रूस और यूक्रेन के बीच पिछले 10 माह छिड़े युद्ध से किसे हो रहा है सबसे ज्यादा फायदा !

punjabkesari.in Tuesday, Dec 06, 2022 - 12:49 PM (IST)

इंटरनेशनल डेस्क: रूस और यूक्रेन के बीच पिछले 10 माह से छिड़ा युद्ध एक जोखिम भरे और अप्रत्याशित दौर में पहुंच गया है। सबसे खतरनाक यह है कि रूस अब परमाणु हथियारों के विकल्प पर भी विचार कर रहा है। रूसी हमले के जवाब में अमरीका सहित अन्य पश्चिमी देशों ने सैन्य सहयोग बढ़ा दिया है। अब सवाल यह उठ रहा है कि आखिर इतने लंबे समय तक चले युद्ध में फायदा किसका हो रहा है।

28 अक्टूबर को अमरीका ने यूक्रेन के लिए 27.5 करोड़ डॉलर के हथियारों, युद्ध सामग्री और इक्यूपमेंट्स को मंजूरी दी थी। इसके बाद यूक्रेन को की जाने वाली अमेरिका की कुल मदद 18.5 अरब डॉलर पहुंच गई। आने वाले दिनों में, यूक्रेन को बड़ी मात्रा में अत्याधुनिक एयर डिफेंस सिस्टम और हाई-टेक ड्रोन समेत कई हथियार मिलने की उम्मीद है। इस युद्ध के दौरान नए ऑर्डर के लिए इतने पैसे के साथ, ग्लोबल डिफेंस इंडस्ट्रीज के लिए मुंह मांगी मुराद जैसी है। ऐसा इसलिए भी है क्योंकि जेन्स की मार्च की रिपोर्ट बताती है, यूक्रेन पर रूस के आक्रमण ने सभी देशों के रक्षा खर्च को बढ़ा दिया है। विश्व स्तर पर, पूरे यूरोप समेत कुल रक्षा खर्च रिकॉर्ड 2.08 खरब डॉलर का होगा। यूरोप के ही डिफेंस बजट में 30.7 अरब डॉलर की बढ़ोतरी हुई है। इसमें से 80% हिस्सेदारी अकेले जर्मनी की है।

यूक्रेन को दी गई सैन्य सहायता का विश्लेषण से यह सामने आया है कि सैन्य खर्च और हथियारों की मात्रा बढ़ी है। जर्मनी के कील इंस्टीट्यूट फॉर द वर्ल्ड इकोनॉमी की एक पहल यूक्रेन सपोर्ट ट्रैकर के अनुसार, इस साल 4 जनवरी से 3 अक्टूबर के बीच अमेरिका ने यूक्रेन को सैन्य सहायता में 27. 6 बिलियन यूरो की प्रतिबद्धता जताई। इसमें से 15. 2 अरब यूरो स्पेशल हथियार और इक्यूपमेंट के लिए है। इसके बाद पोलैंड ने स्पेशल मिलिट्री हार्डवेयर में 1. 8 अरब यूरो, यूके ने 1. 5 अरब यूरो और जर्मनी के 0. 7 अरब यूरो देने का फैसला किया है।

अब सवाल उठता है कि युद्ध से किसका फायदा हो रहा है। वास्तव में यूक्रेन को दी गई सैन्य साजो सामान की लिस्ट इस बात की जानकारी देते हैं कि मौजूदा समय में किस तरह के हथियारों की जरूरत है। साथ ही नए ऑर्डर से किन हथियार निर्माताओं को फायदा हो रहा है। ट्रैकर के अनुसार, अमेरिका की तरफ से दिए गए कुछ महत्वपूर्ण सैन्य उपकरणों में स्टिंगर एंटी-एयरक्राफ्ट सिस्टम (रेथियॉन निर्मित), जेवलिन एंटी-टैंक वेपन सिस्टम (रेथियॉन और लॉकहीड मार्टिन), स्विचब्लेड टैक्टिकल अनमैन्ड एरियल सिस्टम (एरोविरोनमेंट), M777 हॉवित्जर (बीएई सिस्टम्स) शामिल हैं। 

हिमार्स मल्टीपल रॉकेट लॉन्चर (लॉकहीड मार्टिन), और विभिन्न प्रकार के गोला-बारूद और बख्तरबंद सामरिक वाहन शामिल हैं। इस बीच, यूके की महत्वपूर्ण डिलीवरी में स्टारस्ट्रीक एंटी-एयरक्राफ्ट सिस्टम (थेल्स), एनएलएडब्ल्यू एंटी-टैंकवेपन (साब बोफोर्स डायनेमिक्स-थेल्स) और मास्टिफ 6x6 (फोर्स प्रोटेक्शन इंक) जैसे बख्तरबंद वाहन शामिल हैं। जर्मनी ने गेपर्ड रैपिड-फायर बख्तरबंद वाहन और पैंजरफॉस्ट 3 एंटी-आर्मर हथियार (डायनामिट नोबेल एजी) दिए हैं, जबकि फ्रांस ने कैसर हॉवित्जर (नेक्सटर सिस्टम्स) की सप्लाई की है।

युद्ध शुरू होने के बाद से हथियारों के नए ऑर्डर दिए जा रहे हैं। प्रोडक्शन सीरीज को बढ़ाया जा रहा है। नतीजतन, युद्ध की शुरुआत के बाद से हथियार निर्माण कंपनियों के शेयर नई ऊंचाइयों को छू रहे हैं। दरअसल, इस साल डिफेंस शेयरों ने ग्लोबल मार्केट से बेहतर प्रदर्शन किया है। फरवरी में युद्ध की शुरुआत के बाद से, सितंबर में बीएई सिस्टम्स के शेयरों में 37% की वृद्धि हुई थी। इसी अवधि में, लॉकहीड मार्टिन ने 8% की ग्रोथ देखी है।
 


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Content Writer

Anil dev

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