पाकिस्तान में महिला दिवस पर निकाले गए 'औरत मार्च' पर पथराव

punjabkesari.in Monday, Mar 09, 2020 - 11:14 AM (IST)

पेशावरः पाकिस्तान में अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर निकाले गए 'औरत मार्च' पर राजधानी इस्लामाबाद में पथराव किया गया जिसमें कुछ लोग घायल हो गए। पाकिस्तानी मीडिया में प्रकाशित रिपोर्ट के अनुसार तीखे विवादों के बीच महिला संगठनों, मानवाधिकार संगठनों और लैंगिक अल्पसंख्यकों द्वारा न्याय और इनसाफ की मांग के साथ निकाले गए 'औरत मार्च' के खिलाफ परंपरावादियों व कट्टरपंथियों ने बीते कई दिन से मोर्चा खोला हुआ था। इस पर रोक लगाने के लिए अदालत की भी शरण ली गई, लेकिन अदालत ने रोक लगाने से साफ मना कर दिया। मार्च में लगाए जाने वाले नारों को गैर इस्लामी करार देते हुए इसका विरोध किया गया। अश्लीलता का भी आरोप लगाया गया, हालांकि इसे साबित नहीं किया जा सका।

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8 मार्च को मनाए गए महिला दिवस पर पाकिस्तान के कई शहरों में 'औरत मार्च' निकाला गया, जिसमें बहुत बड़ी संख्या में महिलाओं ने हिस्सा लिया। उन्हें पुरुषों का भी साथ मिला। धार्मिक व परंपरावादी समूहों व दलों से संबंद्ध महिलाओं ने अलग से अपना मार्च निकाला और कई जगहों पर उन्होंने अपने मार्च को 'शालीनता मार्च' कह कर बुलाया। अन्य शहरों में मार्च में कोई अड़चन नहीं आई, लेकिन इस्लामाबाद में हालात बिगड़े। यहां नेशनल प्रेस क्लब से 'औरत मार्च' निकाला गया। यहीं से जामिया हफ्सा नाम के मदरसे की छात्राओं ने अपना 'शालीनता मार्च' निकाला। दोनों को एक-दूसरे से दूर करने के लिए पुलिस को खासी मशक्कत करनी पड़ी। दोनों ने ही एक दूसरे के खिलाफ जमकर नारेबाजी की।

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जामिया हफ्सा की छात्राओं के मार्च के खत्म होने के बाद इसमें शामिल कुछ पुरुषों ने 'औरत मार्च' पर पथराव कर दिया। 'डॉन' ने एक व्यक्ति के घायल होने की जानकारी दी है जबकि चैनल 'हम न्यूज' ने एक से अधिक लोगों के घायल होने की जानकारी दी है। पुलिस ने हालात पर काबू पाया। इस्लामाबाद में 'औरत मार्च' की आयोजकों ने व्यवस्था से आजादी की बात करते हुए ट्वीट कर बताया, “मुल्लाओं ने औरत आजादी मार्च पर पथराव किया है जो (मार्च) शांतिपूर्ण था और है। हम इस निजाम (व्यवस्था) से चाहते हैं आजादी।”

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औरत मार्च निकालने वाली महिलाओं को मिलती है रेप की धमकियां
बता दें कि पाकिस्तान की सरकार से लेकर वहां की स्वयंसेवी संस्थाएं महिलाओं के इस मार्च का समर्थन करती हैं लेकिन पाकिस्तान जैसे इस्लामिक देश में औरतों के हक की आवाज उठाना आसान नहीं है। एक रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तान में औरत मार्च निकालने वाली महिलाओं को धमकियां मिलती हैं। पिछले साल औरत मार्च में हिस्सा लेने वाली कुछ महिलाओं ने कहा कि पाकिस्तान जैसे रुढ़िवादी देश में औरतों के हक की आवाज बुलंद करना आसान नहीं हैं। पिछले साल उन्हें औरत मार्च निकालने पर जान से मारने से लेकर रेप करने तक की धमकी दी गई थी। इस साल वो महिलाएं फिर से औरत मार्च निकाल रही हैं जिन्हें पथराव का सामना करना पड़ा।

 

सोशल मीडिया पर औरत मार्च के समर्थन में कमेंट्स की बाढ़
फेसबुक पर औरत मार्च को लेकर कमेंट करने वाली महिलाओं की बाढ़ आई हुई है। पाकिस्तान की औरतें फेसबुक पर इस मार्च का जमकर समर्थन कर रही हैं। एक कैंपेन के तहत महिलाएं फेसबुक पर लिखा कि उन्होंने इस मार्च में क्यों हिस्सा लिया। 


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Tanuja

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