LIVE: तालिबान ने पूरे अफगानिस्तान में 'माफी' की घोषणा की, कहा- "महिलाएं सरकार में शामिल हों"

punjabkesari.in Tuesday, Aug 17, 2021 - 04:48 PM (IST)

 काबुल:अफगानिस्तान में  रविवार (16 अगस्त) को तालिबान का कब्जा होने के बाद काबुल में डर और अराजकता फैल गई। तालिबानी शासकों ने अफगानिस्तान से अमेरिकी सेना की वापसी के बाद देश में 20 साल से चल रहे युद्ध का निर्णायक अंत कर दिया। इन हालात के बीच राष्ट्रपति अशरफ गनी देश छोड़ कर चले गए। दहशत के माहौल के बीच तालिबान का बड़ा बयान सामने आया है।  तालिबान ने अफगानिस्तान में सभी को ‘‘क्षमादान'' की आधिकारिक घोषणा  करते हुए  सभी लोगों को काम पर लौटने की अपील की है। तालिबान के इस्लामी अमीरात संस्कृति आयुक्त के सदस्य ईनामुल्लाह समनगनी ने मंगलवार को  पूरे अफगानिस्तान में  'माफी' की घोषणा की और महिलाओं से मंगलवार को अपनी सरकार में शामिल होने का आग्रह किया । दरअसल, तालिबान की सत्ता में वापसी के बाद से देश में भय का माहौल है। दहशतजदा लोग तालिबान के किसी भी झांसे में आने के बजाय देश छोड़ कर भागने की सोच रहे हैं। 

 

समनगनी ने महिलाओं को लेकर की  टिप्पणी
समनगनी ने  टिप्पणी की ईनामुल्लाह समनगनी ने अफगान के सरकारी टीवी पर यह टिप्पणी की जो अब तालिबान के कब्जे में है। उन्होंने कहा, इस्लामी अमीरात  नहीं चाहता है कि महिलाएं पीड़ित हों। तालिबान अफगानिस्तान के लिए इस्लामी अमीरात का इस्तेमाल करता है। समनगनी ने कहा, सरकार का ढांचा पूरी तरह से साफ नहीं है, लेकिन हमारे तजुर्बे के आधार पर, इसमें पूर्ण इस्लामी नेतृत्व होना चाहिए और सभी पक्षों को इसमें शामिल करना चाहिए। उन्होंने लोगों से काम पर लौटने का आग्रह किया गया है। तालिबान ने कहा है कि टीवी चैनल पर महिला न्यूज प्रेजेंटर द्वारा खबर दिखाए जाने से इसे कोई आपत्ति नहीं है। यही वजह है कि टोलो न्यूज की महिला न्यूज प्रेजेंटर को न्यूज पढ़ते हुए देखा गया।

 

पत्रकारों की सुरक्षा मांग रहे समाचार संगठन
अफगानिस्तान में तालिबान के तेजी से सत्ता पर कब्जा जमाने के कारण समाचार संगठन इस घटना को कवर करने के साथ ही अपने पत्रकारों और परिवारों की रक्षा करने तथा पिछले दो दशकों में उनके साथ काम करने वाले लोगों की मदद करने की कोशिश कर रहे हैं। अफगानिस्तान से एक साक्षात्कार में सीएनएन की रिपोर्टर क्लेरिसा वार्ड ने कहा कि कुछ तालिबान लड़ाके भी यह देखकर हैरान है कि देश कितनी जल्दी उनके सामने पस्त हो गया।

 

फेसबुक ने तालिबान का समर्थन करने वाली सामग्री प्रतिबंधित की
सोशल मीडिया कंपनी फेसबुक ने कहा है कि उसने मंच पर तालिबान और उसका समर्थन करने वाली सभी सामग्री को प्रतिबंधित कर दिया है, क्योंकि वह समूह को आतंकवादी संगठन मानता है। कंपनी का कहना है कि उसके पास बागी समूह से संबंधित सामग्री पर नजर रखने और उसे हटाने के लिए अफगान विशेषज्ञों की एक समर्पित टीम है। वर्षों से तालिबान अपने संदेशों का प्रसार करने के लिए सोशल मीडिया का इस्तेमाल करता आया है।

 

सरकार में गैर तालिबानियों को शामिल करने पर विचार कर रहे तालिबान  
 भावी अफगान सरकार को केवल तालिबान सदस्यों तक सीमित न रखकर उसका विस्तार करने पर काबुल में वार्ता चल रही है। इस वार्ता से संबद्ध अधिकारियों ने मंगलवार को कहा कि वे एक दो दिन में ‘‘कुछ अच्छा समाचार'' आने की उम्मीद कर रहे हैं। उन्होंने अपनी पहचान उजागर नही करने की शर्त पर यह जानकारी दी क्योंकि तब तक कोई भी नहीं चाहता है कि इस वार्ता की ब्यौरा मीडिया को जारी किया जाए। वरिष्ठ तालिबान नेता अमीर खान मुत्ताकी पहले ही अब्दुल्ला अब्दुल्ला और पूर्व राष्ट्रपति हामिद करजई समेत काबुल के राजनीतिक नेतृत्व के साथ कई दौर की वार्ता कर चुके हैं।

 

 ब्लिंकन ने पाकिस्तान के विदेश मंत्री के साथ अफगानिस्तान को लेकर की बातचीत
अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी से अफगानिस्तान में पैदा हुई अराजकता की स्थिति को लेकर सोमवार को बातचीत की। इस बीच, एक शीर्ष अमेरिकी सीनेटर ने अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन से अपील की कि वह पाकिस्तान और चीन से तालिबान सरकार को मान्यता नहीं देने की अपील करें। अमेरिका के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता नेड प्राइस ने  बताया कि ब्लिंकन दुनियाभर के अपने कई समकक्षों से इस विषय पर बात कर रहे हैं और इसी के तहत उन्होंने कुरैशी से बातचीत की।

 

गौरतलब है कि अमरीकी राष्ट्रपति जो बाइडेन द्वारा अफगानिस्तान से अपनी सेना को वापस बुलाने की घोषणा के बाद से तालिबानियों ने अफगान नागरिकों पर कहर बरपाना शुरू कर दिया। उन्होंने कुछ ​ही दिनों में एक के बाद एक प्रांतीय राजधानी पर कब्जा कर लिया। अंत में केवल काबुल ही अफगान सरकार के नियंत्रण में अंतिम प्रमुख शहर बचा लेकिन रविवार को तालिबानी शासकों ने इस शहर पर भी धावा बोल दिया और इसे अपने कब्जे में ले लिया। इस तरह तालिबानी शासकों ने अफगान सरकार को उखाड़ फेंका और उनसे बचने के लिए राष्ट्रपति अशरफ गनी को भी अपना देश छोड़ने पर मजबूर होना पड़ा।

 

इसके बाद से पूरे अफगानिस्तान में ​तालिबानियों की दहशत है। अफगान नागरिक इनसे बचने के लिए अपनी जान की परवाह भी नहीं कर रहे हैं। त्रस्त लोगों के देश छोड़कर भागने वाले कई वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं। देश से बाहर निकलने का रास्ता खोज रहे हजारों लोग आज काबुल हवाईअड्डे पर जमा हो गए और उन्होंने जाम लगा दिया। वायरल वीडियो में अफगान सैनिकों को प्लेन में घुसते हुए दिखाया गया है, उनमें से कुछ तो विमानों के पहियों से भी चिपके हुए हैं।


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Content Writer

Tanuja

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