म्यांमार तख्तापलट के खिलाफ प्रदर्शनकारियों ने फूँकी चीनी फैक्ट्री, कई शहरों में मार्शल लॉ

punjabkesari.in Monday, Mar 15, 2021 - 07:30 PM (IST)

इंटरनेशनल डेस्कः म्यांमार में तख्तापलट के बाद से स्थिति लगातार चिंताजनक बनी हुई है। स्थानीय लोगों का मानना है कि इस पूरे घटनाक्रम के पीछे चीन का हाथ है। इसी गुस्से में उन्होंने हलिंगथैया में रविवार (मार्च 14, 2021) को चीनी फैक्ट्री को आग के हवाले कर दिया व अन्य जगहों पर भी अपना गुस्सा जाहिर किया। घटना के बाद सेना ने खूँखार रूप दिखाते हुए 22 लोगों को गोलियों से भून डाला।

वहीं 16 लोगों की मांडले और बागो जैसी जगहों पर संघर्ष में जान गई। कुल मिलाकर कल 38 लोग मारे गए। बता दें कि तख्तापलट के बाद से अब तक 126 लोग मारे जा चुके हैं। शनिवार तक सेना का विरोध करने पर 2,150 लोगों को हिरासत में लिया जा चुका था। 

चीन ने हिंसक प्रदर्शनकारियों को सजा देने के लिए की अपील
चीन ने भी प्रदर्शनकारियों का गुस्सा देखते हुए सेना से जरूरी कदम उठाने और हिंसक भीड़ को कानून के मुताबिक सजा देने को कहा है। साथ ही म्यांमार में अपने लोगों और अपनी कंपनियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की अपील भी की है। यांगून में चीनी दूतावास पर लगातार प्रदर्शन कर रहे लोगों को शक है कि उनके देश में हुई सियासी उथल-पुथल को बीजिंग का समर्थन है। रविवार को चीन ने म्यांमार के प्रदर्शनकारियों से अपनी माँगों को वैध तरीके से व्यक्त करने और चीन के साथ द्विपक्षीय संबंधों को कमजोर न करने की अपील की।

देश के सबसे बड़े शहर यांगून के कई हिस्सों में मार्शल कानून लागू करने की घोषणा की है। असैन्य सरकार का तख्ता पलट करने के खिलाफ हो रहे प्रदर्शनों को काबू करने के लिए की जा रही सख्त कार्रवाई में मारे गए लोगों की बढ़ती संख्या के बीच सैन्य शासन ने यह कदम उठाया है। हिंसा में मारे गए लोगों की संख्या पर नजर रखने वाले स्वतंत्र समूह ‘एसिस्टेंस एसोसिएशन फॉर पॉलिटिकल प्रीजनर्स' के मुताबिक, रविवार सबसे हिंसक दिनों में से एक रहा, क्योंकि प्रदर्शनों के खिलाफ कार्रवाई के दौरान कम से कम 38 लोगों की मौत हुई, जबकि कई अन्य लोग घायल हुए हैं।

समूह के मुताबिक, सबसे अधिक 34 लोगों की मौत यांगून में हुई है और जहां के दो टाउनशिप हलियांग थार यार और पड़ोसी श्वेपियता में मार्शल कानून लागू किया गया है। हलियांग थार यार टाउनशिप का एक कथित वीडियो सामने आया है जिसमें लोग भाग रहे हैं और गोली चलने की आवाजें आ रही हैं। ‘इंडिपेंडेंट डेमोक्रेटिक वाइस ऑफ बर्मा' द्वारा जारी फुटेज में दिख रहा है कि जो लोग भाग रहे हैं वे एक घायल व्यक्ति को ले जा रहे हैं जबकि दो अन्य को होश में लाने की कोशिश कर रहे हैं जिनमें से एक मरणासन्न या मृत लग रहा है।

सहायता समूह के मुताबिक, हलियांग थार यार वह इलाका है जहां रविवार को 22 नागरिकों की मौत हुई, जबकि दर्जनों लोग घायल हुए और बड़ी संख्या में जुंटा बल इलाके में तैनात हैं। म्यांमा में तख्ता पलट के बाद गत छह हफ्ते से आपातकाल लागू है लेकिन रविवार देर शाम सरकारी प्रसारक एमआरटीवी ने पहली बार मार्शल कानून का जिक्र किया जिससे प्रतीत होता है कि सुरक्षा की जिम्मेदारी स्थानीय पुलिस के बजाय सेना ने सीधे अपने हाथ में ले ली है।


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Content Writer

Yaspal

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