सरकार के गलत फैसलों कारण इतिहास के सबसे खऱाब आर्थिक संकट में फंसा श्रीलंका : Expert
punjabkesari.in Wednesday, Apr 27, 2022 - 04:19 PM (IST)
इंटरनेशनल डेस्कः श्रीलंका के बद से बद्तर हुए आर्थिक के लिए कई कारक जिम्मेदार हैं लेकिन इसमें एक बड़ा कारण 'मानव- निर्मित ' भी है। ये दावा एक्सपर्ट ने अपनी एक रिपोर्ट में किया है। ससेक्स विश्वविद्यालय में राजनीतिक अर्थशास्त्री और विकास संस्थान में प्रोफेसर फेलो प्रोफेसर मिक मूर ने का कहना है कि श्रीलंका में देश के इतिहास का सबसे खराब संकट एक मानव निर्मित समस्या है क्योंकि एक वर्ष पहले चेतावनी संकेतों को नजरअंदाज कर दिया गया। पिछले हफ्ते एम्स्टर्डम स्थित थिंक टैंक यूरोपियन फाउंडेशन फॉर साउथ एशियन स्टडीज (EFSAS) के साथ एक साक्षात्कार में मूर ने कहा कि श्रीलंकाई आर्थिक संकट लगभग पूरी तरह से बेहद नासमझ सरकारी फैसलों के कारण है ।
प्रोफेसर मूर ने सुझाव दिया कि श्रीलंका में वर्तमान आर्थिक स्थिति रिकॉर्ड इतिहास में देश के सबसे खराब आर्थिक संकट में तब्दील हो गई है और यह संकट, हालांकि COVID-19 यात्रा प्रतिबंधों और बढ़ती भोजन और ईंधन की कीमतों के कारण पर्यटन राजस्व में गिरावट के कारण ज्यादा बढ़ गई। रिपोर्ट की माने तो देश का विदेशी मुद्रा भंडार यानि अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष के पास रखे सोने और धन सहित 30 जून 2019 को 8,864.98 मिलियन डॉलर के उच्च स्तर पर था, यहां तक कि 28 फरवरी, 2020 तक कोविड-19 से पहले यह भंडार 7,941.52 मिलियन डॉलर था। सेंट्रल बैंक ऑफ श्रीलंका की वेबसाइट पर फरवरी 2022 के नवीनतम डेटा में कुल आधिकारिक विदेशी मुद्रा भंडार 2,311.25 मिलियन डॉलर दिखाया गया है।
रिपोर्ट के अनुसार असल में श्रीलंका के सामने जो संकट है, उसकी मुख्य वजह जैविक खेती की नीति नहीं बल्कि अर्थव्यवस्था है। श्रीलंका में चावल उत्पादन 2021-22 में 13.9 फीसदी घट गया है। प्रति हेक्टेयर औसत उपज में 14.4 फीसदी की गिरावट आई है और आयात भी पांच साल के उच्च स्तर पर पहुंच गया है। श्रीलंका सरकार ने रासायनिक कृषि इनपुट के आयात पर 6 मई 2021 को प्रतिबंध लगा दिया था। अब इस रोक को हटा लिया गया है। श्रीलंका की जैविक खेती के निर्णय पर सवाल उठे हैं। दिलचस्प यह भी है कि चावल का 2021-22 के लिए अनुमानित उत्पादन 2016-17 और 2017-18 के स्तर से अब भी अधिक है, जब देश में सूखे के हालात थे।
जानें कैसे राजपक्षे परिवार ने डुबोई श्रीलंका की लुटिया ?
- वर्तमान प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे जो 2004 में प्रधानमंत्री रहने के बाद 2005-2015 तक राष्ट्रपति रहे, के शासनकाल में श्रीलंका और चीन की करीबी बढ़ी और उसने चीन से इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स के लिए 7 अरब डॉलर का लोन लिया। खास बात ये रही कि ज्यादातर प्रोजेक्ट्स छलावा साबित हुए और उनके नाम पर जमकर भ्रष्टाचार हुआ।
- इस बीच पूर्व सैन्य अधिकारी रहे गोटबाया 2019 में श्रीलंका के राष्ट्रपति बने। वह रक्षा मंत्रालय में सेक्रेटरी समेत कई अहम पद संभाल चुके हैं। गोटबाया की टैक्स में कटौती से लेकर, खेती में केमिकल फर्टिलाइजर के इस्तेमाल पर बैन जैसी नीतियों को वर्तमान संकट की वजह माना जा रहा है।
- बासिल राजपक्षे अब तक फाइनेंस मिनिस्टर थे। श्रीलंका में सरकारी ठेकों में कथित कमीशन लेने की वजह से उन्हें ‘मिस्टर 10 पर्सेंट’ कहा जाता है। उन पर सरकारी खजाने में लाखों डॉलर की हेराफेरी के आरोप लगे थे, लेकिन गोटबाया के राष्ट्रपति बनते ही सभी केस खत्म कर दिए गए।
- चामल महिंदा के बड़े भाई हैं और शिपिंग एंड एविएशन मिनिस्टर रह चुके हैं। अब तक वह सिंचाई विभाग संभाल रहे थे।चामल दुनिया की पहली महिला प्रधानमंत्री सिरिमावो भंडारनायके के बॉडीगार्ड रह चुके हैं। नामल महिंदा राजपक्षे के बड़े बेटे हैं। 2010 में महज 24 साल की उम्र में वह सांसद बने थे। अब तक वह खेल और युवा मंत्रालय संभाल रहे थे।उन पर मनी लॉन्ड्रिंग में शामिल होने के आरोप लगते रहे हैं, जिससे नामल इनकार करते रहे हैं।
- 2021 में गोटबाया राजपक्षे सरकार ने ऑर्गेनिक खेती को बढ़ावा देने के नाम पर श्रीलंका में खेती में केमिकल फर्टिलाइजर्स और कीटनाशकों के इस्तेमाल पर रोक लगा दी। ये फैसला गलत साबित हुआ और अनाज उत्पादन में भारी गिरावट आई। उत्पादन घटने से अनाज के दाम आसमान छूने लगे और फरवरी में खाद्य महंगाई 25.7% पर पहुंच गई।
सबसे ज्यादा पढ़े गए
Recommended News
Recommended News
Shukrawar Upay: कुंडली में शुक्र है कमजोर तो कर लें ये उपाय, कष्टों से मिलेगा छुटकारा
Bhalchandra Sankashti Chaturthi: आज मनाई जाएगी भालचंद्र संकष्टी चतुर्थी, जानें शुभ मुहूर्त और महत्व
Rang Panchami: कब मनाया जाएगा रंग पंचमी का त्योहार, जानें शुभ मुहूर्त और पूजा विधि
प्रदेश कांग्रेस प्रभारी राजीव शुक्ला ने कार्यकारी अध्यक्ष संजय अवस्थी व चंद्रशेखर को सौंपा ये दायित्व