NAB ने भ्रष्टाचार मामले में पूर्व पाक PM शाहिद अब्बासी को किया गिरफ्तार

punjabkesari.in Thursday, Jul 18, 2019 - 05:47 PM (IST)

नेशनल डेस्क: पाकिस्तान में भ्रष्टाचार रोधी निकाय ने अरबों रुपये के द्रवीकृत प्राकृतिक गैस (एलएनजी) आयात का ठेका देने से संबंधित एक मामले में वीरवार को पूर्व प्रधानमंत्री शाहिद खाकान अब्बासी को गिरफ्तार किया है। राष्ट्रीय जवाबदेही ब्यूरो (एनएबी) के एक दल ने लाहौर के ठोकर नियाज बेग में अब्बासी की कार को रोका और उन्हें गिरफ्तार किया। अब्बासी ने पहले अपनी गिरफ्तारी का विरोध किया लेकिन बाद में वे दल के साथ चले गए। 

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अब्बासी अगस्त 2017 से मई 2018 के बीच प्रधानमंत्री रहे थे। वह इस्लामाबाद से यहां एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करने आए थे लेकिन कार्यक्रम स्थल पर पहुंचने से पहले ही उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। एनएबी कतर से एलएनजी आयात किये जाने से जुड़े एक ठेके के वितरण में हुए कथित भ्रष्टाचार की जांच कर रहा है। यह मामला तब का है जब अब्बासी पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ की सरकार में पेट्रोलियम और प्राकृतिक संसाधन मंत्री थे। 

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अब्बासी ने आरोपों से इनकार किया है और कहा कि वह अदालत में अपनी बेगुनाही साबित करेंगे। उन्हें हिरासत में लिये जाने के लिये एनएबी अदालत में पेश किया जाएगा जिससे आगे की जांच हो सके। इससे पहले ब्यूरो ने उन्हें मामले में पेश होने के लिये समन किया था लेकिन वह पेश नहीं हुए थे। प्रधानमंत्री इमरान खान लाहौर में हैं और विपक्षी पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) ने आरोप लगाया कि अब्बासी की गिरफ्तारी सीधे खान के आदेश पर हुई है। पीएमएल-एन अध्यक्ष शहबाज शरीफ ने कहा कि हम इसकी कड़े शब्दों में निंदा करते हैं क्योंकि इमरान खान, नियाजी सभी विपक्षी नेताओं को जेल में डालना चाहते हैं।” उन्होंने कहा इमरान खान और एनएबी के बीच नापाक गठजोड़ है।
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क्या है एलएनजी घोटाला?

  • अब्बासी पर 220 अरब रुपए के भ्रष्टाचार का आरोप लगा था, जब वे 2015 में जब अब्बासी पेट्रोलियम मंत्री थे।
  • उनपर एनएबी द्वारा तरलीकृत प्राकृतिक गैस (एलएनजी) आयात के ठेके में हुए भ्रष्टाचार का मुख्य आरोपी बनाया था। 
  • सार्वजनिक खरीद विनियामक प्राधिकरण (पीपीआरए) के नियमों तथा संबंधित कानूनों का उल्लंघन कर 2013 में एंग्रो कंपनी की सहायक कंपनी एलेंग्री टर्मिनल को एलएनजी आयात और वितरण का ठेका दे दिया था। 
  • हालांकि डॉन में छपी खबर के अनुसार पर्याप्त सबूत न होने के कारण अब्बासी के खिलाफ इस मामले को पिछले साल दिसंबर में ही बंद कर दिया गया था।

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vasudha

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