मोदी ने की अमेरिकी सौर पैनल कंपनी प्रमुख के साथ भारत की हरित ऊर्जा योजनाओं पर चर्चा

punjabkesari.in Friday, Sep 24, 2021 - 12:40 AM (IST)

वाशिंगटनः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बृहस्पतिवार को अमेरिका के सौर पैनल के जाने माने विनिर्माता फर्स्ट सोलर के प्रमुख के साथ भारत के नवीकरणीय ऊर्जा परिदृश्य पर चर्चा की। भारत सौर ऊर्जा के मामले में फिलहाल दुनिया में तेजी से आगे बढ़ने वाला देश है। देश में खाना पकाने का स्वच्छ ईंधन आठ करोड़ से अधिक परिवार तक पहुंचाया गया। यह वैश्विक स्तर पर स्वच्छ ईंधन का सबसे बड़ा कार्यक्रम बन गया है। 

विदेश मंत्रालय ने ट्विटर पर लिखा है, ‘‘भारत की सौर क्षमता को गति। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत के नवीकरणीय ऊर्जा परिदृश्य पर फर्स्ट सोलर के सीईओ मार्क विडमर के साथ बातचीत की।'' मंत्रालय के अनुसार विडमर ने बैठक के दौरान अनूठी ‘थिन-फिल्म' प्रौद्योगिकी के साथ सौर बिजली उपकरण विनिर्माण को लेकर भारत सरकार की महत्वकांक्षी उत्पादन आधारित प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना के उपयोग तथा भारत को इस मामले में वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला से जोड़ने की योजना साझा की। 

सौर फोटोवोल्टिक मोड्यूल्स के लिये 4,500 करोड़ रुपये की पीएलआई योजना से भारत को अपनी घरेलू विनिर्माण क्षमता बढ़ाने में मदद मिलने की उम्मीद है। योजना से एकीकृत सौर फोटोवोल्टिक विनिर्माण की 10,000 मेगावाट क्षमता सृजित होने की संभावना है। सूत्रों के अनुसार विडमर के साथ बातचीत के दौरान मोदी ने ‘एक दुनिया, एक सूर्य और एक ग्रिड' पहल और इसकी संभावना के बारे में भी चर्चा की। 

प्रधानमंत्री ने भारत की 2030 तक 4,50,000 मेगावाट नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता स्थापित करने के लक्ष्य का भी जिक्र किया। उन्होंने भारत के सौर ऊर्जा उपकरणों के विनिर्माण पर जोर दिये जाने के बारे में भी बताया। उन्होंने कहा कि सौर ऊर्जा क्षेत्र की कंपनियां पीएलआई योजनाओं का अधिकतम लाभ ले सकती हैं। मोदी ने भारत के हरित हाइड्रोजन मिशन के बारे में भी बात की। 

सूत्रों के अनुसार विडमर ने भारत की जलवायु परिवर्तन और संबंधित उद्योगों से जुड़ी नीतियों की सराहना की। फर्स्ट सोलर के सीईओ ने कहा कि जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों से निपटने के लिये भारत ने जो किया है, उसका सभी देशों को अनुकरण करना चाहिए। सूत्रों ने कहा कि मोदी और विडमर दोनों ने भारत में सौर पैनल के विनिर्माण को बढ़ाने पर सहमति जतायी। इस कदम से क्षेत्र के देशों को भी लाभ होगा। 

 

 


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Content Writer

Pardeep

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