श्रीलंका की तरह बर्बादी की राह पर पाकिस्‍तान, शहबाज सरकार के संपत्तियां बेचने के फैसले पर भड़के इमरान

punjabkesari.in Sunday, Jul 24, 2022 - 11:23 AM (IST)

इस्‍लामाबाद: पाकिस्‍तान में शहबाज शरीफ सरकार आने के बाद देश श्रीलंका की तरह बर्बादी की कगार पर पहुंच गया है। पाकिस्‍तानी रुपए के पिछले दो दशक में सबसे खराब प्रदर्शन से निवेशकों के होश उड़े हुए हैं और उन्‍हें अगला श्रीलंका बनने का डर सताने लगा है। इस बीच शहबाज सरकार ने पाकिस्‍तान को डिफाल्‍ट होने से बचाने के लिए सरकारी संपत्तियों को व‍िदेश‍ियों बेचने के फैसले से पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान भड़क गए हैं और उन्होने देश की खराब हालत पर जोरदार निशाना साधा है। 

 

श्रीलंका में आर्थिक पतन और डिफाल्‍ट होने के बाद देश में राजनीतिक संकट बहुत गहरा गया था और राष्‍ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे को देश छोड़कर जाना पड़ा था। अब पाकिस्‍तान को लेकर भी यही खतरा मंडराने लगा है। इस बीच पंजाब प्रांत में सत्‍ता बचाने में जुटी शहबाज सरकार ने डिफाल्‍ट से बचने के लिए देश की संपत्तियों को आपातकालीन बिक्री के तहत विदेशी देशों को बेचने जा रही है। पाकिस्‍तानी कैबिनेट ने सभी प्रक्रिया को बायपास करते हुए एक अध्‍यादेश को अनुमति दे दी।

 

पाकिस्‍तानी अर्थव्‍यवस्‍था को बचाने की हड़बड़ी इतनी ज्‍यादा थी कि 6 प्रासंगिक कानूनों को भी बायपास कर दिया गया। यही नहीं शहबाज सरकार ने प्रांतों की सरकारों को बाध्‍यकारी तरीके से जमीनों के अधिग्रहण करने के आदेश जारी करने की शक्ति अपने पास ले ली। हालांकि अभी तक राष्‍ट्रपति आरिफ अल्‍वी ने इस अध्‍यादेश पर हस्‍ताक्षर नहीं किया है। शहबाज सरकार ने अदालतों को संपत्तियों को बेचने के खिलाफ दायर किसी भी याचिका पर सुनवाई से रोक दिया है।

 

शहबाज सरकार ने इसकी शुरुआत भी कर दी है। गुरुवार को सरकार ने सरकारी तेल और गैस कंपनी और पावर प्‍लांट में अपनी हिस्‍सेदारी को संयुक्‍त अरब अमीरात को बेचने के अध्‍यादेश पर हस्‍ताक्षर कर दिया। उसे उम्‍मीद है कि इस डील से 2 से 2.5 अरब डॉलर हासिल किया जा सकता है। इससे पहले यूएई ने कर्ज नहीं लौटाने पर पाकिस्‍तान को नकदी देने से मना कर दिया था। उसने कहा था कि पाकिस्‍तान अपनी कंपनियों को खोल दे ताकि उसमें निवेश किया जा सके। इस बीच इमरान खान ने सरकार के इस फैसले पर जोरदार हमला बोला है। उन्‍होंने कहा कि हम श्रीलंका जैसे हालात से बहुत दूर नहीं हैं जब जनता सड़क पर उतरेगी।

 

फाइनेंशियल टाइम्‍स की रिपोर्ट के मुताबिक डॉलर के मुकाबले पाकिस्‍तानी रुपया 7.6 प्रतिशत गिरकर अब 228 रुपये तक पहुंच गया है। यह अक्‍टूबर 1998 के बाद के पाकिस्‍तानी रुपये में सबसे बड़ी साप्‍ताहिक गिरावट आई है। इससे अब पाकिस्‍तान के अगला श्रीलंका बनने का खतरा बहुत ज्‍यादा बढ़ गया है। यही नहीं अगर पाकिस्‍तान को आईएमएफ से 1.2 अरब डॉलर मिल भी जाते हैं तो भी यह उसके भुगतान संतुलन संकट को दूर करने के लिए पर्याप्‍त नहीं होगा।

  


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Content Writer

Tanuja

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