संयुक्‍त राष्‍ट्र में झूठ बोल कर फंसे PM इमरान ! 38 साल पुराने भाषण कारण हो रही बेइज्जती

punjabkesari.in Sunday, Sep 26, 2021 - 10:30 AM (IST)

इंटरनेशनल डेस्कः संयुक्त राष्ट्र महासभा में अमेरिका पर निशाना साधने के चक्कर में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान खुद ही अपने झूठ के जाल में  फंस गए। संयुक्त राष्ट्र में झूठ बोलने को लेकर  इमरान खान पर की जमकर बेइज्जती हो रही है।  इमरान ने शनिवार को एक रिकॉर्डेड मेसेज में कहा था कि अफगानिस्तान में 'अवैध कब्जे' के खिलाफ 1980 के दशक में चल रही लड़ाई में पाकिस्तान आगे था और अमेरिका के साथ मिलकर मुजाहिदीन समूहों को प्रशिक्षित कर रहा था। पाक PM ने बताया कि आजादी की लड़ाई लड़ रहे इन लड़ाकों को हीरो माना जाता था और तत्कालीन राष्ट्रपति रॉनल्ड रीगन ने उन्हें 1983 में वाइट हाउस बुलाया था। इसके आगे इमरान ने कहा कि रीगन ने इन मुजाहिदीन फाइटर्स की तुलना अमेरिका की नींव रखने वाले लीडर्स से की थी। इमरान का यही बयान सोशल मीडिया पर लोगों के गले नहीं उतरा।

 

यहां तक की PML-N उपाध्यक्ष मरयम नवाज ने भी कहा कि इमरान का भाषण लिखने वाले को नहीं, खुद इमरान को 'नौकरी से निकाल देना चाहिए।' दरअसल, इमरान के बयान पर यह दावा किया जा रहा है कि उन्होंने रीगन के बयान को काट-छांटकर पेश किया ताकि अफगानिस्तान में मुजाहिदीनों से लेकर तालिबान तक के उदय के लिए अमेरिका को उसका इतिहास याद दिलाकर निशाने पर लिया जा सके। यह भी कहा जा रहा है कि रीगन ने अपने भाषण में मुजाहिदीन की तुलना अमेरिका के 'फाउंडिंग फादर्स' से की ही नहीं थी। आरोप है कि एक डॉक्टर्ड वीडियो भी शेयर किया जा रहा है जिसमें रीगन के भाषण को एडिट किया गया है।

 

हालांकि, इमरान के समर्थन में उतरे लोगों का कहना है कि रीगन ने भले एक वाक्य में यह न कहा हो कि मुजाहिदीन अमेरिका की स्थापना करने वाले नेताओं जैसे थे, लेकिन उन्होंने सभी फ्रीडम फाइटर्स को ऐसा कहा है और यह भी माना है कि मुजाहिदीन फ्रीडम फाइटर्स थे। इसलिए यह कहना 'झूठ' नहीं है कि रीगन सभी को एक ही तरह से देख रहे थे। दरअसल, पाकिस्तान और चीन जैसे उसके साथी अफगानिस्तान के मौजूदा हालात के लिए अमेरिका को जिम्मेदार ठहराते हैं क्योंकि जिस मुजाहिदन का समर्थन 1980 के दशक में अमेरिका कर रहा था  वही आगे जाकर तालिबान की शक्ल लेकर आतंक मचाता रहा है।

 

दरअसल अमेरिका की एक सरकारी वेबसाइट पर आर्काइव में मौजूद स्पीच में रीगन ने कहा था, 'आजादी के आंदोलन खड़े होते हैं और खुद को आगे करते हैं। ये लगभग हर महाद्वीप पर हो रहा है जहां इंसान है, अफगानिस्तान के पहाड़ों में, अंगोला में, कांपूचिया में, मध्य अमेरिका में। आजादी के लड़ाकों का जिक्र करते हुए, हम सब आज सम्मानित हैं कि हमारे बीच अफगान फ्रीडम फाइटर्स को लीड करने वाले बहादुर कमांडर, अब्दुल हक मौजूद हैं। अब्दुल हक, हम आपके साथ हैं।'

 

वह आगे कहते हैं, 'ये हमारे भाई हैं, ये फ्रीडम फाइटर्स और हमें उनकी मदद करनी होगी। मैंने हाल ही में निकारगुआ के फ्रीडम फाइटर्स से बात की है। आप उनका सच जानते हैं। आपको पता है कि वह किससे और क्यों लड़ रहे हैं। वे हमारे फाउंडिंग फादर्स और फ्रांस के विरोध आंदोलन के बहादुर महिलाओं और पुरुषों से नैतिक रूप से समान हैं। हम उनसे मुंह नहीं मोड़ सकते हैं क्योंकि संघर्ष राइट या लेफ्ट के बीच नहीं है, सही और गलत के बीच है।'


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Content Writer

Tanuja

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