पाकिस्तान के ग्वादर में चीनी परियोजना के खिलाफ फूटा लोगों का गुस्सा
punjabkesari.in Monday, Jan 03, 2022 - 01:49 PM (IST)
पेशावर: पाकिस्तान के ग्वादर में चीनी परियोजना के खिलाफ लोगों का गुस्सा लगातार जारी है। ग्वादर के स्थानीय निवासियों की लंबे समय से शिकायत है कि क्षेत्र में चीनी उपस्थिति और निवेश ने उनके जीवन को बेहतर बनाने के बजाए बदतर बना दिया है । डॉन के अनुसार स्थानीय लोगों का आरोप है कि चीनी परियोजना के चलते वे मूलभूत सुविधाओं से वंचित हो गए हैं। खासकर लोग पानी और नौकरियों की समस्याओं से जूझ रहे हैं ।
यूरोपियन फाउंडेशन फॉर साउथ एशियन स्टडीज के अनुसार पाकिस्तानी दमनकारी सत्ता के खिलाफ ग्वादर के अधिकारों के लिए आंदोलन की सफलता इमरान खान सरकार की असफलता को दर्शाती है। प्रदर्शनकारियों की मांगों में से एक प्रमुख सड़कों पर 'अनावश्यक' चौकियों को हटाने की है। इनमें से अधिक से अधिक चौकियां चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारा परियोजना के रूप में सामने आई थीं। ग्वादर को हुकूक दो तहरीक (ग्वादर आंदोलन को अधिकार दें) आंदोलन के प्रमुख मौलाना हिदायत के नेतृत्व प्रदर्शनकारियों मूलभूत सुविधाएं देने व अवैध ट्रॉलरों को समाप्त करने की मांग की।
प्रदर्शनकारियों का आरोप है कि सिंध जैसे पड़ोसी क्षेत्रों और यहां तक कि अन्य देशों के ट्रॉलर इस जल क्षेत्र में मछली पकड़ने आते हैं, जिससे स्थानीय मछुआरों का रोजगार बुरी तरह प्रभावित होता है। इससे पहले दिसंबर में, प्रधान मंत्री इमरान खान ने एक ट्वीट में वादा किया था कि ट्रॉलरों द्वारा अवैध रूप से मछली पकड़ने के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। हालांकि, मामला केवल अवैध ट्रॉलरों तक ही सीमित नहीं है। पाकिस्तान ने तट से दूर समुद्र में मछली पकड़ने के लिए चीनी ट्रॉलर लाइसेंस दिए हैं।
स्थानीय लोग जिनमें से अधिकांश छोटी नावों का संचालन करते हैं, असंतोष पैदा करने वाली बड़ी, अधिक उन्नत चीनी नौकाओं के साथ प्रतिस्पर्धा करने में असमर्थ हैं।
बता दें कि ग्वादर पाकिस्तान के गरीब प्रांत बलूचिस्तान में है, जो अफगानिस्तान और ईरान की सीमा से लगा हुआ एक कम आबादी वाला, पहाड़ी, रेगिस्तानी क्षेत्र है।
बलूचिस्तान अपनी रणनीतिक स्थिति, प्राकृतिक संसाधनों और चीन पाकिस्तान आर्थिक गलियारे के कारण पाकिस्तान और चीन दोनों के लिए बहुत महत्वपूर्ण है जो ग्वादर में समाप्त होता है और चीन को अरब सागर और हिंद महासागर तक पहुंच प्रदान करता है।