सऊदी अरब में बन रहा न्यूयार्क से 33 गुना बड़ा शहर नियोम

punjabkesari.in Wednesday, Dec 11, 2019 - 07:17 PM (IST)

रियाद/लंदन (सोमनाथ): इस्लामिक देश सऊदी अरब आर्थिक और सामाजिक बदलाव की ओर चल पड़ा है। सऊदी क्राऊन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान के विजन-2030 के तहत सऊदी अरब के लाल सागर के किनारे च्नियोम सिटीज बसाई जा रही है। प्रोजैक्ट को नियोम नाम दिया गया है। नियोम सिटी में 16 बड़े शहर बसेंगे जोकि 10,230 वर्ग मील में फैले होंगे और यह शहर न्यूयार्क से 33 गुना बड़ शहर होगा। प्रोजैक्ट पर करीब 47 लाख करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे। प्रोजैक्ट के पहले चरण में अंतर्राष्ट्रीय स्तर का एयरपोर्ट बनकर लगभग तैयार हो गया है। 2030 तक बनकर तैयार होने वाली सिटी में पश्चिम देशों की तरह हर सुविधा उपलब्ध होगी। सिटी को टैक्रोलॉजी और स्पोटर्स हब के रूप में विकसित करने के लिए 3 कंसल्टैंसी फर्मों मैक्निसी एंड कंपनी, बोस्टन कंसल्टिंग और ओलिवर वाईसन की सेवाएं ली गई हैं।

सऊदी अधिकारियों ने इसे दुनिया का सबसे बड़ा महत्वाकांक्षी प्रोजैक्ट बताया है। सिटी को दुनिया की ऐसी टैक्नोलॉजी हब के रूप में विकसित किया जाएगा जिसमें फ्लाइंग कार की सुविधा होगी। रैस्टोरैंट्स में रोबोटिक सर्वैंट्स होंगे और स्कूलों/कॉलेजों में होलोग्राफिक टीचर पढ़ाएंगे। आर्टिफिशियल बारिश होगी और यहां तक कि रात की रोशनी के लिए चंद्रमा भी अपना होगा। इसके अलावा रोबोटिक डायनासोर के साथ जुरासिक पार्क का निर्माण भी किया जाएगा।    

विजन-2030 का हिस्सा, वैस्टर्न स्पोर्ट्स सिटी  सिटी में लागू नहीं होंगे इस्लामिक कायदे-कानून, पश्चिम देशों जैसी होगी आजादी
नियोम प्रोजैक्ट के तहत 37 लाख करोड़ रुपए की लागत से बनने वाली दुनिया की यह पहली स्पोर्ट्स सिटी होगी जिसमें इस्लामिक कानून लागू नहीं होंगे। स्पोर्ट्स सिटी में आने वाले पर्यटकों के लिए पश्चिमी देशों के हिसाब से बने नियम-कायदे लागू होंगे। खेल प्रशंसकों, महिलाओं और काम करने वालों को शराब पीने की छूट होगी, पश्चिमी देशों की तर्ज पर कुछ हद तक आजादी से घूम-फिर सकेंगे। स्पोर्ट्स सिटी सऊदी क्राऊन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान के विजन-2030 का ही हिस्सा है। इसके तहत सऊदी अरब को स्पोर्ट्स इवैंट का वैश्विक केंद्र बनाया जाना है।

2018 में शुरू हुए इस प्रोजैक्ट का पहला चरण 2025 में पूरा हो जाएगा। सऊदी अरब का कहना है कि भले ही उनका वैश्विक मंच पर विरोध हो लेकिन वह किसी भी कीमत पर खेलों से मिलने वाली रॉयल्टी की दरें नहीं गिराएगा। उसका लक्ष्य बिल्कुल साफ है-पर्यटन उद्योग से 10 प्रतिशत आमदनी होनी ही चाहिए। खेलों से जुड़े कई बड़े आयोजन करने का प्रस्ताव तैयार किया गया है। गत शनिवार को रियाद में एंटोनी जोशुआ और एंडी रुज जूनियर के बीच विश्व हैवीवेट बॉक्सिंग का मुकाबला हुआ। इस मुकाबले की ईनामी रकम 4,720 करोड़ रुपए है। अगले साल बड़े स्तर पर जहां बॉक्सिंग, फुटबॉल, फॉर्मूला-वन, साइकिलिंग, घुड़दौड़ समेत कई खेलों की चैम्पियनशिप होंगी, जिनमें करोड़ों रुपए के ईनाम होंगे।

इधर, एमनैस्टी इंटरनैशनल जैसी कई मानवाधिकार संस्थाओं ने सऊदी अरब के खेल के मैदान में लौटने की नई भूमिका की आलोचना की है। जहां तक कि स्पैनिश स्टेट ब्रॉडकास्टर आर.टी.वी.ई. ने अगले महीने जेद्दा में होने वाले स्पैनिश सुपर कप के उद्घाटनी समारोह को टैलीकास्ट करने से मना कर दिया है।
फंड कहां से आएगा।

हालांकि नियोम सिटी के पहले चरण का काम 2025 में पूरा होना है मगर इसके लिए समय पर फंड की व्यवस्था होना बड़ा टार्गेट है। प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान को अपने देश को टैक्रोलॉजी हब और स्पोर्ट्स सिटी के रूप में विकसित करने के लक्ष्य के तहत फंड्स की व्यवस्था तेल कंपनी सऊदी अरामको के शेयर बेचकर की जानी है। शेयर बिक्री में देरी से काम अटक सकता है। इसके अलावा फंड्स की व्यवस्था समय-समय पर सऊदी अरब में होने वाले स्पोर्ट्स इवैंट्स की टिकटों की बिक्री कर और पर्यटन के बढ़ावा देकर की जाएगी।

तेल पर निर्भरता कम कर पर्यटन से दुबई मालामाल, जी.डी.पी. में योगदान 20 प्रतिशत
सऊदी अरब तेल पर निर्भरता कम कर पर्यटन उद्योग को बढ़ावा देने वाला दूसरा इस्लामिक देश है। इससे पहले दुबई ने दशकों पहले तेल पर निर्भरता कम कर पर्यटन उद्योग को बढ़ावा दिया। एक समय सिर्फ तेल उद्योग की वजह से इसकी पहचान थी, लेकिन अब ऐसा नहीं है। तेल व्यापार ही इनके लिए अर्थव्यवस्था का प्रमुख स्रोत नहीं रहा, बल्कि पर्यटन, रीयल एस्टेट और फाइनैंशियल सर्विस भी आय के प्रमुख स्रोतों के रूप में उभर कर सामने आई हैं।

वर्तमान में दुबई की अर्थव्यवस्था में पैट्रोकैमीकल्स उद्योग का योगदान सिर्फ 5 प्रतिशत है जबकि दुबई की जी.डी.पी. में पर्यटन का योगदान 20 प्रतिशत के करीब है। वैसे भी वैश्विक स्तर पर पर्यटन एक बड़ा उद्योग है। यह कई क्षेत्रों में अवसर सृजित करता है। अर्थव्यवस्था को तेजी से बढऩे में मदद करता है। बड़े पैमाने पर नौकरियां प्रदान करता है। पर्यटन के विस्तार के साथ ही होटल एवं रैस्टोरैंट, विमानन, रेल, वाहन, मनोरंजन और हस्तशिल्प जैसे उद्योगों को भी बहुत फायदा पहुंचता है।

एक जानकारी के अनुसार हर साल 1 करोड़ के करीब पर्यटक दुबई जाते हैं और दुबई सरकार की योजना जल्द ही 2 करोड़ पर्यटकों को आकर्षित करने की है जिस पर विभिन्न योजनाओं पर काम जारी है। दुबई स्थित पर्यटन विश्लेषक गौरव सिन्हा का कहना है कि पर्यटन उद्योग को बढ़ावा देने के लिए दुबई में जल्द ही एयरलाइन्स के नए रूट खोले जा रहे हैं। 
 


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shukdev

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