प्रधानमंत्री ऋषि सुनक के 100 दिन हुए पूरे, परिवर्तन लाने का किया वादा

punjabkesari.in Thursday, Feb 02, 2023 - 08:51 PM (IST)

इंटरनेशनल डेस्क : पहले गैर-श्वेत ब्रिटिश प्रधानमंत्री ऋषि सुनक ने बृहस्पतिवार को अपने कार्यकाल के 100 दिन पूरे किये। इसको लेकर सोशल मीडिया में एक नया वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें बढ़ती महंगाई समेत कई अन्य चुनौतियों के बीच उन्हें परिवर्तन लाने का संकल्प लेते हुए दिखाया गया है। भारतीय मूल के पहले ब्रिटिश प्रधानमंत्री ने पिछले साल दिवाली के एक दिन बाद 25 अक्टूबर को 10 डाउनिंग स्ट्रीट (प्रधानमंत्री का आधिकारिक कार्यालय) का कार्यभार संभाला था।

पूर्ववर्ती प्रधानमंत्रियों की अनौपचारिक विदाई के बाद उपजी गंभीर राजनीतिक उथल-पथल के बीच सुनक ने पदभार ग्रहण किया गया था।‘पार्टीगेट स्कैंडल' ने बोरिस जॉनसन और देश की सबसे कम समय तक प्रधानमंत्री रहीं लिज ट्रस को झटका दिया था। उसके बाद से सुनक अपनी शीर्ष प्राथमिकताओं को पेश करते रहे हैं जिसमें बढ़ती मुद्रास्फीति में कटौती करने पर विशेष जोर देने के साथ कोविड-19 महामारी और रूस-यूक्रेन संघर्ष के बाद गुजर बसर करने के भारीभरकम खर्च से जुड़े संकट से निपटने की बात शामिल रही है।

उन्होंने बृहस्पतिवार को ट्विटर पर लिखा, ''अन्य लोग भी परिवर्तन के बारे में बात कर सकते हैं, लेकिन मैं इस परिवर्तन को लाऊंगा।'' इसके साथ संलग्न वीडियो में शीर्ष पद के लिए उनके ऐतिहासिक चयन से जुड़ा एक ‘मोंताज' (चित्रों का संयोजन) इस रूप में दिखाया गया है, ‘‘आधुनिक इतिहास में सबसे युवा, उम्र 42, नंबर-10 डाउनिंग स्ट्रीट में पहले गैर श्वेत राजनेता।'' वीडियो में उनकी नये साल की प्रतिबद्धताओं के पांच अहम बिंदुओं को भी दिखाया गया है जिनमें मुद्रास्फीति को आधा करना, अर्थव्यवस्था का विकास करना, कर्ज घटाना, राष्ट्रीय स्वास्थ्य सेवा की प्रतीक्षा सूची को छोटी करना और छोटी-छोटी नौकाओं के जरिये इंग्लिश चैनल पार करके आने वाले अवैध प्रवासियों पर रोक लगाना शामिल है।

इंफोसिस के सह संस्थापक नारायण मूर्ति की बेटी अक्षता मूर्ति के पति सुनक ने भारत के साथ मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) की दिशा में काम करने पर प्रतिबद्धता जताई थी। लेकिन ब्रिटेन में सियासी उथल-पथल के कारण एफटीए को लेकर पिछले साल दीवाली की समय सीमा के बीत जाने पर सुनक ने एक बार फिर दोहराया कि उनकी सरकार ‘गति के लिए गुणवत्ता से समझौता नहीं' करेगी।

सुनक को कई चुनौतियों और दबाओं का सामना करना पड़ रहा है। उन्हें हाल ही में कंजरर्वेटिव पार्टी के प्रमुख नादिम जहावी को मंत्री पद से हटाना पड़ा। इसके अलावा सिविल सेवकों की शिकायतों के आधार पर जांच का सामना करने वाले डोमिनिक राब को उपप्रधानमंत्री के पद पर बरकरार रखने के फैसले के कारण भी उन्हें भारी दबाव का सामना करना पड़ रहा है। डोमिनिक पर अधिकारियों को धमकाने का आरोप है।


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News Editor

Parveen Kumar

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