तालिबान का अपने सबसे बड़े दुश्मन दोस्तम के महल पर कब्जा, देखें कैसे ऐश कर रहे आंतकी (Video)
punjabkesari.in Tuesday, Sep 14, 2021 - 12:13 PM (IST)
काबुल: तालिबान लड़ाकों ने अपने सबसे कट्टर दुश्मनों में से एक अफगानिस्तान के पूर्व सैन्य जनरल अब्दुल राशिद दोस्तम के भव्य महल पर कब्जा कर लिया है। अब इसका हर हिस्सा तालिबान लड़ाकों के हाथों में है। इस महल में तालिबान के सबसे शक्तिशाली कमांडरों में से एक कारी सलाहूद्दीन अयोउबी और उसके समर्थक ऐश कर रहे हैं। तालिबानी कमांडर की सुरक्षा में तैनात 150 आतंकी अब इस घर में रह रहे हैं। गत 15 अगस्त को काबुल पर तालिबान के कब्जे के बाद से ही ये आतंकी दोस्तम के घर में मजे लूट रहे हैं।
महल के अंदर तुर्की की शैली में भाप से नहाने का पूरा इंतजाम मौजूद है। यही नहीं महल के अंदर ही मार्शल दोस्तम के लिए उपकरणों से लैस जिम भी बनाया गया है। तालिबानी आतंकियों के लिए यह किसी सपने की तरह से है जो करीब 20 साल से पहाड़ों और घाटियों में जिंदगी बिता रहे थे। इस विशाल विला ने कट्टर इस्लामवादियों को अफगानिस्तान के पूर्व शासकों के जीवन के बारे में एक झलक भी दिखाई। तालिबान लड़ाके पूरे महल में घूम रहे हैं और दोस्तम के बिस्तर पर सो रहे हैं।
वे वीडियो बनाकर बता रहे हैं कि दोस्तम किस कदर एक राजा की तरह रहते थे। कब्जे के बाद तालिबानियों के ऐसे कई वीडियो सामने आए थे जिनमें वे स्नूकर खेलते और बच्चों की गाडिय़ां चलाते नजर आए। महल में एक चौड़े एपल-ग्रीन कलर के कारपेट के साथ एक अंतहीन गलियारा नजर आता है, जहां एक तालिबानी लड़ाका अपनी क्लाशिनकोव राइफल के साथ सोफे पर सो रहा है।गलियारे में सो रहा तालिबानी फाइटर कारी सलाहुद्दीन अयूबी की पर्सनल सिक्योरिटी देखता है।
सलाहुद्दीन अयूबी के बारे में कहा जाता है कि वह तालिबानी शासन के सबसे शक्तिशाली कमांडरों में से एक है और गत 15 अगस्त को काबुल में तालिबान का नियंत्रण स्थापित होने के दिन ही सलाहुद्दीन ने भी हवेली में 150 लोगों की अपनी कंपनी तैयार कर ली थी। बता दें कि अफगानिस्तान के पूर्व सैन्य जनरल अब्दुल राशिद दोस्तम कई साल से तुर्की में रह कर इलाज करा रहे थे। अगस्त में तुर्की से वापस अफगानिस्तान लौट आए थे और अपने प्रांत को तालिबान के कब्जे से छुड़ाने की कोशिश करते रहे परंतु जब ऐसा नहीं हो सका तो उन्होंने काबुल छोड़ दिया। अभी उनके उज्बेकिस्तान में होने की खबर है।
दोस्तम का यह महल हर तरफ हरियाली से भरा हुआ है। पूरे महल में जहां हरे रंग की कालीन बिछी हुई है, वहीं एक शानदार बगीचा घर के अंदर मौजूद है। अब इस पूरे महल पर तालिबानियों का कब्जा है। तालिबानी लड़ाके कालीन, आलीशान सोफे पर सो रहे हैं। वहीं बगल में उनकी राइफल भी पड़ी हुई है। महल के अंदर 7 विशाल टैंक बनाए गए हैं जिसमें मछलियां भरी हुई हैं। महल में गर्मी से निजात दिलाने के लिए कूलर और एसी लगे हुए हैं। कुछ सोफे दोस्तम के बगीचे में लगे हुए हैं जहां पर अब तालिबानी आराम फरमाते हैं। आम अफगान जनता के लिए ये ऐशो आराम किसी सपने से कम नहीं था लेकिन दोस्तम अपने काबुल के इस महल में ऐश करते थे। घर में बने विशाल हॉल के अंदर शीशे के चैण्डेलयर (झाड़ फानूस) लगाए गए हैं जो देखने में बेहद आकर्षक लग रहे हैं। इस घर के अंदर ही एक विशाल और भव्य इंडोर स्विमिंग पूल भी मौजूद है।
अब्दुल रशीद दोस्तम का अफगानिस्तान के उत्तरी इलाकों में बड़ा प्रभाव है। तालिबान का साथी पाकिस्तान भी दोस्तम के नाम से कांपता है। वर्ष 1990 में जब तालिबान के लड़ाके पूरे देश पर कब्जा करने के लिए हमला कर रहे थे तब उन्होंने अकेले ही उत्तरी क्षेत्रों में बगावत की कमान संभाली थी। पंजशीर में तालिबान और विरोधी गुटों के बीच भीषण लड़ाई जारी है। तालिबान के लड़ाके अमेरिकी हथियारों के साथ पंजशीर के काफी इलाकों पर कब्जा कर लिया है। संकट की इस घड़ी में पंजशीर के शेर अहमद मसूद के दोस्त अब्दुल रशीद दोस्तम ने भी मुसीबत के समय उनका साथ छोड़ दिया है।
पहले ऐसी खबरें आई थी कि वह मसूद के मोर्चे का समर्थन करने के लिए एक गठबंधन का ऐलान करने वाले थे।दरअसल, तालिबान के कट्टर विरोधी अता मोहम्मद नूर, सलाहुद्दीन रब्बानी, मार्शल अब्दुल रशीद दोस्तम और मोहम्मद मोहकिक साथ मिलकर अहमद मसूद के समर्थन में एक गठबंधन बनाने वाले थे। अब खबर आ रही है कि तुर्की और ईरान सरकार के विरोध के कारण इन नेताओं ने फिलहाल गठबंधन बनाने से किनारा कर लिया है। इन दोनों देशों का तालिबान के साथ नजदीकी संबंध हैं। ऐसे में ये देश अपने प्रभाव का इस्तेमाल कर अफगानिस्तान के इन वॉरलॉर्ड्स को रोक रहे हैं।