डूरंड रेखा विवाद: पाकिस्तान के लिए टेंशन बना तालिबान

punjabkesari.in Saturday, Jan 29, 2022 - 05:43 PM (IST)

इस्लामाबाद : पाकिस्तान-अफगानिस्तान सीमा पर हाल की घटनाओं ने डूरंड रेखा के अनसुलझे मुद्दे को उजागर किया है, जिसमें दोनों पक्षों के बीच तनाव को बढ़ाने की उम्मीद है। अगस्त में तालिबान के काबुल के अधिग्रहण के बाद  पाकिस्तान को डूरंड रेखा विवाद हल होने की उम्मीद थी और अंतरराष्ट्रीय समुदाय की ओर से आतंकवादी हमले की चेतावनी के बावजूद पाकिस्तानी नेतृत्व ने अफगान तालिबान का समर्थन किया।  लेकिन अब डूरंड रेखा को लेकर दोनों देशों के बीच पिछले कुछ दिनों में तनाव ज्यादा ही बढ़ गया है।

 

वर्चुअल थिंक-टैंक ग्लोबल स्ट्रैट व्यू के संपादकीय अंश में कहा गया है कि  इसका खामियाजा अब पाकिस्तान को भुगतना पड़ रहा है। तालिबान ने पाकिस्तान की सेना द्वारा डूरंड रेखा पर लगाए गए बाड़े को तहस-नहस कर दिया। विशेषज्ञों का मानना है कि सीमा पर मौजूदा सीमा संघर्ष संभावित रूप से काबुल और इस्लामाबाद के बीच संबंधों में दरार का कारण बन सकता है।  दरअसल, पाकिस्तान-अफगानिस्तान सीमा पर डूरंड रेखा विवाद का मामला लगातार बढ़ता ही जा रहा है। डूरंड रेखा को लेकर दोनों पक्षों के बीच तनाव बढ़ने की आशंका जताई जा रही है। हालांक, जब अफगानिस्तान में तालिबान का राज लौटा था, तो पाकिस्तान ने डूरंड रेखा के मुद्दे के शांत होने की उम्मीद की जताई थी।

 

अंतरराष्ट्रीय समुदाय की ओर से आतंकवादी हमले की चेतावनी के बावजूद पाकिस्तानी नेतृत्व ने अफगान तालिबान का समर्थन किया था  लेकिन डूरंड रेखा को लेकर दोनों देशों के बीच पिछले कुछ दिनों में तनाव ज्यादा ही बढ़ गया है। बता दें कि  पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच ब्रिटिश काल में डूरंड रेखा खींची गई थी। अफगानिस्तान ने इस रेखा को मानने से इनकार कर दिया था। इसी सीमा पर कुछ इलाकों में पाकिस्तान की तरफ से बाड़ लगाई गई है, जिसे तालिबान समय-समय पर उखाड़ फेंकता है। डूरंड रेखा पर दिसंबर में भी तालिबान ने पाकिस्तानी बाड़ उखाड़कर फेंक दी थी।

 


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Content Writer

Tanuja

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