पाकिस्तान को कोरोना वायरस मामले में चीन से दोस्ताना पड़ा भारी
punjabkesari.in Thursday, Feb 20, 2020 - 02:02 PM (IST)
पेशावरः पाकिस्तान को कोरोना वायरस मामले में चीन से दोस्ताना दिखाना भारी पड़ गया है। चीन में फंसे पाकिस्तानी छात्रों को अब भी पाक सरकार नहीं निकाल पाई और यह निर्णय उस पार भारी पड़ता दिखाई दे रहा है। कोरोना वायरस से पूरी दुनिया में अब तक 2100 से अधिक लोगों की जान जा चुकी है। दरअसल, पिछले दिनों इंटरनेट पर कई ऐसे वीडियो वायरल हुए जिसमें चीन के वुहान में फंसे पाकिस्तानी छात्र अपने देश की सरकार से भावुक अपील करते दिखे। उन्होंने अपील की थी कि उन्हें यहां से निकाला जाए।
जिन छात्रों ने अपील की थी उनके विश्वविद्यालयों के कई छात्रों के कोरोनावायरस से संक्रमित होने की पुष्टि हुई थी। तब पाकिस्तान के लोगों ने भी अपनी सरकार से छात्रों को वापस लाने की बात कही थी। अब पाकिस्तान के नागरिक और छात्रों के परिजन इसी मांग को लेकर सड़कों पर उतर आए हैं। एक रिपोर्ट के मुताबिक वुहान में फंसे पाक छात्रों के माता-पिता ने इस्लामाबाद में विरोध प्रदर्शन किया और बच्चों को वहां से वापस निकालने की गुहार लगाई।
रिपोर्ट के मुताबिक परिवार वालों ने हुबेई प्रांत में रहने वाले अपने सैकड़ों नागरिकों को निकालने के लिए पाकिस्तान सरकार के इनकार पर अपनी निराशा को व्यक्त किया है। प्रदर्शन की तस्वीरें वायरल हो रही हैं। पाकिस्तान सरकार ने घोषणा की थे कि वो चीन से अपने नागरिकों को फिलहाल वापस नहीं बुलाएगी।इसके लिए पाक की सरकार ने अजीब तर्क देते हुए कहा था कि वह अपने दोस्त चीन के साथ अपनी इस समय मजबूती से खड़ा है और और चीन से एकजुटता दिखाने के लिए वह अपने छात्रों को वापस नहीं निकाल रहा है।
Pakistani student in Wuhan shows how Indian students are being evacuated by their govt. While Pakistanis are left there to die by the govt of Pakistan: pic.twitter.com/86LthXG593
— Naila Inayat नायला इनायत (@nailainayat) February 1, 2020
हालांकि पाकिस्तान सरकार ने कहा था कि चीन के संपर्क में है और वहां अपने नागरिकों के लिए जरूरी व्यवस्थाएं कर रही है। इस मामले में इस्लामाबाद हाईकोर्ट ने भी सरकार से कहा था कि वह चीन से पाकिस्तानियों को वापस नहीं लाने के फैसले पर पुनर्विचार करे।कोर्ट ने एक याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा था कि बांग्लादेश अपने नागरिकों को वहां से निकाल सकता है तो पाकिस्तान क्यों नहीं