अमेरिका में अस्पताल श्रृंखला पर साइबर हमला
punjabkesari.in Tuesday, Sep 29, 2020 - 01:51 PM (IST)
वाशिंगटन, 29 सितम्बर (एपी) अमेरिका में सोमवार को एक पमुख अस्पताल श्रृंखला के सभी अस्पतालों की कम्प्यूटर प्रणालियां ठप्प पड़ गई, जिसे कम्पनी ने प्रौद्योगिकी से जुड़ी ‘‘सुरक्षा समस्या’’ करार दी।
इस दौरान सभी डॉक्टरों और नर्सों को ऑनलाइन की जगह हर काम के लिए कागजों का इस्तेमाल करना पड़ा।
‘यूनिवर्सल हेल्थ सर्विसेज इंक’ के अमेरिका में 250 से अधिक अस्पताल और अन्य स्वास्थ्य केन्द्र हैं।
उसने अपनी वेबसाइट पर सोमवार को एक संक्षिप्त बयान में कहा कि उसका नेटवर्क ऑफलाइन है और डॉक्टर तथा नर्स कागज सहित अन्य स्रोतों का इस्तेमाल कर काम कर रहे हैं।
वहीं ‘फॉर्चून 500’ कम्पनी ने कहा कि मरीजों का इलाज जारी है। किसी मरीज की जानकारी को कॉपी किए जाने या उसका गलत इस्तेमाल किए जाने का कोई संकेत नहीं है। कम्पनी में करीब 90 हजार कर्मचारी हैं।
इस बीच, ‘अमेरिकन हॉस्पिटल एसोसिएशन’ के वरिष्ठ साइबर सुरक्षा सलाहकार जॉन रिग्गी ने इसे ‘‘संदिग्ध रैनसमवेयर हमला’’ बताया।
उन्होंने बताया कि कोरोना वायरस के दौरान अपराधी स्वास्थ्य देखभाल संस्थानों के नेटवर्क को तेजी से निशाना बना रहे हैं।
‘रैनसमवेयर’ एक प्रकार का सॉफ्टवेयर है, जिसके जरिए हैकर डेटा चोरी कर लेते हैं और फिर उसे वापस देने के लिए पैसे मांगते हैं।
साइबर सुरक्षा कम्पनी ‘एमसिसोफ्ट’ द्वारा संकलित आंकड़ों के अनुसार पिछले साल अमेरिका में 764 स्वास्थ्य सेवा प्रदाता ‘रैनसमवेयर’ का शिकार हुए थे।
एपी निहारिका शाहिद शाहिद 2909 1338 वाशिंगटन
यह आर्टिकल पंजाब केसरी टीम द्वारा संपादित नहीं है, इसे एजेंसी फीड से ऑटो-अपलोड किया गया है।
इस दौरान सभी डॉक्टरों और नर्सों को ऑनलाइन की जगह हर काम के लिए कागजों का इस्तेमाल करना पड़ा।
‘यूनिवर्सल हेल्थ सर्विसेज इंक’ के अमेरिका में 250 से अधिक अस्पताल और अन्य स्वास्थ्य केन्द्र हैं।
उसने अपनी वेबसाइट पर सोमवार को एक संक्षिप्त बयान में कहा कि उसका नेटवर्क ऑफलाइन है और डॉक्टर तथा नर्स कागज सहित अन्य स्रोतों का इस्तेमाल कर काम कर रहे हैं।
वहीं ‘फॉर्चून 500’ कम्पनी ने कहा कि मरीजों का इलाज जारी है। किसी मरीज की जानकारी को कॉपी किए जाने या उसका गलत इस्तेमाल किए जाने का कोई संकेत नहीं है। कम्पनी में करीब 90 हजार कर्मचारी हैं।
इस बीच, ‘अमेरिकन हॉस्पिटल एसोसिएशन’ के वरिष्ठ साइबर सुरक्षा सलाहकार जॉन रिग्गी ने इसे ‘‘संदिग्ध रैनसमवेयर हमला’’ बताया।
उन्होंने बताया कि कोरोना वायरस के दौरान अपराधी स्वास्थ्य देखभाल संस्थानों के नेटवर्क को तेजी से निशाना बना रहे हैं।
‘रैनसमवेयर’ एक प्रकार का सॉफ्टवेयर है, जिसके जरिए हैकर डेटा चोरी कर लेते हैं और फिर उसे वापस देने के लिए पैसे मांगते हैं।
साइबर सुरक्षा कम्पनी ‘एमसिसोफ्ट’ द्वारा संकलित आंकड़ों के अनुसार पिछले साल अमेरिका में 764 स्वास्थ्य सेवा प्रदाता ‘रैनसमवेयर’ का शिकार हुए थे।
एपी निहारिका शाहिद शाहिद 2909 1338 वाशिंगटन
यह आर्टिकल पंजाब केसरी टीम द्वारा संपादित नहीं है, इसे एजेंसी फीड से ऑटो-अपलोड किया गया है।