अमेरिका : राज्यों के चुनावी अधिकारों से जुड़े मामले पर उच्चतम न्यायालय सुनवाई को तैयार
punjabkesari.in Friday, Jul 01, 2022 - 01:52 PM (IST)
वाशिंगटन, एक जुलाई (एपी) अमेरिका का उच्चतम न्यायालय एक ऐसे मामले की सुनवाई के लिए सहमत हो गया है, जो देश में कांग्रेस (संसद)और राष्ट्रपति पद की चुनावी प्रक्रिया और तरीकों को नाटकीय रूप से बदल सकता है।
यदि संबंधित याचिका में की गई मांग को उच्चतम न्यायालय अपनी मंजूरी देता है तो इसके तहत राज्यों की विधायिका को चुनाव संबंधी अधिक शक्तियां प्रदान की जाएंगी और इसके अलावा विभिन्न राज्यों की अदालतों को चुनावी प्रक्रियाओं और परिणामों की समीक्षा करने से वर्जित कर दिया जाएगा।
अमेरिका की शीर्ष अदालत ने बृहस्पतिवार को इस मामले की सुनवाई को अपनी मंजूरी प्रदान की।
उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश इस बात पर विचार करेंगे कि क्या राज्यों की अदालतें, अपने प्रांत के संविधान का उल्लंघन साबित होने पर संघीय चुनावों और 10 साल में एक बार कांग्रेस जिलों (निर्वाचन क्षेत्रों) के होने वाले परिसीमन में बदलाव का आदेश दे सकती हैं।
कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय में कानून के प्रोफेसर रिक हासेन ने कहा, "यह मामला प्रांतों में शक्ति संतुलन को गहराई से बदल सकता है और प्रांतों की अदालतों और एजेंसियों को लोगों के वोट देने के अधिकार संबंधी सुरक्षा प्रदान करने से रोक सकता है।"
एपी रवि कांत धीरज धीरज 0107 1350 वाशिंगटन
यह आर्टिकल पंजाब केसरी टीम द्वारा संपादित नहीं है, इसे एजेंसी फीड से ऑटो-अपलोड किया गया है।
यदि संबंधित याचिका में की गई मांग को उच्चतम न्यायालय अपनी मंजूरी देता है तो इसके तहत राज्यों की विधायिका को चुनाव संबंधी अधिक शक्तियां प्रदान की जाएंगी और इसके अलावा विभिन्न राज्यों की अदालतों को चुनावी प्रक्रियाओं और परिणामों की समीक्षा करने से वर्जित कर दिया जाएगा।
अमेरिका की शीर्ष अदालत ने बृहस्पतिवार को इस मामले की सुनवाई को अपनी मंजूरी प्रदान की।
उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश इस बात पर विचार करेंगे कि क्या राज्यों की अदालतें, अपने प्रांत के संविधान का उल्लंघन साबित होने पर संघीय चुनावों और 10 साल में एक बार कांग्रेस जिलों (निर्वाचन क्षेत्रों) के होने वाले परिसीमन में बदलाव का आदेश दे सकती हैं।
कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय में कानून के प्रोफेसर रिक हासेन ने कहा, "यह मामला प्रांतों में शक्ति संतुलन को गहराई से बदल सकता है और प्रांतों की अदालतों और एजेंसियों को लोगों के वोट देने के अधिकार संबंधी सुरक्षा प्रदान करने से रोक सकता है।"
एपी रवि कांत धीरज धीरज 0107 1350 वाशिंगटन
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