पाकिस्तान मंत्रिमंडल ने श्रीलंकाई नागरिक की क्रूर हत्या पर चिंता जतायी
punjabkesari.in Tuesday, Dec 07, 2021 - 09:38 AM (IST)
इस्लामाबाद, छह दिसंबर (भाषा) पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में ईशनिंदा के आरोप में भीड़ द्वारा एक श्रीलंकाई नागरिक को पीट-पीटकर मार डालने की घटना के बाद पाकिस्तान मंत्रिमंडल ने सोमवार को देश में भीड़ द्वारा हत्या पर अंकुश लगाने को लेकर संकल्प लिया। इस घटना से पाकिस्तान को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कड़ी आलोचना का सामना करना पड़ा है।
कट्टरपंथी इस्लामी पार्टी तहरीक-ए-लब्बैक पाकिस्तान (टीएलपी) के समर्थकों सहित 800 से अधिक लोगों की भीड़ ने पिछले शुक्रवार को लाहौर से लगभग 100 किलोमीटर दूर स्थित सियालकोट जिले में एक कपड़ा कारखाने पर हमला किया था और उसके महाप्रबंधक दियावदनगे की हत्या करके उसके शव को आग लगा दी थी।
प्रधानमंत्री इमरान खान की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल स्तर की एक बैठक के दौरान श्रीलंकाई नागरिक की हत्या के क्रूर कृत्य को लेकर गंभीर चिंता जतायी गई।
मंत्रिमंडल बैठक के बाद जारी आधिकारिक बयान में कहा गया, '''' बैठक के प्रतिभागियों का विचार था कि लोगों और भीड़ को कानून अपने हाथ में लेने की अनुमति नहीं दी जा सकती और ऐसी घटनाओं को बर्दाश्त नहीं किया जा सकता।'''' बैठक में सूचना मंत्री फवाद अहमद, गृह मंत्री शेख रशीद अहमद, सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार मोईद यूसुफ, पंजाब प्रांत के मुख्यमंत्री उस्मान बजदार के अलावा वरिष्ठ सैन्य और प्रशासनिक अधिकारी मौजूद थे।
यह आर्टिकल पंजाब केसरी टीम द्वारा संपादित नहीं है, इसे एजेंसी फीड से ऑटो-अपलोड किया गया है।
कट्टरपंथी इस्लामी पार्टी तहरीक-ए-लब्बैक पाकिस्तान (टीएलपी) के समर्थकों सहित 800 से अधिक लोगों की भीड़ ने पिछले शुक्रवार को लाहौर से लगभग 100 किलोमीटर दूर स्थित सियालकोट जिले में एक कपड़ा कारखाने पर हमला किया था और उसके महाप्रबंधक दियावदनगे की हत्या करके उसके शव को आग लगा दी थी।
प्रधानमंत्री इमरान खान की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल स्तर की एक बैठक के दौरान श्रीलंकाई नागरिक की हत्या के क्रूर कृत्य को लेकर गंभीर चिंता जतायी गई।
मंत्रिमंडल बैठक के बाद जारी आधिकारिक बयान में कहा गया, '''' बैठक के प्रतिभागियों का विचार था कि लोगों और भीड़ को कानून अपने हाथ में लेने की अनुमति नहीं दी जा सकती और ऐसी घटनाओं को बर्दाश्त नहीं किया जा सकता।'''' बैठक में सूचना मंत्री फवाद अहमद, गृह मंत्री शेख रशीद अहमद, सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार मोईद यूसुफ, पंजाब प्रांत के मुख्यमंत्री उस्मान बजदार के अलावा वरिष्ठ सैन्य और प्रशासनिक अधिकारी मौजूद थे।
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