बुरे वक्त में श्रीलंका के लिए मसीहा बनकर उभरा भारत, अबतक दी करीब 5 अरब डॉलर की मदद

punjabkesari.in Friday, Jul 29, 2022 - 12:48 PM (IST)

नेशनल डेस्क: सरकार ने संसद में बताया कि भारत द्वारा प्रदान की जाने वाली विकास सहायता के प्रमुख प्राप्तकर्ताओं में आर्थिक चुनौतियों का सामना कर रहा पड़ोसी देश श्रीलंका है और कुल मिलाकर उसे 2.68 अरब अमेरिकी डॉलर की 13 ऋण सहायता प्रदान की गई है। राज्यसभा में एक सवाल के लिखित जवाब में विदेश राज्यमंत्री वी मुरलीधरन ने यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि भारत अपने पड़ोसी देशों के साथ अपने संबंधों को उच्च प्राथमिकता देता है और भारत की ‘‘पड़ोसी प्रथम'' संबंधी नीति स्थिरता और समृद्धि के लिए पारस्परिक रूप से लाभप्रद, जनोन्मुखी क्षेत्रीय संरचनाओं के निर्माण पर केंद्रित है। उन्होंने कहा, ‘‘श्रीलंका भारत सरकार द्वारा प्रदान की जाने वाली विकास सहायता के प्रमुख प्राप्तकर्ताओं में से एक है। 

श्रीलंका के लिए भारत की समग्र सहायता 5 अरब अमेरिकी डॉलर से अधिक है, जिसमें से लगभग 60 करोड़ अमेरिकी डॉलर सहायता अनुदान है और शेष रियायती ऋण है।'' उन्होंने कहा, ‘‘कुल मिलाकर 2.68 अरब अमेरिकी डॉलर की 13 ऋण सहायता श्रीलंका को प्रदान की गई है।'' ज्ञात हो कि श्रीलंका गंभीर वित्तीय संकट के दौर से गुजर रहा है और विदेशी मुद्रा की कमी के कारण वहां भोजन, ईंधन और दवाओं सहित आवश्यक वस्तुओं के आयात में बाधा आ रही है। मुरलीधरन ने कहा कि भारत ने श्रीलंका के आर्थिक विकास में सहायता करना जारी रखा है और साथ ही उसकी आर्थिक चुनौतियों का समाधान करने में भी सहयोग दिया है। 

उन्होंने कहा कि जनवरी, 2022 में भारत ने दक्षिण एशियाई देशों के क्षेत्रीय संगठन (दक्षेस) ढांचे के तहत श्रीलंका के साथ 40 करोड़ डालर मुद्रा की अदला-बदली की और एशियाई समाशोधन संघ (एसीयू) के उत्तरोत्तर भुगतान को छह जुलाई 2022 तक स्थगित कर दिया। उन्होंने कहा कि भारत से ईंधन आयात करने के लिए श्रीलंका को 50 करोड़ डॉलर की सहायता प्रदान की गई और इसके अलावा भारत से भोजन और अन्य आवश्यक वस्तुओं की खरीद के लिए 1 अरब डॉलर की सुविधा प्रदान की है। 

मुरलीधरन ने कहा कि लगभग 6 करोड़ रुपये मूल्य की आवश्यक दवाएं, मिट्टी का तेल तथा यूरिया उर्वरक की खरीद के लिए 5.5 करोड़ डॉलर की सहायता प्रदान की गई थी। उन्होंने कहा कि तमिलनाडु सरकार ने व्यापक भारतीय सहायता प्रयासों के तहत 1.6 करोड़ डालर मूल्य का चावल, दूध पाउडर और दवाओं का योगदान किया। तमिलनाडु सरकार ने दूध पाउडर और दवाएं उपलब्ध करवाईं। 


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Content Writer

Anil dev

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