ग्वादर में चीन के अवैध मछली पकड़ने पर भड़के पाकिस्तान के लोग

punjabkesari.in Monday, Aug 23, 2021 - 01:26 PM (IST)

पेशावरः अपनी महत्वकांशी योजनाओं को पूरा करने के लिे चीन दोस्ती का सहारा लेकर पाकिस्तान को चारों तरफ से अपने प्रभाव में ले रहा है। पाकिस्तान सरकार ने ग्वादर बंदरगाह के संचालन का जिम्मा चीन को सौंप रखा है। चीन-पाकिस्तान इकोनोमिक कारिडोर (सीपीईसी) चीन के शिनजियांग प्रांत से ग्वादर बंदरगाह को जोड़ता है। इस बंदरगाह के जरिये चीन अपने उत्पादों को पश्चिम एशिया और यूरोप के देशों में भेजता है। दोस्ती  की आड़ में चीन लगातार पाक का शोषण कर रहा है।

 

ताजा मामले में पाक ग्वादर शहर के पास अरब सागर में अवैध रूप से मछली पकड़ रहीं पांच चीनी नौकाओं को जब्त किया गया है। पाकिस्तान ने यह कार्रवाई स्थानीय मछुआरों के विरोध के बाद की गई है। चीन की यह नौकाएं पाकिस्तान के आर्थिक अनन्य क्षेत्र में बिना मंजूरी के मछलियां पकड़ रही थीं। चीन के हाथों ग्वादर में अपनी जमीन खो चुके स्थानीय मछुआरों को अब समुद्र में मछली पकड़ने के अपने क्षेत्र को खोने का डर बैठ गया है।चीन के ट्रालरों द्वारा समुद्र में मछली पकड़ने के विरोध में पाकिस्तान के ग्वादर शहर में बड़ा विरोध प्रदर्शन हुआ है।

 

सैकड़ों लोगों ने इसे अपनी रोजी-रोटी पर हमला बताया है और कहा है कि इस कार्य को तत्काल रोका जाए। प्रदर्शन करने वालों में मछुआरों की बड़ी संख्या थी। ग्वादर बंदरगाह से बलूचिस्तान के लोग पूरी तरह से बेदखल कर दिए गए हैं। कंटेनर और अन्य माल को उठाने-रखने का काम भी चीन के मशीनी उपकरण कर रहे हैं। लेकिन हाल के महीनों में चीन के ट्रालर ग्वादर के समुद्री जल से मछलियां पकड़ने के काम में भी लग गए हैं। ग्वादर बंदरगाह का संचालन पूरी तरह से चीन के हाथों में देने के विरोधी स्थानीय लोग चीन के इस कदम से भड़क उठे हैं। शुक्रवार और शनिवार को ग्वादर में सैकड़ों लोगों ने एकत्रित होकर विरोध प्रदर्शन किया।

 

बलूच वाइस एसोसिएशन के अध्यक्ष मुनीर मेंगल के अनुसार प्रदर्शनकारी अपने छोटे कारोबार, मजदूरी और अब मछली पकड़ने के धंधे को खत्म किए जाने से नाराज थे। पता चला है कि इससे पहले जुलाई में भी चीनी ट्रालर आने के विरोध में सैकड़ों मछुआरों, राजनीतिक कार्यकर्ताओं, छात्रों और अन्य नागरिकों ने एकजुट होकर प्रदर्शन किया था। उन्होंने चीनी कंपनियों को मछली पकड़ने के लाइसेंस दिए जाने पर विरोध जताया था और उन्हें तत्काल रद किए जाने की मांग की थी। बलूचिस्तान में असर रखने वाली नेशनल पार्टी और बलूच छात्र संगठन इस विरोध में सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं।


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Content Writer

Tanuja

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