तालिबान कब्‍जे के बाद काबुल एयरपोर्ट पर पहली बार उतरा PIA का विमान, सिर्फ 10 यात्री थे सवार

punjabkesari.in Tuesday, Sep 14, 2021 - 11:10 AM (IST)

काबुल: अफगानिस्तान में तालिबान के अधिग्रहण के बाद उड़ान संचालन फिर से शुरू हो गया है। इस्लामाबाद से पाकिस्तान इंटरनैशनल एयरलाइंस (PIA) का यात्री विमान सोमवार सुबह काबुल में उतरा। बोइंग 777 विमान स्थानीय समयानुसार सुबह 6 बजकर 45 मिनट पर पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद से रवाना हुआ। विदेशी पत्रकारों ने इस उड़ान से अफगानिस्तान की राजधानी की यात्रा की, जबकि विश्व बैंक के कर्मचारियों को वापस इस्लामाबाद लाया गया। हालांकि, इस फ्लाइट में सिर्फ 10 ही यात्री सवार थे। इसमें यात्रियों से ज्यादा स्टाफ की संख्या थी।

 

PIA प्रवक्ता अब्दुल्ला खान ने कहा कि यह सेवा अफगानिस्तान के लोगों से सद्भावना पैदा करने और मानवीय प्रयासों को मजबूत करने के लिए थी। उन्होंने स्पष्ट किया कि यह सहायता की उड़ान नहीं थी। कुछ दिन पूर्व तालिबान प्रवक्‍ता ने बताया था कि तुर्की, संयुक्त अरब अमीरात और कतर से तकनीकी दल और विशेषज्ञ हवाई अड्डे से संचालन शुरू करने के लिए अफगानिस्तान की मदद रहे हैं।

 

एयरपोर्ट से अंतरराष्ट्रीय और घरेलू उड़ानें जल्द ही फिर से शुरू सकेंगी। उन्होंने कहा था कि एयरपोर्ट जल्द ही संचालन के लिए तैयार हो जाएगा। प्रवक्‍ता ने कहा था कि दुर्भाग्‍य से अमेरिकी सैनिकों ने एयरपोर्ट के कुछ हिस्सों को क्षतिग्रस्त कर दिया है और अब कतर और यूएई के समर्थन से उनकी मरम्मत की जा रही है। काबुल एयरपोर्ट बहुत जल्द लोगों के लिए खोल दिया जाएगा। गौरतलब है कि 15 अगस्त तक पूरे अफगानिस्तान में कब्जे के बाद भी काबुल एयरपोर्ट 31 अगस्त तक अमेरिकी सैनिकों के नियंत्रण में रहा। यहां से एक लाख से ज्यादा लोगों को रेस्क्यू कर अलग-अलग देशों में भेजा गया। आपरेशन के दौरान एयरपोर्ट पर लाखों लोग मौजूद थे।

 

रेस्क्यू आपरेशन समाप्‍त होने के बाद हवाई अड्डे का एक बड़ा हिस्सा क्षतिग्रस्त हो गया था। इसको कतर और दूसरे देशों की मदद से तालिबान ने रिपेयर किया है। गत सप्ताह कतर एयरवेज के कई चार्टर प्लेन काबुल एयरपोर्ट पहुंचे थे। इन प्लेन्स से उन लोगों को अफगानिस्तान से निकाला गया था, जो रेस्क्यू आपरेशन के दौरान छूट गए थे। उधर, पीआइए के प्रवक्ता ने बताया कि पाकिस्तान की सरकारी एयरलाइन अफगानिस्तान के लिए नियमित कमर्शियल फ्लाइट शुरू करने की इच्‍छुक है। हालांकि, अभी तक यह स्पष्ट नहीं है कि इस्लामाबाद से काबुल के बीच एक हफ्ते में कितनी उड़ानें संचालित होंगी।

 


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Content Writer

Tanuja

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