अफगानिस्तान में मानवाधिकारों की स्थिति के लिए तालिबान की जवाबदेही जरूरीः HRW

punjabkesari.in Wednesday, Dec 01, 2021 - 05:51 PM (IST)

न्यूयॉर्क: एक यूएस-आधारित अधिकार समूह ने कहा कि अफगानिस्तान में जबरन सत्ता में आई तालिबान सरकार अपने किसी भी दावे पर खरी नहीं उतरी है।  तालिबान के क्रूरता रोकने व बिना भेदभाव शासन के  दावे "जनसंपर्क स्टंट" से ज्यादा कुछ नहीं है। समूह ने कहा कि इसके लिए तालिबान की जवाबदेही तय हो और संयुक्त राष्ट्र अफगानिस्तान की मानवाधिकार स्थिति की निरंतर जांच करे। ह्यूमन राइट्स वॉच ( HRW ) के सहयोगी एशिया निदेशक पेट्रीसिया गॉसमैन ने कहा किन अफगानिस्तान में माानवाधिकारों की स्थिति के लिए तालिबान की जवाबदेही जरूरी है।

 

पेट्रीसिया गॉसमैन की यह टिप्पणी उस समय आई है जब अधिकार समूह ने एक रिपोर्ट जारी कर दावा किया था कि अफगानिस्तान में तालिबान बलों ने  अफगान पर कब्जे के बाद केवल 3 माह मे ही चार प्रांतों में 100 से अधिक पूर्व पुलिस और खुफिया अधिकारियों को सरसरी तौर पर मार डाला है या जबरन गायब कर दिया है।  
  ह्यूमन राइट्स वॉच ने अकेले ग़ज़नी, हेलमंद, कंधार और कुंदुज़ प्रांतों से 100 से अधिक हत्याओं पर विश्वसनीय जानकारी एकत्र की।

 

ह्यूमन राइट्स वॉच की एसोसिएट एशिया डायरेक्टर पेट्रीसिया गॉसमैन ने कहा, "तालिबान नेतृत्व के वादे के मुताबिक़ माफी ने स्थानीय कमांडरों को अफ़ग़ान सुरक्षा बल के पूर्व सदस्यों को सरसरी तौर पर मौत के घाट उतारने या गायब करने से नहीं रोका है।" इसलिए आगे की हत्याओं को रोकने, जिम्मेदार लोगों को पकड़ने और पीड़ितों के परिवारों को मुआवजा देने के लिए तालिबान पर दबाव बनाना जरूरी है।"

 


 HRW  ने कहा कि उसने चार प्रांतों में व्यक्तिगत रूप से 40 लोगों और अन्य 27 लोगों से टेलीफोन पर साक्षात्कार लिया, अर्थात् गवाह, रिश्तेदार और पीड़ितों के दोस्त, पूर्व सरकारी अधिकारी, पत्रकार, स्वास्थ्य कार्यकर्ता और तालिबान सदस्य। इस दौरान  तालिबान के एक कमांडर ने कहा कि अत्याचार के लिए जिम्मेदार लोगों को "माफ नहीं किया जा सकता।" लेकिन रिपोर्ट के मुताबिक  हकीकत इस दावे के बिल्कुल विपरीत है।


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Content Writer

Tanuja

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