नेपाल में चीन की कोशिशों पर फिरा पानी, ओली के खिलाफ आंदोलन तेज करेंगे प्रचंड

punjabkesari.in Sunday, Jan 03, 2021 - 03:44 PM (IST)

 इंटरनेशनल डेस्कः नेपाल में आए सियासी भूचाल को रोकने के लिए चीन की कोशिशें नाकाम साबित हो रही हैं। चीन की उम्मीदों पर उस समय पानी फिर गया जब नेपाल  कम्युनिस्ट पार्टी के दोनों धड़ों में सुलह करने से इंकार कर दिया। पुष्प कमल दहल प्रचंड धड़े ने चीन को ठेंगा दिखाते हुए प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली के खिलाफ आंदोलन तेज करने का ऐलान करते हुए दूसरे दौर के प्रदर्शन को हरी झंडी दिखा दी है। प्रचंड धड़े  नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी के नेता हिमल शर्मा ने कहा कि आंदोलन की पूरी रणनीति बना ली गई है। 

 

नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी के दो धड़ों में बंटना चीन को रास नहीं आ रहा है । जानकारी के अनुसार नेपाल में प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली मंत्रिमंडल की सिफारिश पर राष्ट्रपति विद्यादेवी भंडारी ने निचले सदन को भंग करने की घोषणा की थी। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में एक दर्जन से अधिक याचिकाएं दायर  हैं। पिछले दिनों चीन के   की कम्युनिस्ट पार्टी के उप नेता ने अपनी टीम के साथ काठमांडू का दौरा किया लेकिन इस चाणाक्य फौज के प्रयास भी पार्टी के दोनों धड़ों में एक कराने में असफल  रहे। चीन के मुखपत्र ग्लोबल टाइम्स ने कहा कि नेपाल की कम्युनिस्ट पार्टी की एक पड़ोसी होने के नाते मदद की जा रही है। 


 
 इससे पहले नेपाल की सियासत में चीन के दखल के खिलाफ लोगों ने प्रदर्शन किया व  संवैधानिक राजशाही और हिंदू राष्ट्र की बहाली  की मांग की । इस दौरान प्रदर्शन में शामिल नेताओं ने प्रधानमंत्री ओली के संसद भंग करने की जमकर आलोचना की गई। आरपीपी के अध्यक्ष कमल थापा तथा पशुपति शमशेर राणा ने नेपाल को फिर से हिंदू राष्ट्र घोषित करने तथा संवैधानिक राजशाही बहाल करने की मांग की थी। नेताओं ने कहा था कि देश में लोकतंत्र की रक्षा करने तथा राजनीतिक स्थिरता के लिए हिंदू राष्ट्र और संवैधानिक राजशाही की बहाली के अलावा कोई विकल्प नहीं है।


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Tanuja

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