LIVE: पंजशीर में खूनी खेल: अफगानी 'शेरों' ने 700 तालिबान आंतकी किए ढेर, घरेलू उड़ानें फिर से शुरू

punjabkesari.in Sunday, Sep 05, 2021 - 06:27 PM (IST)

इंटरनेशनल डेस्कः अफगानिस्तान में तालिबान के कब्जे के बाद उत्तर-पूर्वी प्रांत पंजशीर घाटी में तालिबान लड़ाकों और अफगानी प्रतिरोध बलों (रेसिस्प्रटेंस फोर्स) के बीच जंग जारी है। पंजशीर प्रतिरोध समूहों के सोशल मीडिया एकाउंट के अनुसार तालिबान सेना भारी नुकसान झेलने के बाद प्रांत से भाग रही है। अफगानिस्तान से जुड़ी हर खबर को  पढ़ने के लिए जुड़े रहें punjabkesari.in के साथ...

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  • पंजशीर में कई दिनों से जारी खूनी खेल के बीच शनिवार को तालिबानी लड़ाकों को पंजशीर के सुरक्षा बल के  सैनिकों से पंगा लेना भारी पड़ गया। प्रतिरोध बलों ने दावा  किया है कि शनिवार की लड़ाई में करीब 700 तालिबानी मारे गए तथा और 600 अन्य को कैद कर लिया गया। इससे पहले पजंशीर के नेता अहमद मसूद कहा था कि ‘मर जाएंगे, लेकिन आत्मसमर्पण नहीं करेंगे’। पंजशीर प्रांत में प्रतिरोध बलों का नेतृत्व कर रहे अहमद मसूद ने एक ऑडियो संदेश में कहा कि 700 से अधिक तालिबान मारे गए और 600 अन्य पकड़े गए और कैद किए गए जबकि बाकी भागने की कोशिश कर रहे हैं। मसूद ने संदेश में कहा, ‘हम अग्रिम पंक्ति में हैं, सब कुछ योजनाबद्ध था। हम पूरे प्रांत को नियंत्रित कर रहे हैं।’
     
  • अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जा जमाने के लगभग एक महीने बाद देश में घरेलू उड़ानें फिर से शुरू हो गई है। अफगानिस्तान की सरकारी विमानन कंपनी एरियाना अफगान एयरलाइंसर ने रविवार को उड़ान भरी है। काबुल हवाई अड्डे पर तालिबान के कब्जा जमाने के बाद से उड़ानों पर रोक लग थी। स्थानीय समाचार टोलो न्यूज ने यह जानकारी दी। चैनल ने बताया कि एरियाना अफगान एयरलाइंस ने काबुल से हेरात, मजार-ए-शरीफ और कंधार शहरों के लिए अपनी उड़ानें फिर से शुरू कर दी हैं।

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  • गौरतलब है कि तालिबान विरोधी प्रतिरोध बलों के कमांडर अहमद मसूद ने पंजशीर को तालिबान के चंगुल से बचाने की कसम खाई है। उन्होंने शनिवार को अफगानिस्तान के खामा प्रेस से बात करते हुए कहा कि ईश्वर, न्याय और स्वतंत्रता के लिए हम अपने प्रतिरोध को कभी नहीं रोकेंगे। एक फेसबुक पोस्ट में अहमद मसूद ने कहा कि हार तभी होती है जब आप अपने वैध अधिकारों के लिए लड़ाई छोड़ देते हैं और जब आप थक जाते हैं।  उन्होंने संयुक्त राष्ट्र से पंजशीर में मानवीय सहायता की अनुमति देने के लिए तालिबान पर दबाव बनाने का भी आग्रह किया है। बता दें कि 15 अगस्त को तालिबान ने काबुल पर कब्जा कर लिया था।

  • तालिबान ने अफगानिस्तान में नयी सरकार के गठन को अगले सप्ताह के लिए स्थगित कर दिया है। तालिबान के प्रवक्ता जबीउल्ला मुजाहिद ने शनिवार को यह जानकारी दी। तालिबान एक ऐसी सरकार बनाने के लिये संघर्ष कर रहा है जो समावेशी और अंतरराष्ट्रीय समुदाय को स्वीकार्य हो। उम्मीद की जा रही थी कि तालिबान शनिवार को काबुल में नयी सरकार के गठन की घोषणा करेगा, जिसका नेतृत्व संगठन के सह-संस्थापक मुल्ला अब्दुल गनी बरादर कर सकते हैं। तालिबान ने 15 अगस्त को काबुल पर काबिज होने के बाद दूसरी बार, काबुल में नयी सरकार के गठन की घोषणा स्थगित की है।
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  • अमरीका ने तालिबान के खिलाफ प्रतिबंध हटाने से इंकार किया है। साथ ही कहा कि अफगानिस्तान में अंतर्राष्ट्रीय समुदाय से मान्यता प्राप्त करने के लिए तालिबान से जो अपेक्षा की जाती है, उसमें दुनिया एकजुट है और अब यह चीन को तय करना है कि ऐसे हालात में वह कहां खड़े रहना चाहेगा।व्हाइट हाऊस की प्रैस सचिव जेन साकी ने बृहस्पतिवार को अपने दैनिक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि किसी को भी यह आकलन नहीं करना चाहिए कि हम वर्तमान में तालिबान पर प्रतिबंधों में ढील देने पर विचार कर रहे हैं।

  • इटली के विदेश मंत्री लुइगी डि माओ ने शनिवार को कहा कि रोम कतर की राजधानी दोहा में अफगानिस्तान के लिए अपने मिशन को फिर से खोल सकता है। तालिबान के राजनीतिक कार्यालय के प्रवक्ता मोहम्मद नईम ने शुक्रवार को ट्वीट किया कि इटली ने पश्चिम एशियाई देश में अपना दूतावास फिर से खोलने का वादा किया है। बाद में ट्वीट को डिलीट कर दिया गया।

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  • तालिबान द्वारा अफगानिस्तान में अंतरराष्ट्रीय समुदाय को स्वीकार्य समावेशी सरकार बनाने की कोशिशों के बीच, पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI के प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल फैज हमीद शनिवार को आश्चर्यजनक रूप से अफगानिस्तान की राजधानी काबुल पहुंचे।  ‘पाकिस्तान ऑब्जर्वर' अखबार की खबर के मुताबिक, ‘इंटर सर्विसेज इंटेलिजेंस' (ISI) के महानिदेशक लेफ्टिनेंट जनरल हमीद के नेतृत्व में वरिष्ठ पाकिस्तानी अधिकारियों का एक शिष्टमंडल आगामी तालिबान सरकार से बातचीत के लिए काबुल पहुंचा। हमीद काबुल में पाकिस्तान के राजदूत से भी भेंट करेंगे और पाकिस्तान से विदेशी नागरिकों तथा तालिबान के डर से भागे अफगानों को वापस भेजने के मुद्दे पर चर्चा करेंगे।
     
  • तालिबान लड़ाकों ने पिछले महीने अफगानिस्तान के अधिकतर हिस्से पर कब्जा कर लिया था और उन्होंने 20 साल तक संघर्ष के बाद अमेरिकी बलों की यहां से पूरी तरह वापसी का जश्न मनाया। तालिबान के विशेष बलों ने शनिवार को हवा में गोलीबारी की जिससे नए शासकों से समान अधिकारों की मांग कर रहीं अफगान महिलाओं द्वारा राजधानी में निकाला जा रहा विरोध मार्च अचानक से रोक दिया गया।  काबुल में पिछले कुछ दिन में दूसरी बार महिलाओं के मार्च की शांतिपूर्ण तरीके से शुरुआत हुई थी।जैसे ही प्रदर्शनकारी महिलाएं राष्ट्रपति पैलेस तक पहुंचीं, एक दर्जन तालिबान लड़ाके भीड़ में घुस आए और हवा में गोलीबारी करने लगे जिससे महिलाओं में अफरा-तफरी मच गयी। तालिबान लड़ाकों ने आंसूगैस के गोले भी छोड़े। 

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  • इस बीच ऑस्ट्रिया के चांसलर ने कहा कि अफगानिस्तान से विस्थापन की आई बाढ़ से पड़ोसी देशों को निपटना चाहिए। चांसलर सेबस्टियन कुर्ज ने शनिवार को बेलग्रेड में कहा कि यूरोप की ओर बड़े स्तर पर विस्थापन नहीं होना चाहिए। उन्होंने कहा कि इसलिए क्षेत्र के देशों के साथ हम संपर्क में हैं। कुर्ज ने सर्बिया के राष्ट्रपति अलेक्जेंद्र वुचिच से मुलाकात के बाद यह बात कही। पश्चिम एशिया, अफ्रीका या एशिया से हजारों विस्थापित सर्बिया और पश्चिमी यूरोप की ओर जाने वाले तथाकथित बल्कान माइग्रेशन रूट पर स्थित पड़ोसी देशों में फंस गये हैं।
     
  • पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा ने शनिवार को ब्रिटेन के विदेश मंत्री डोमिनिक राब से कहा कि अफगानिस्तान में समावेशी प्रशासन के गठन में इस्लामाबाद तालिबान की ‘‘मदद'' करेगा।बाजवा ने राब के साथ यहां अपनी मुलाकात के दौरान पारस्परिक हित, क्षेत्रीय सुरक्षा और अफगानिस्तान में स्थिति से जुड़े मुद्दों पर चर्चा की। अखबार ‘पाकिस्तान ऑब्जर्वर' की खबर के अनुसार बाजवा ने बैठक के दौरान कहा कि पाकिस्तान ‘‘अफगानिस्तान में शांति एवं स्थिरता के लिए लड़ाई जारी रखेगा तथा एक समावेशी प्रशासन के गठन में मदद करेगा।''

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Content Writer

Tanuja

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