रूस ने चीन को दिया बड़ा झटका, S-400 की डिलवरी पर लगाई रोक

punjabkesari.in Monday, Jul 27, 2020 - 07:11 PM (IST)

इंटरनेशनल डेस्कः भारत-चीन सीमा पर एक तरफ चीन का पाला भारत से पड़ा तो वहीं दूसरी तरफ अमेरिका व दुनियाभर के कई देश अब चीन के खिलाफ एकजुट नजर आ रहे हैं। दक्षिण चीन सागर में एक तरफ अमेरिकी नेवी ने गश्त बढ़ा दी है तो वहीं रूस ने चीन को अब तगड़ा झटका दिया है। रूस ने चीन को दिए जा रहे S400 मिसाइल सिस्टम की डिलीवरी को रद्द कर दिया है।
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इस बाबत चीन के एक न्यूज पेपर ने लिखा रूस ने S400 की डिलीवरी को आगे तक के लिए बढ़ा दिया है। यह काफी पेंचीदा मामला है। रूस लगातार मिसाइल सिस्टम को खरीदने के लिए दबाव बना रहा था। लेकिन महामारी के दौरान हथियार खरीदना कोरोना के खिलाफ पीपल्स लिबरेशन आर्मी को कमजोर कर सकती है।
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रूस ने चीन के साथ S400 मिसाइल डिलीवरी सिस्टम को ऐसे वक्त में रद्द किया है जब एक दिन पहले ही मॉस्को द्वारा चीन पर जासूसी करने का आरोप लगाया गया था। बता दें कि बीते कुछ सालों में रूस और चीन के बीच संबंध काफी सुधरे हैं। बता दें कि सेंट पीट्सबर्ग में स्थित आर्कटिक सोशल साइंसेज एकेडमी के अध्यक्ष को गिरफ्तार किया गया है। क्योंकि इन्हें चीन के साथ गोपनीय जानकारी साझा करने का दोषी पाया गया है।
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रूस के इस कदम के बाद चीन ने दी सफाई 
उधर, रूस की घोषणा के बाद चीन ने सफाई देते हुए कहा है कि मास्को इस तरह का निर्णय लेने के लिए मजबूर है, क्योंकि वह चिंतित है कि इस समय एस-400 मिसाइलों का वितरण पीपुल्स लिबरेशन आर्मी की महामारी विरोधी गतिविधियों को प्रभावित करेगा। चीन ने आगे कहा कि रूस नहीं चाहता कि इससे बीजिंग को कोई परेशानी हो। चीन का कहना है कि कई कारणों से रूस को मिसाइल देने के निर्णय को स्‍थगित करना पड़ा है। बीजिंग का कहना है कि इस प्रकार के हथियारों की डील एक जटिल प्रक्रिया है। इसके अलावा हथियारों को प्रयोग में लाने के लिए कर्मियों को प्रशिक्षण लेना पड़ता है। इसके लिए कर्मियों को रूस भेजना पड़ता, लेकिन कोरोना महामारी के दौर में यह काफी खतरनाक है।

क्या है एस-400 मिसाइल डिफेंस सिस्टम

  • एस-400 मिसाइल सिस्टम, एस-300 का अपडेटेड वर्जन है। यह 400 किलोमीटर के दायरे में आने वाली मिसाइलों और पांचवीं पीढ़ी के लड़ाकू विमानों को भी खत्म कर देगा।
  • एस-400 डिफेंस सिस्टम एक तरह से मिसाइल शील्ड का काम करेगा, जो पाकिस्तान और चीन की एटमी क्षमता वाली बैलिस्टिक मिसाइलों से भारत को सुरक्षा देगा।
  • यह सिस्टम एक साथ एक बार में 72 मिसाइल दाग सकता है। यह सिस्टम अमेरिका के सबसे एडवांस्ड फाइटर जेट एफ-35 को भी गिरा सकता है।
  • यह मिसाइल 36 परमाणु क्षमता वाली मिसाइलों को एक साथ नष्ट कर सकता है। चीन के बाद इस डिफेंस सिस्टम को खरीदने वाला भारत दूसरा देश है। 
  • चीन ने भारत से पहले इस मिसाइल सिस्टम को खरीदने का फैसला किया था। पहला बैच उसे 2018 में मिल भी चुका है। भारत को इस साल के आखिर तक यह सिस्टम मिल जाएगा।
  • खास बात ये है कि रूस ने चीन की डिलीवरी को तो रोक दिया है, लेकिन भारत को वक्त पर मिसाइल देने का वादा दोहराया है।    

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Yaspal

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