TTP और पाकिस्तान सरकार के बीच बिचोलिया बना तालिबान, हक्कानी ने शुरू कराई बातचीत
punjabkesari.in Monday, Nov 08, 2021 - 02:18 PM (IST)
इस्लामाबाद: तालिबान प्रतिबंधित संगठन तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (TTP) और पाकिस्तान सरकार के बीच बातचीत में मध्यस्थता कर रहा है। पाकिस्तानी अखबार एक्सप्रेस ट्रिब्यून के मुताबिक तालिबानी नेतृत्व ने पाकिस्तान को ऑफर दिया है कि वह TTP और अन्य गुटों के साथ बातचीत को शुरू कराएगा। इसी दौरान तालिबान ने यह भी वादा किया है कि अगर कोई गुट बातचीत और समझौते से परहेज करता है तो उसके खिलाफ सैन्य कार्रवाई होगी।
पाकिस्तान सरकार और TTP के बीच अब तक तीन बार बातचीत हो चुकी है। एक बैठक काबुल में वहीं दो बैठकें खोस्त में हुई हैं। पाकिस्तान के पालतू और तालिबानी गृहमंत्री सिराजुद्दीन हक्कानी ने इस बातचीत में मध्यस्थ की भूमिका निभाई है। खबरें हैं कि TTP ने अपने लोगों को छोड़ने के बदले में एक महीने के सीजफायर का ऐलान किया है। हालांकि इसकी पुष्टि नहीं हुई है। काबुल में पाकिस्तानी राजदूत ने कहा है कि वह न तो बातचीत की खबर की पुष्टि करते हैं और न ही इसका खंडन करते हैं।
रिपोर्ट में कहा गया है कि पाकिस्तान TTP में शामिल कुछ ऐसे धड़ों को साधने की कोशिश कर रहा है जो बातचीत के इच्छुक हैं। इससे TTP में फूट पड़ जाएगी और वह कमजोर हो जाएगा। फिर उसके खिलाफ पाकिस्तानी सेना कार्रवाई करेगी। दरअसल तालिबान ने TTP के खिलाफ कार्रवाई करने से मना कर दिया, इसके बाद पाकिस्तान सरकार को बातचीत के लिए मजबूर होना पड़ा है। टोलो न्यूज की रिपोर्ट के अनुसा कार्यवाहक आंतरिक मंत्री सिराजुद्दीन हक्कानी ने पिछले दो सप्ताह से खोस्त के दक्षिणपूर्वी प्रांत में दोनों पक्षों के बीच वार्ता की मेजबानी की। हालांकि इस्लामिक अमीरात ने रिपोर्टों की पुष्टि नहीं की, लेकिन कहा कि वह अपनी भूमिका निभाएगा। इस्लामिक अमीरात के उप प्रवक्ता बिलाल करीमी ने कहा, "इस्लामिक अमीरात का रुख यह है कि यह महत्वपूर्ण समस्याओं को हल करने के लिए अहम भूमिका निभाएगा।"
टोलो न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार वार्ता की मध्यस्थता अफगानिस्तान के हित में होगी या नहीं, इस पर अलग-अलग विचार हैं। इससे पहले TTP ने युद्धविराम की पूर्व शर्त के तौर पर अपने बंदियों की रिहाई पर जोर दिया था। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने कहा कि उनका प्रशासन TTP के साथ बातचीत में शामिल है। टोलो न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, नेशनल सॉलिडेरिटी मूवमेंट के नेता सैयद इशाक गिलानी ने कहा कि चल रही बातचीत को इस्लामिक अमीरात के लिए एक उपलब्धि माना जा रहा है। उन्होंने कहा कि अगर सिराजुद्दीन हक्कानी ने वार्ता में मदद की तो यह अफगानिस्तान के लोगों के लिए सम्मान की बात है।"
टीटीपी 2007 से पाकिस्तान के कई हिस्सों में सक्रिय है।