरी को रूसी सेना से सबसे पहले हमला बोला था। यहां रूसी सेना को यूक्रेनी सेना के जोरदार जवाबी कार्रवाई के बाद अपने टैंक आदि को छोड़कर वापस लौटना पड़ा था। इस बीच नाटो ने बुधवार को दावा किया कि यूक्रेन में पिछले चार हफ्ते से जारी लड़ाई में रूस के 7000 से 15000 सैनिक मारे गये हैं। इससे पहले रूस ने अफगानिस्तान में 10 वर्षों में करीब 15000 सैनिक गंवाये थे। इस तरह से रूस अब अफगानिस्‍तान युद्ध की तरह से नुकसान उठा रहा है।

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नाटो के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि गठबंधन का यह आकलन यूक्रेन के अधिकारियों से मिली सूचना और खुले स्रोतों से जुटायी गई खुफिया सूचनाओं पर आधारित है जिसे रूस ने जानबूझकर जारी किया या नहीं किया। यूक्रेन ने अपने सैन्य नुकसान के बारे में बहुत कम सूचना जारी की है और पश्चिमी देशों ने भी कोई आकलन नहीं दिया है। बहरहाल, दो सप्ताह पहले यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने कहा था कि उनके करीब 1300 सैनिक युद्ध में मारे गये हैं। रूस ने 24 फरवरी को यू्क्रेन पर अपनी सैन्य कार्रवाई शुरू की थी और इस बुधवार को लड़ाई के चार हफ्ते हो गये। दूसरे विश्व युद्ध के बाद से यह सबसे बड़ी सैन्य कार्रवाई है।


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Content Writer

Tanuja

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