‘विश्व के सबसे बड़े परिवार'' के संरक्षक का मृत्यु के चार दिन बाद किया गया अंतिम संस्कार

punjabkesari.in Thursday, Jun 17, 2021 - 09:50 PM (IST)

इंटरनेशनल डेस्क: विश्व के सबसे बड़े परिवार के मुखिया के रूप में जाने वाले मिजोरम के जियोनघाका उर्फ ​​​​जियोना का मृत्यु के चार दिन बाद बृहस्पतिवार को अंतत: सेरछिप जिला स्थित उनके गांव में अंतिम संस्कार कर दिया गया। यह जानकारी एक स्थानीय नेता ने दी। उच्च रक्तचाप और मधुमेह से पीड़ित जियोनघाका को रविवार को आइजोल के ट्रिनिटी अस्पताल में डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया, लेकिन परिवार के सदस्य उन्हें जीवित बताकर उनका अंतिम संस्कार करने से इनकार कर रहे थे।

बक्तांग गांव के चुआंथार में 76 वर्षीय जियोनघाका की 39 पत्नियां, 90 से अधिक बच्चे और कम से कम 33 पोते-पोतियां हैं, जो एक विशाल चार मंजिला घर में रहते हैं। ये लोग संप्रदाय लाल्पा कोहरान थार से ताल्लुक रखते हैं, जिसमें पुरुषों को बहुविवाह की अनुमति होती है। ग्राम परिषद के अध्यक्ष रामजाउवा ने पीटीआई-भाषा को बताया कि जियोनघाका का शव उनके घर के पास विशेष रूप से बनाई गई कब्र में दफना दिया गया। उन्होंने कहा कि अंतिम संस्कार से जुड़े सभी कार्य कोविड रोधी प्रोटोकॉल का पालन करते हुए किए गए।

ग्राम परिषद प्रमुख ने बताया कि लाल्पा कोहरान थार संप्रदाय के पुजारी एथंगपुइया ने जियोनघाका का अंतिम संस्कार कराया और इस अवसर पर उनकी कुछ पत्नियों ने उनके जीवन के कुछ संदर्भ दिए। रामजाउवा ने कहा कि अंतिम संस्कार के दौरान कैमरा, मोबाइल फोन और अन्य इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों के इस्तेमाल पर रोक थी। जियोनघाका को डॉक्टरों द्वारा मृत घोषित किए जाने के बाद उनका परिवार यह कहकर उनका अंतिम संस्कार करने से इनकार कर रहा था कि उनका शरीर अभी भी गर्म है और उनकी नाड़ी अब भी चल रही है।

रामजुआवा के अनुसार, 433 परिवारों के 2,500 से अधिक सदस्य संप्रदाय का हिस्सा हैं, जिसकी स्थापना लगभग 70 साल पहले जियोनघाका के चाचा ने की थी। संप्रदाय के अधिकतर सदस्य जीवनयापन के लिए बढ़ई का काम करते हैं। स्थानीय सूत्रों के अनुसार, जियोनघाका के सबसे बड़े पुत्र नुनपारलियाना संबंधित संप्रदाय के अगले प्रमुख बन सकते हैं जिनकी दो पत्नियां हैं। 

 


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Content Editor

rajesh kumar

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