श्रीलंका की संसद 1978 के बाद पहली बार करेगी अगले राष्ट्रपति का चुनाव, रानिल विक्रमसिंघे हैं रेस में सबसे आगे

punjabkesari.in Friday, Jul 15, 2022 - 10:15 PM (IST)

इंटरनेशनल डेस्कः श्रीलंका में जारी उथल-पुथल के बीच गोटबाया राजपक्षे के इस्तीफे के मद्देनजर 1978 के बाद पहली बार देश के अगले राष्ट्रपति का चुनाव जनता के वोट के माध्यम से नहीं, बल्कि सांसदों के गुप्त मतदान से होगा। स्पीकर महिंदा यापा अभयवर्धने ने शुक्रवार को कहा कि 225 सदस्यीय संसद 20 जुलाई को गुप्त मतदान से नए राष्ट्रपति का चुनाव करेगी। श्रीलंका में 1978 के बाद से कभी भी संसद ने राष्ट्रपति के चुनाव के लिए मतदान नहीं किया। वर्ष 1982, 1988, 1994, 1999, 2005, 2010, 2015 और 2019 में जनता के वोट से राष्ट्रपति का चुनाव हुआ था।

केवल एक बार 1993 में राष्ट्रपति पद मध्यावधि में खाली हुआ था, जब राष्ट्रपति रणसिंघे प्रेमदासा की हत्या कर दी गई थी। प्रेमदासा के बचे कार्यकाल के लिए संसद द्वारा डी बी विजेतुंगा को सर्वसम्मति से चुना गया था। नए राष्ट्रपति नवंबर 2024 तक गोटबाया राजपक्षे के शेष कार्यकाल तक पद पर रहेंगे। अगले हफ्ते के मुकाबले में रानिल विक्रमसिंघे (73) दौड़ में सबसे आगे होंगे। देश में अभूतपूर्व आर्थिक संकट के बीच विक्रमसिंघे मई में प्रधानमंत्री बने। विक्रमसिंघे की यूनाइटेड नेशनल पार्टी (यूएनपी) 2020 के संसदीय चुनाव में हार गई थी।

विक्रमसिंघे 1977 के बाद पहली बार कोई सीट जीतने में असफल रहे। उन्होंने एकीकृत राष्ट्रीय वोट के आधार पर आवंटित पार्टी की एकमात्र सीट के जरिए 2021 के अंत में संसद में प्रवेश किया। राष्ट्रपति पद के लिए अगले मुख्य दावेदार मुख्य विपक्षी नेता सजिथ प्रेमदासा (55) हो सकते हैं। प्रेमदासा की पार्टी एसजेबी ने विक्रमसिंघे की पार्टी को सभी जगहों पर मात दी और 2020 में मुख्य विपक्षी पार्टी बन गई। एसएलपीपी से टूट कर बने धड़े के दुलास अलापेरूमा (63) भी मुकाबले में बताए जा रहे हैं। फील्ड मार्शल सरथ फोन्सेका (71) भी संभावित उम्मीदवार हो सकते हैं।


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Content Writer

Yaspal

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