भारत के संभावित हमले की बात पर पाकिस्तान के नेताओं के “पैर कांप रहे थे”: सादिक

punjabkesari.in Thursday, Oct 29, 2020 - 08:42 PM (IST)

इस्लामाबाद, 29 अक्टूबर (भाषा) पाकिस्तान में सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा सहित देश के शीर्ष नेताओं की मौजूदगी में एक बैठक के दौरान उस समय ‘‘पैर कांप रहे थे और माथे पर पसीने की बूंदे झलक रही थी’’ जब विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने भारतीय वायु सेना के विंग कमांडर अभिनंदन वर्धमान को छोड़ने की गुहार लगाते हुए कहा था कि यदि उन्हें रिहा नहीं किया गया तो भारत पाकिस्तान पर हमला कर देगा। यह बात पाकिस्तान के एक वरिष्ठ विपक्षी नेता ने कही।
भारत द्वारा पाकिस्तान के बालाकोट में आतंकवादी ठिकानों पर 26 फरवरी, 2019 को बम गिराने के बाद इस्लामाबाद में पैदा हुए तनाव को याद करते हुए पाकिस्तान मुस्लिम लीग नवाज (पीएमएल-एन) के नेता सरदार अयाज सादिक ने इमरान खान सरकार द्वारा दी गई प्रतिक्रिया के लिए उनकी आलोचना की।
‘दुनिया न्यूज’ पर बुधवार को आई खबर के अनुसार सादिक ने कहा कि विपक्ष ने सरकार का कश्मीर और वर्धमान समेत हर मुद्दे पर समर्थन किया है, लेकिन अब वह सरकार का समर्थन नहीं करेगा।

सादिक, पीएमएल-एन सरकार के समय नेशनल असेंबली के अध्यक्ष थे।

उन्होंने संसद में बुधवार को ऐसा ही बयान दिया था कि विदेश मंत्री कुरैशी ने एक महत्वपूर्ण बैठक में गुहार लगाई थी कि वर्धमान को वापस जाने दें क्योंकि भारत पाकिस्तान पर हमला कर रहा है।
भारतीय वायु सेना के 37 वर्षीय अधिकारी को 27 फरवरी को पाकिस्तानी सेना ने उस दौरान बंदी बना लिया था जब पाकिस्तानी विमानों के साथ हुई हवाई जंग में वर्धमान के मिग-21 बाइसन विमान को गिरा दिया गया था।

भारतीय वायु सेना के विमानों ने 26 फरवरी 2019 को पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा क्षेत्र के बालाकोट में स्थित जैश ए मोहम्मद के आतंकी ठिकानों को नेस्तनाबूद कर दिया था।

वर्धमान का विमान गिरने से पहले उन्होंने पाकिस्तान के एक एफ-16 विमान को मार गिराया था। पाकिस्तान ने उन्हें एक मार्च को भारत को सौंपा था।

नेशनल एसेंबली में अपने भाषण में सादिक ने कहा कि प्रधानमंत्री इमरान खान उस उच्च स्तरीय बैठक में नहीं आये थे जिसमें सेना प्रमुख जनरल बाजवा और विदेश मंत्री कुरैशी समेत शीर्ष नेतृत्व ने भाग लिया था।

सादिक ने कहा, ‘‘पैर कांप रहे थे और माथे पर पसीने छूट रहे थे और विदेश मंत्री (कुरैशी) ने हमसे कहा, ‘‘अल्लाह के वास्ते हमें उन्हें (वर्धमान) छोड़ देना चाहिए क्योंकि भारत रात नौ बजे पाकिस्तान पर हमला कर रहा है।’’बैठक में पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) और पीएमएल-एन के नेताओं समेत कई संसदीय नेता मौजूद थे।

बैठक को याद करते हुए सादिक ने कहा, ‘‘भारत हमला करने की योजना नहीं बना रहा था ... वे सिर्फ भारत के आगे घुटने टेकना चाहते थे और अभिनंदन को वापस भेजना चाहते थे।’’ विपक्षी नेता ने यह नहीं बताया कि बैठक कब हुई थी लेकिन संकेत दिये है कि यह बैठक वर्धमान की रिहाई से पहले हुई थी।
इसके बाद हुई किरकरी से बचने के लिए सादिक ने एक स्पष्टीकरण जारी किया।

सादिक ने बृहस्पतिवार को एक वीडियो बयान में कहा कि नेशनल एसेंबली में दिये गये उनके बयान को ‘‘गलत तरीके से उद्धृत’’ किया जा रहा है।

उन्होंने कहा कि वह कहना चाहते हैं कि वर्धमान को रिहा करने के फैसले ने ‘‘असैन्य नेतृत्व की कमजोरी’’ को प्रदर्शित किया।

सादिक के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए पाकिस्तानी सेना के प्रवक्ता मेजर जनरल बाबर इफ्तिखार ने बृहस्पतिवार को कहा कि उनका बयान ‘‘इतिहास को विकृत’’ करने का एक प्रयास है। मेजर जनरल इफ्तिखार ने यहां संवाददाता सम्मेलन में सवालों के जवाब में कहा, ‘‘पाकिस्तान इतिहास को सही करने के उद्देश्य से यह स्पष्ट करना चाहता है कि पाकिस्तान ने अपनी क्षमता और संकल्प का प्रदर्शन किया और 27 फरवरी को अपनी क्षमता के हिसाब से कार्रवाई की।’’ उन्होंने कहा कि सादिक के बयान का राष्ट्रीय सुरक्षा पर असर पड़ा है।

उन्होंने कहा, ‘‘हम सभी को ऐसे समय में जिम्मेदारी से काम करना होगा जब पाकिस्तान के दुश्मनों ने देश पर एक ‘हाइब्रिड’ युद्ध लाद दिया है…... पाकिस्तान की सशस्त्र सेना को न केवल आंतरिक और बाहरी चुनौतियों के बारे में पता है, बल्कि उनका सामना करने के लिए भी तैयार हैं।’’

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PTI News Agency

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