भारत-अमेरिका के संबंधों को लेकर आश्वस्त हूं: जयशंकर
punjabkesari.in Wednesday, Sep 28, 2022 - 09:00 AM (IST)
वाशिंगटन, 28 सितंबर (भाषा) भारत-अमेरिका संबंधों को पिछले कुछ दशकों में आकार देने में अहम भूमिका निभाने वाले विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने मंगलवार को कहा कि वह इस द्विपक्षीय संबंध को लेकर बहुत आश्वस्त हैं।
जयशंकर ने अमेरिका के विदेश मंत्री एंथनी ब्लिंकन के साथ एक संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में दोनों देशों के संबंधों के संदर्भ में किए गए एक सवाल के जवाब में कहा, ‘‘....मैं संबंधों को लेकर बहुत आश्वस्त हूं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘एक राजदूत के तौर पर अपने चार दशक के कार्यकाल में मैंने सबसे बड़ा बदलाव भारत-अमेरिका संबंधों में देखा है।’’ जयशंकर ने कहा, ‘‘आपका सवाल है कि मैं संबंधों को भविष्य में कहां देखता हूं... सच कहूं तो मैं आज अमेरिका को भारत जैसे देशों के साथ काफी सक्रिय रूप से काम करता देख रहा हूं, जो वास्तव में पारंपरिक गठबंधनों से परे सोच रहा है, जो संभावित या वास्तविक भागीदारों के साथ-साथ सामान्य आधार खोजने में बहुत प्रभावी रहा है।’’ उन्होंने कहा कि इसका एक बेहतरीन उदाहरण ‘क्वाड’ (चतुर्भुज सुरक्षा संवाद) है, जिसमें अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, जापान और भारत शामिल है।
उन्होंने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि करीब दो दशक पहले (15 साल पहले) हमने क्वाड का गठन करने की कोशिश की थी। तब यह मुमकिन नहीं हो पाया था, लेकिन अब यह काफी अच्छे से काम कर रहा है और पिछले दो साल में इसने काफी प्रगति की है।’’ जयशंकर ने कहा कि उनका मानना है कि आज अमेरिका के साथ संबंध न केवल अधिक अवसर मुहैया कराते हैं बल्कि यह अपने आप में काफी महत्वपूर्ण हैं। इस समय भारत और उन्हें लगता है अमेरिका भी साथ काम करने से होने वाले लाभों को हासिल करना चाहेगा, चाहे वह अर्थव्यवस्था हो, चाहे वह तकनीकी क्षेत्र हो, चाहे सुरक्षा ....।
वहीं, ब्लिंकन ने कहा कि दुनिया के दो सबसे बड़े लोकतंत्रों के रूप में अमेरिका और भारत के पास इस सदी के भविष्य को आकार देने के लिए किसी भी अन्य देशों की तुलना में अधिक क्षमता व अवसर हैं।
यह आर्टिकल पंजाब केसरी टीम द्वारा संपादित नहीं है, इसे एजेंसी फीड से ऑटो-अपलोड किया गया है।
जयशंकर ने अमेरिका के विदेश मंत्री एंथनी ब्लिंकन के साथ एक संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में दोनों देशों के संबंधों के संदर्भ में किए गए एक सवाल के जवाब में कहा, ‘‘....मैं संबंधों को लेकर बहुत आश्वस्त हूं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘एक राजदूत के तौर पर अपने चार दशक के कार्यकाल में मैंने सबसे बड़ा बदलाव भारत-अमेरिका संबंधों में देखा है।’’ जयशंकर ने कहा, ‘‘आपका सवाल है कि मैं संबंधों को भविष्य में कहां देखता हूं... सच कहूं तो मैं आज अमेरिका को भारत जैसे देशों के साथ काफी सक्रिय रूप से काम करता देख रहा हूं, जो वास्तव में पारंपरिक गठबंधनों से परे सोच रहा है, जो संभावित या वास्तविक भागीदारों के साथ-साथ सामान्य आधार खोजने में बहुत प्रभावी रहा है।’’ उन्होंने कहा कि इसका एक बेहतरीन उदाहरण ‘क्वाड’ (चतुर्भुज सुरक्षा संवाद) है, जिसमें अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, जापान और भारत शामिल है।
उन्होंने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि करीब दो दशक पहले (15 साल पहले) हमने क्वाड का गठन करने की कोशिश की थी। तब यह मुमकिन नहीं हो पाया था, लेकिन अब यह काफी अच्छे से काम कर रहा है और पिछले दो साल में इसने काफी प्रगति की है।’’ जयशंकर ने कहा कि उनका मानना है कि आज अमेरिका के साथ संबंध न केवल अधिक अवसर मुहैया कराते हैं बल्कि यह अपने आप में काफी महत्वपूर्ण हैं। इस समय भारत और उन्हें लगता है अमेरिका भी साथ काम करने से होने वाले लाभों को हासिल करना चाहेगा, चाहे वह अर्थव्यवस्था हो, चाहे वह तकनीकी क्षेत्र हो, चाहे सुरक्षा ....।
वहीं, ब्लिंकन ने कहा कि दुनिया के दो सबसे बड़े लोकतंत्रों के रूप में अमेरिका और भारत के पास इस सदी के भविष्य को आकार देने के लिए किसी भी अन्य देशों की तुलना में अधिक क्षमता व अवसर हैं।
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