कंगाल पाकिस्तान अफगान शरणार्थियों को ब्लैक में बेच रहा वीजा

punjabkesari.in Tuesday, Jun 21, 2022 - 05:16 PM (IST)

इस्लामाबादः तालिबान के कहर से बचने के लिए पाकिस्तान में आए अफगान शरणार्थियों के लिए अब यहां एक नई मुसीबत खड़ी हो गई है।  पाकिस्तान अफगान शरणार्थियों को ब्लैक मार्कीट में  वीजा बेच कर परेशान कर रहा है। तालिबान के सत्ता पर कब्जा करने के बाद पाकिस्तान में शरण मांगने वाले अफगान शरणार्थियों से 1000 डालर से ज्यादा वसूला जा रहा है। अफगानिस्तान के एक नागरिक ने दावा किया है कि अफगानी नागरिकों के लिए वीजा जारी करने की नियमित प्रक्रिया रुक गई है।

 

अफगानिस्तान में गंभीर मानवाधिकारों का उल्लंघन बेरोकटोक जारी है  और अपनी मातृभूमि के राजनीतिक, आर्थिक और मानवीय पतन से जूझ रहे एक प्रवासी के लिए, पाकिस्तान में वीजा की बढ़ती लागत ने परमिट को पहुंच से बाहर कर दिया है। अफगानिस्तान में अगस्त 2021 में तालिबान के सत्ता पर कब्जा कर लेने के बाद कई अफगानी नागरिक देश से भागने पर मजबूर हो गए। प्रताड़ना से बचने के लिए लोग पाकिस्तान चले आए। एक शरणार्थी मजलुमयार ने कहा कि अभी तक 15 लाख शरणार्थियों की पहचान की जा चुकी है और यह प्रक्रिया जुलाई तक जारी रहेगी। कई लोग अभी तक खराब स्थिति में रह रहे हैं। अफगानिस्तान में मानवाधिकारों का दमन होने के बीच अपने देश में राजनीतिक एवं आर्थिक समस्याओं से जूझ रहे प्रवासियों के लिए पाकिस्तान में वीजा की ऊंची कीमत ने इसे उनकी पहुंच से बाहर कर दिया है।

 

9 जून को पाकिस्तान में सैकड़ों अफगान शरणार्थियों ने शरणार्थियों के लिए संयुक्त राष्ट्र उच्चायुक्त (UNHCR) और अंतर्राष्ट्रीय समुदाय से उनके शरण आवेदनों पर सकारात्मक प्रतिक्रिया देने का आह्वान किया। उन्होंने इस तथ्य पर शोक व्यक्त किया कि रूस-यूक्रेन युद्ध के बाद दुनिया अफगानिस्तान को भूल गई है। कई अफगान शरणार्थियों ने मई में इस्लामाबाद में एक रैली में विकसित देशों में आश्रय की मांग करते हुए विरोध किया और कहा कि पाकिस्तान खुद आर्थिक और राजनीतिक संकट से जूझ रहा है और वे तालिबान द्वारा शासित अपने देश वापस नहीं जाना चाहते हैं। 

 

दूसरी ओर, भारत ने शनिवार को काबुल में करता परवन गुरुद्वारे पर हुए हमले के बाद अफगानिस्तान में 100 से अधिक सिखों और हिंदुओं को प्राथमिकता के आधार पर ई-वीजा देने का फैसला किया है, जिसमें दो लोगों की मौत हो गई थी। यह फैसला सिख समुदाय सहित अफगानिस्तान में धार्मिक अल्पसंख्यकों के खिलाफ लगातार लक्षित हिंसा से पहले आया है। 

 


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Content Writer

Tanuja

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