ताबिलान राज में अल कायदा उठायागा सिर, विदेशों में बढ़ेगी आंतकियों की घुसपैठ

punjabkesari.in Tuesday, Aug 24, 2021 - 05:48 PM (IST)

वाशिंगटन: अफगानिस्तान में बहुत तेज़ी से बदलती स्थिति के मद्देनजर अमेरिका में बाइडेन प्रशासन अल-कायदा के फिर से सर उठाने की आशंका से निपटने के लिए योजना बना रहा है। ये ऐसे समय पर हो रहा है जब अमेरिका अपने देश में हिंसक चरमपंथ और रूस एवं चीन की ओर से किए जाने वाले साइबर हमलों से निपटने की जद्दोजहद कर रहा है। अल कायदा वही समूह है जिसने 11 सितंबर 2001 में अमेरिका पर हमला किया था जिसके बाद अमेरिका नीत नाटो बलों ने उसका सफाया करने के लिए अफगानिस्तान युद्ध की शुरूआत की थी। अफगानिस्तान से अमेरिकी सैनिकों की वापसी और तालिबान के उभरने पर ट्रंप प्रशासन में आतंकवाद रोधी महकमे में वरिष्ठ निदेशक रहे क्रिस कोस्टा ने कहा, “ मेरे ख्याल में अल-कायदा के पास मौका है और वह उस अवसर का फायदा उठाएंगे।” उन्होंने कहा, “ यह (अफगानिस्तान में जो हुआ) हर जगह के जिहादियों को प्रेरित करने वाला घटनाक्रम है।”

 

गौरतलब है कि अफगानिस्तान में चली 20 साल लंबी जंग में अल-कायदा काफी हद तक खत्म हो गया है और अभी यह स्पष्ट नहीं है कि समूह के पास अमेरिका पर 2001 जैसा हमला फिर से करने की क्षमता है या नहीं। हालांकि अमेरिका ने 20 साल में निगरानी बढ़ाई है और अन्य सुरक्षात्मक उपाय किए हैं। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की जून की एक रिपोर्ट में कहा गया था कि समूह के वरिष्ठ नेतृत्व अब भी अफगानिस्तान में है और उसके साथ सैकड़ों सशस्त्र कारिंदे हैं। अमेरिकी रक्षा मुख्यालय पेंटागन के प्रवक्ता जॉन किर्बी ने शुक्रवार को माना कि अल कायदा अफगानिस्तान में मौजूद है, लेकिन उसकी तादाद का पता लगाना मुश्किल है क्योंकि देश में खुफिया जानकारी इकट्ठा करने की क्षमत घटी है। अफगानिस्तान में इस्लामिक स्टेट ने अमेरिकियों पर हमले किए है।

 

तालिबान ने अतीत में इस्लामिक स्टेट के खिलाफ लड़ाई लड़ी है लेकिन अब चिंता का सबब यह है कि अफगानिस्तान फिर से कई चरमपंथियों के लिए एक पनाहगाह हो सकता है जो अमेरिका और अन्य देशों पर हमले कर सकते हैं। राष्ट्रपति जो बाइडन ने कहा है कि अमेरिका को दूर से ही आतंकवाद के खतरे का पता लगाने की क्षमता विकसित करनी होगी। उनके राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेक सुलिवन ने सोमवार को पत्रकारों से कहा कि बाइडन ने स्पष्ट किया है कि आतंकवाद रोधी क्षमताओं को उस हद तक मजबूत किया गया है जो जमीन पर मौजूदगी के बिना ही खतरे को कम कर दे। उन्होंने कहा कि खुफिया समुदाय को विश्वास नहीं है कि अल-कायदा के पास वर्तमान में अमेरिका पर हमला करने की क्षमता है। 

 

पिछले एक हफ्ते में  अमेरिका में कई लोगों ने अफगानिस्तान के तालिबान के तेजी से अधिग्रहण के बाद बाइडेन प्रशासन द्वारा उठाए जा रहे कदमों को लेकर हैरानी और नाराजगी व्यक्त की है। दुनिया ने देखा है कि काबुल के हवाई अड्डे पर किस तरह लोग देश छोड़ने के लिए संघर्ष कर रहे हैं  और अमेरिकी कमांडर इन चीफ वास्तव में इस स्थिति को संभालने में असफल साबित हुए हैं । जानकारों के अनुसार तालिबान ने अफगानिस्तान  पर कब्जा करते ही हजारों कैदियों को रिहा कर दिया है, जिनमें से कई आतंकवादी हैं। ये खतरनाक लोग अमेरिका और पश्चिम पर हमला करने के लिए  उत्साहित हैं क्योंकि हमने पिछले दो दशकों में मध्य पूर्व में उनके गढ़ों को नष्ट करने में मदद की है।

 

जबकि राष्ट्रपति जो बाइडेन ने कहा है कि अफगानिस्तान से हटने का कभी भी सही समय नहीं होगा, यह सबसे खराब समय हो सकता है क्योंकि इन आतंकवादियों के पास हमारी दक्षिणी सीमा पर यू.एस. में घुसने के लिए एक  आसान रास्ता है। उन्होंने कहा कि हम जानते हैं कि खतरनाक अपराधियों, गिरोह के सदस्यों और कुछ आतंकवादियों की एक खतरनाक संख्या इस साल पहले ही हमारे देश में प्रवेश कर चुकी है, और जल्द ही ये आतंकवादी अपनी पसंद के  अमेरिकी शहरों में पहुंच सकते हैं जो कि अमेरिका के लिए चिंता की बात है।


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Content Writer

Tanuja

Recommended News

Related News