श्रीलंका को डुबोने में ड्रैगन का रहा है बड़ा हाथ, वजह जान आप भी रह जाएंगे हैरान
punjabkesari.in Thursday, Jul 14, 2022 - 12:38 PM (IST)
इंटरनेशनल डेस्क: भारत के करीब का टापू देश श्रीलंका इन दिनों अपनी खराब आर्थिक स्थिति से जूझ रहा है। श्रीलंका के बर्बाद होने में उसके नेताओं के साथ-साथ चीन का भी हाथ है। श्रीलंका के हालात उन देशों के लिए भी वार्निंग हैं जो चीन की दोस्ती को शहद से भी मीठी समझ लेते हैं। उन्हें यह समझना चाहिए कि उनकी यह मिठास उन्हें शूगर का मरीज बना सकती है।
एनालिस्ट ब्रह्म चेलानी के मुताबिक लगभग दो दशक तक राजपक्षे परिवार ने श्रीलंका पर राज किया। उन्होंने इसे एक देश की तरह नहीं बल्कि फैमिली बिजनैस की तरह चलाया। श्रीलंका में होने वाली भव्य निर्माण परियोजनाओं और खर्च करने के खराब तरीकों के साथ-साथ उन्होंने श्रीलंका को कर्ज के बोझ तले दबा दिया। इस कारण श्रीलंका आजादी के बाद से अब तक के सबसे खराब आर्थिक संकट पर पहुंच गया। 2005 में जब महिंदा राजपक्षे राष्ट्रपति बने तो बड़ी ही मजबूती के साथ 10 साल तक राज किया लेकिन 2015 में वह चुनाव हार गए और राजपक्षे परिवार सत्ता से बेदखल हो गया।
चीन के अहसान का बदला चुकाने के लिए राजपक्षे परिवार पूरी तरह उसके आगे नतमस्तक हो गया। चीन को यहां बड़े-बड़े निर्माण के ठेके मिले। चीन ने बड़ी ब्याज दरों पर श्रीलंका को कर्ज दिया। राजपक्षे परिवार के गृह जिले हंबनटोटा में बड़े पैमाने पर फिजूल के निर्माण किए गए। जैसे दुनिया का सबसे खाली एयरपोर्ट, एक ऐसा क्रिकेट स्टेडियम जिसमें बैठने की क्षमता जिले की राजधानी की आबादी से भी ज्यादा है।
श्रीलंका में 2019 में टैक्स में बड़ी कटौती की गई, जिससे देश का एक तिहाई कर सरकार के खजाने से गायब हो गया। इसके बाद महामारी के कारण श्रीलंका का टूरिज्म और कपड़ा उद्योग प्रभावित हुआ। इसी बीच रूस और यूक्रेन का युद्ध शुरू हो गया। यह वह कारण था जो श्रीलंका की अर्थव्यवस्था के ताबूत की आखिरी कील साबित हुआ।
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