करतारपुर गलियारा धार्मिक स्वतंत्रता के प्रति पाकिस्तान की अटूट प्रतिबद्धता की अभिव्यक्ति : बाजवा
punjabkesari.in Wednesday, Jun 29, 2022 - 12:46 AM (IST)
इस्लामाबाद, 28 जून (भाषा) पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा ने मंगलवार को ब्रिटिश सिख सैनिकों के 12 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल को बताया कि ऐतिहासिक करतारपुर गलियारा धार्मिक स्वतंत्रता और सद्भाव के प्रति पाकिस्तान की अटूट प्रतिबद्धता की व्यावहारिक अभिव्यक्ति है।
मेजर जनरल सेलिया जे हार्वे, उप कमांडर फील्ड आर्मी ब्रिटिश के नेतृत्व में समूह ने रावलपिंडी में सेना मुख्यालय में जनरल बाजवा से मुलाकात की।
बैठक के दौरान, बाजवा ने प्रतिनिधिमंडल से कहा कि पाकिस्तान सभी धर्मों का सम्मान करता है और सेना के अनुसार देश में धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने की आवश्यकता को भी मानता है।
उन्होंने कहा कि करतारपुर गलियारा धार्मिक स्वतंत्रता और सद्भाव के प्रति पाकिस्तान की अटूट प्रतिबद्धता की व्यावहारिक अभिव्यक्ति है।
उल्लेखनीय है कि नवंबर 2019 में, पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ने औपचारिक रूप से एक समारोह में गुरु नानक के 550वें प्रकाशोत्सव के उपलक्ष्य में करतारपुर गलियारे का उद्घाटन किया था, जिससे भारतीय सिख तीर्थयात्रियों को पाकिस्तान में अपने धर्म के सबसे पवित्र स्थलों में से एक की यात्रा बिना वीजा के करने का मार्ग प्रशस्त हुआ।
प्रतिनिधिमंडल ने लाहौर का दौरा किया जहां गणमान्य व्यक्तियों ने वाघा बॉर्डर पर ध्वज समारोह देखा।
उन्होंने लाहौर किला, अल्लामा इकबाल मकबरा और बादशाही मस्जिद का भी दौरा किया।
अपने प्रवास के दौरान, ब्रिटिश सिख सैनिकों ने देश के कई धार्मिक स्थलों का दौरा किया और ओरकजई जिले में भी गए तथा समाना किला, लॉकहार्ट किला और सारागढ़ी स्मारक भी देखा।
यह आर्टिकल पंजाब केसरी टीम द्वारा संपादित नहीं है, इसे एजेंसी फीड से ऑटो-अपलोड किया गया है।
मेजर जनरल सेलिया जे हार्वे, उप कमांडर फील्ड आर्मी ब्रिटिश के नेतृत्व में समूह ने रावलपिंडी में सेना मुख्यालय में जनरल बाजवा से मुलाकात की।
बैठक के दौरान, बाजवा ने प्रतिनिधिमंडल से कहा कि पाकिस्तान सभी धर्मों का सम्मान करता है और सेना के अनुसार देश में धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने की आवश्यकता को भी मानता है।
उन्होंने कहा कि करतारपुर गलियारा धार्मिक स्वतंत्रता और सद्भाव के प्रति पाकिस्तान की अटूट प्रतिबद्धता की व्यावहारिक अभिव्यक्ति है।
उल्लेखनीय है कि नवंबर 2019 में, पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ने औपचारिक रूप से एक समारोह में गुरु नानक के 550वें प्रकाशोत्सव के उपलक्ष्य में करतारपुर गलियारे का उद्घाटन किया था, जिससे भारतीय सिख तीर्थयात्रियों को पाकिस्तान में अपने धर्म के सबसे पवित्र स्थलों में से एक की यात्रा बिना वीजा के करने का मार्ग प्रशस्त हुआ।
प्रतिनिधिमंडल ने लाहौर का दौरा किया जहां गणमान्य व्यक्तियों ने वाघा बॉर्डर पर ध्वज समारोह देखा।
उन्होंने लाहौर किला, अल्लामा इकबाल मकबरा और बादशाही मस्जिद का भी दौरा किया।
अपने प्रवास के दौरान, ब्रिटिश सिख सैनिकों ने देश के कई धार्मिक स्थलों का दौरा किया और ओरकजई जिले में भी गए तथा समाना किला, लॉकहार्ट किला और सारागढ़ी स्मारक भी देखा।
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