चाबहार बंदरगाह का संचालन मई तक शुरू होने की संभावना : रिपोर्ट

punjabkesari.in Friday, Apr 09, 2021 - 09:40 AM (IST)

वाशिंगटन, नौ अप्रैल (भाषा) भारत ने थोड़े ठहराव के बाद इस साल की शुरुआत से ही चाबहार बंदरगाह पर काम तेज कर दिया है और सामरिक रूप से महत्वपूर्ण इस ईरानी बंदरगाह का संचालन अगले महीने तक शुरू होने की संभावना है। अमेरिकी संसद की एक रिपोर्ट में यह बात कही गई है।

अमेरिकी सांसदों के लिए अपनी नयी रिपोर्ट में कांग्रेसनल रिसर्च सर्विस (सीआरएस) ने कहा कि 2015 में ईरान के चाबहार बंदरगाह और रेलवे लाइन बिछाने के काम में मदद के लिए भारत तैयार हो गया था। इस रेलवे लाइन से भारत को पाकिस्तान से गुजरे बिना अफगानिस्तान से बेरोक-टोक व्यापार करने में मदद मिलेगी।

करीब 100 पृष्ठों की इस रिपोर्ट में कहा गया है कि मई 2016 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ईरान गए और बंदरगाह तथा उससे संबंधित बुनियादी ढांचे के विकास के लिए 50 करोड़ डॉलर निवेश करने के समझौते पर हस्ताक्षर किए।

हालांकि ट्रंप प्रशासन ने ईरान पर अपने कड़े प्रतिबंधों से भारत की ‘‘अफगानिस्तान पुनर्निर्माण’’ परियोजना को छूट दे रखी थी लेकिन भारत ने 2020 के अंत तक परियोजना पर काम रोक दिया।

सीआरएस की रिपोर्ट में कहा गया है, ‘‘उसने 2021 की शुरुआत में काम तेज कर दिया और बंदरगाह का संचालन मई 2021 तक शुरू होने की संभावना है।’’ स्वतंत्र संगठन सीआरएस की रिपोर्ट विशेषज्ञों ने तैयार की है और इसे अमेरिकी संसद की आधिकारिक रिपोर्ट नहीं माना जाता।

रिपोर्ट में कहा गया है कि ईरान की अर्थव्यवस्था दक्षिण एशिया में उसके निकटतम पड़ोसियों से जुड़ी हुई है। सीआरएस ने कहा कि पाकिस्तान के साथ ईरान के आर्थिक संबंध भारत के साथ उसके आर्थिक संबंधों की तुलना में कम व्यापक हैं।

साथ ही इसमें कहा गया है कि हिंद-प्रशांत क्षेत्र में चीन की भूमिका पर अविश्वास ने क्वाड को मजबूत बनाया है। क्वाड में ऑस्ट्रेलिया, भारत, जापान और अमेरिका शामिल हैं। सीआरएस ने कहा कि 2017 में ट्रंप प्रशासन ने क्वाड संवाद को आगे बढ़ाने के प्रयास किए। उसने कहा, ‘‘बाइडन प्रशासन ने इस पहल को अपनाया और मार्च 2021 में जापान, ऑस्ट्रेलिया तथा भारत के साथ डिजिटल बैठक की।’’ रिपोर्ट के अनुसार इस बैठक में विश्व नेताओं ने कोविड-19 टीकों की उपलब्धता बढ़ाने और दक्षिणपूर्व एशिया तथा वृहद हिंद-प्रशांत क्षेत्र को 2022 के अंत तक अरबों टीके उपलब्ध कराने का वादा किया।

रिपोर्ट में कहा गया है कि उच्च प्रौद्योगिकी उत्पादों में इस्तेमाल सामग्री पर चीन के एकाधिकार और निर्भरता कम करने की योजना तथा पेरिस समझौते को मजबूत करने के लिए मिलकर काम करने के साथ ही यह कदम आपसी सहयोग की दिशा में एक नया अध्याय शुरू कर सकता है।



यह आर्टिकल पंजाब केसरी टीम द्वारा संपादित नहीं है, इसे एजेंसी फीड से ऑटो-अपलोड किया गया है।

सबसे ज्यादा पढ़े गए

PTI News Agency

Recommended News

Related News