चीन ने शीत युद्ध नहीं चाहने संबंधी बाइडन के बयान को बहुत तवज्जो नहीं दी
punjabkesari.in Thursday, Sep 23, 2021 - 10:43 AM (IST)
बीजिंग, 22 सितंबर (भाषा) चीन ने बुधवार को अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन के इस बयान को बहुत तवज्जो नहीं दी कि अमेरिका एक नया शीत युद्ध नहीं चाहता। इसके साथ ही चीन ने कहा कि अमेरिका को बीजिंग के खिलाफ "छोटे समूहों" के गठन से बचना चाहिए।
दुनिया की दो शीर्ष अर्थव्यवस्थाओं के बीच द्विपक्षीय संबंधों के विभिन्न पहलुओं पर चीन के साथ बढ़ते तनाव के बीच बाइडन ने मंगलवार को संयुक्त राष्ट्र महासभा बैठक में अपने संबोधन में कहा कि वह एक और नया शीत युद्ध नहीं चाहते हैं। उन्होंने हालांकि चीन का नाम नहीं लिया और कहा, "हम एक नया शीत युद्ध या दृढ़ गुटों में बंटी हुयी दुनिया नहीं चाहते हैं।" शीत युद्ध संबंधी बाइडन की टिप्पणी पर प्रतिक्रिया पूछे जाने पर चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियान ने यहां मीडिया ब्रीफिंग में कहा कि अमेरिका को अंतरराष्ट्रीय मामलों में संयुक्त राष्ट्र की केंद्रीय भूमिका को स्वीकार करना चाहिए। उन्होंने कहा इसके अलावा अमेरिका को ‘शून्य-संचय खेल’ (जीरो-सम गेम) तथा छोटे समूहों के गठन को छोड़ देना चाहिए।
उन्होंने कहा कि समस्याओं का समाधान करते हुए, अंतरराष्ट्रीय समुदाय को वर्चस्ववादी धौंस पर जोर नहीं देना चाहिए। उन्होंने कहा कि उन्हें दोनों को लाभ के लिए सहयोग के साथ ही ऊंची दीवारों और व्यवधानों को दूर करने की आवश्यकता है।
उन्होंने कहा, "उम्मीद है कि संबंधित देश समय की प्रवृत्ति का पालन करेगा, चीन और उसके विकास को उद्देश्यपरक और निष्पक्ष तरीके से देखेगा।’’ उल्लेखनीय है चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने बाइडन के संबोधन के कुछ घंटों बाद ही अपना भाषण दिया था। उन्होंने अपने भाषण में "समूहों के गठन" का उल्लेख किया। वह जाहिर तौर पर क्वाड तथा ऑकस पर निशाना साध रहे थे। क्वाड समूह में अमेरिका, भारत, जापान और ऑस्ट्रेलिया शामिल हैं वहीं ऑकस में ऑस्ट्रेलिया, अमेरिका और ब्रिटेन शामिल हैं।
यह आर्टिकल पंजाब केसरी टीम द्वारा संपादित नहीं है, इसे एजेंसी फीड से ऑटो-अपलोड किया गया है।
दुनिया की दो शीर्ष अर्थव्यवस्थाओं के बीच द्विपक्षीय संबंधों के विभिन्न पहलुओं पर चीन के साथ बढ़ते तनाव के बीच बाइडन ने मंगलवार को संयुक्त राष्ट्र महासभा बैठक में अपने संबोधन में कहा कि वह एक और नया शीत युद्ध नहीं चाहते हैं। उन्होंने हालांकि चीन का नाम नहीं लिया और कहा, "हम एक नया शीत युद्ध या दृढ़ गुटों में बंटी हुयी दुनिया नहीं चाहते हैं।" शीत युद्ध संबंधी बाइडन की टिप्पणी पर प्रतिक्रिया पूछे जाने पर चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियान ने यहां मीडिया ब्रीफिंग में कहा कि अमेरिका को अंतरराष्ट्रीय मामलों में संयुक्त राष्ट्र की केंद्रीय भूमिका को स्वीकार करना चाहिए। उन्होंने कहा इसके अलावा अमेरिका को ‘शून्य-संचय खेल’ (जीरो-सम गेम) तथा छोटे समूहों के गठन को छोड़ देना चाहिए।
उन्होंने कहा कि समस्याओं का समाधान करते हुए, अंतरराष्ट्रीय समुदाय को वर्चस्ववादी धौंस पर जोर नहीं देना चाहिए। उन्होंने कहा कि उन्हें दोनों को लाभ के लिए सहयोग के साथ ही ऊंची दीवारों और व्यवधानों को दूर करने की आवश्यकता है।
उन्होंने कहा, "उम्मीद है कि संबंधित देश समय की प्रवृत्ति का पालन करेगा, चीन और उसके विकास को उद्देश्यपरक और निष्पक्ष तरीके से देखेगा।’’ उल्लेखनीय है चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने बाइडन के संबोधन के कुछ घंटों बाद ही अपना भाषण दिया था। उन्होंने अपने भाषण में "समूहों के गठन" का उल्लेख किया। वह जाहिर तौर पर क्वाड तथा ऑकस पर निशाना साध रहे थे। क्वाड समूह में अमेरिका, भारत, जापान और ऑस्ट्रेलिया शामिल हैं वहीं ऑकस में ऑस्ट्रेलिया, अमेरिका और ब्रिटेन शामिल हैं।
यह आर्टिकल पंजाब केसरी टीम द्वारा संपादित नहीं है, इसे एजेंसी फीड से ऑटो-अपलोड किया गया है।
सबसे ज्यादा पढ़े गए
Recommended News
Recommended News
पति ने धारदार हथियार से हमला कर पत्नी को उतारा मौत के घाट, बाद में खुद भी फांसी लगाकर दी जान
पुरानी रजिंश के चलते 2 परिवारों में खूनी झड़प, अस्पताल में भी एक-दूजे को किया लहूलुहान
Border पर पाकिस्तानी झंडे के साथ मिला गुब्बारा, जांच में जुटी सुरक्षा एजेंसियां
नालंदा में बदमाशों ने Journalist को मारी गोली... पटना के हायर सेंटर रेफर, घटना के बाद पत्रकारों में रोष