कंगाल पाकिस्तान ने रक्षा बजट में की बढ़ोतरी, हथियार खरीदने के करेगा इतना खर्च

punjabkesari.in Monday, Jun 06, 2022 - 04:06 PM (IST)

इस्लामाबादः कंगाल पकिस्तान की जनता महंगाई के चलते बदहाल है।  लोगों को खाने के लिए आटा तक नहीं मिल रहा लेकिन  इस बीच पाकिस्तान ने अपने रक्षा बजट में बढ़ोतरी करने का निर्णय लिया है। पाकिस्तान ने  सशस्त्र बलों के बढ़े वेतन और अन्य जरूरी हथियारों को खरीदने के लिए ये बढ़ोतरी की  है। कैबिनेट की आर्थिक समन्वय कमेटी (ECC) ने 80 अरब रुपए की वृद्धि का निर्णय लिया है। इसमें 182 अरब रुपए के पूरक अनुदान को मंजूरी दी गई थी।

 

रक्षा सूत्रों ने बताया कि पाकिस्तान में प्रत्येक जवान पर सालाना खर्च 26.5 लाख रुपए है। यह भारत के खर्च का एक-तिहाई भी नहीं है। डान की रिपोर्ट में कहा गया है कि गुजर रहे वर्ष में 11.3 प्रतिशत मुद्रास्फीति को ध्यान में रखते हुए 136 अरब रुपये वृद्धि होने की उम्मीद थी। मुद्रास्फीति के लिहाज से पाकिस्तान के सैन्य बलों को उनकी जरूरत से 53 अरब रुपए कम का ही आबंटन होगा। 1947 में भारत से अलग देश बनने के बाद के 75 वर्षो के आधे समय तक पाकिस्तान की सेना ने ही देश पर राज किया है। निर्वाचित सरकार की सुरक्षा और विदेश नीति में सेना प्रभावी दखल करती है।

 

गत अप्रैल में अविश्वास प्रस्ताव से सत्ता से बेदखल हुए पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ने भी सेना का समर्थन खो दिया था। रक्षा मंत्रालय ने मुख्यालय में जिन्ना नेवल बेस, तर्बत नेवल बेस और मल्टीफंक्शन बिल्डिंग समेत अन्य चीजों के लिए 80 अरब रुपए के अतिरिक्त रक्षा बजट की मांग की थी। ECC ने द्विपक्षीय फ्री ट्रेड एग्रीमेंट के दुरुपयोग को रोकने के लिए चीन से आने वाले पेट्रोलियम प्रोडक्ट्स के आयात पर 10 फीसदी रेगुलेटरी ड्यूटी लगाने का निर्णय लिया है। ऐसा इसलिए क्योंकि कुछ तेल की कंपनिया 10 फीसदी टैक्स से बचने के लिए अपने तेल को चीन होते हुए पाकिस्तान में लाती थीं। 

 

पाकिस्तान अपने सैन्य बलों के लिए अगले वित्त वर्ष के बजट में 1,400 अरब पाकिस्तानी रुपये से अधिक का आवंटन करने जा रहा है। यह मौजूदा वित्त वर्ष के रक्षा बजट से करीब 83 अरब रुपये ज्यादा होगा। डान अखबार में प्रकाशित रिपोर्ट के अनुसार, सैन्य बलों के लिए 1,453 अरब रुपये का आवंटन किया जाएगा जबकि पिछले साल 1,370 अरब रुपये आबंटित किए गए थे। रक्षा बजट में यह वृद्धि मुख्य रूप से कर्मचारियों से संबंधित खचरें, वेतन और भत्तों पर व्यय की जाएगी

 

पाकिस्‍तान ने यह फैसला ऐसे वक्‍त में किया है जब उसकी अर्थव्‍यवस्‍था बेहद बुरे हालात का सामना कर रही है। इस बीच समाचार एजेंसी एएनआइ ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि पाकिस्तान अपने आर्थिक संकट को हल करने की कोशिश करते हुए श्रीलंका की नकल कर रहा है। पाकिस्‍तान श्रीलंका की तरह ही अपनी गलतियों की अनदेखी कर रहा है। पाकिस्तान में राजनीतिक दलों की सत्ता में आने की भूख ने हालात को बेहद जटिल बना दिया है। 


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Content Writer

Tanuja

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