पाकिस्तान में चीन की CPEC योजना के खिलाफ ग्वादर में सड़कों पर उतरे लोग (pics)
punjabkesari.in Saturday, Jul 31, 2021 - 11:24 AM (IST)
इंटरनेशनल डेस्कः पाकिस्तान के ग्वादर में चीन के महत्वकांक्षी प्रोजेक्ट CPEC (चीन-पाकिस्तान इकोनॉमिक कॉरिडोर) के खिलाफ लोग सड़कों पर उतर आए हैं। CPEC प्रोजेक्ट पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर और अक्साई चीन जैसे विवादित इलाको से होकर गुजरता है। ग्वादर के लोग शुरू से इस प्रोजेक्ट को लेकर चीन के खिलाफ भारी विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। इसी क्रम में गत दिवस भी स्थानीय लोगों ने चीनी कंपनियों और CPEC परियोजना का विरोध किया और चीन विरोधी नारे लगाए इमरान खान सरकार के फैसलों के लिए इस्लामाबाद की निंदा की।
प्रदर्शन में शामिल महिलाओं ने आरोप लगाया कि उनके पास न गैस है, न बिजली है और चीनी ट्रॉलरों द्वारा उनका मछली पकड़ने का रोजगार तक छीन लिया है। दरअसल पाकिस्तान ने बलूचिस्तान में ग्वादर बंदरगाह के पास अरब सागर में चीन को मछली पकड़ने का अधिकार दिया है। इसके बाद अब बलूच तट पर समुद्र सैकड़ों चीनी मछली पकड़ने वाली नौकाओं से भरा हुआ है। पाकिस्तान ने ग्वादर में चीन के मछली पकड़ने वाले जहाजों को लाइसेंस दे दिया है, जिससे अब स्थानीय मछुआरों में आक्रोश पैदा हो गया है।
भारत भी इस प्रोजेक्ट का विरोध करता रहा है क्योंकि यह पाक अधिकृत कश्मीर से गुजरता है। मुख्य तौर पर यह एक हाइवे और इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट है जो चीन के काशगर प्रांत को पाकिस्तान के ग्वारदर पोर्ट से जोड़ेगा। इस प्रोजेक्ट के तहत पाकिस्तान में बंदरगाह, हाइवे, मोटरवे, रेलवे, एयरपोर्ट और पावर प्लांट्स के साथ दूसरे इंफ्रस्क्ट्रक्चर प्रोजेक्ट को डिवैलप किया जाएगा।
बता दें कि CPEC को बनाने में चीन भारी निवेश कर रहा है। सीपीईसी की कुल लागत 46 अरब डॉलर (करीब 31 लाख करोड़ रुपए) है। CPEC के साथ पाकिस्तान के इंफ्रास्ट्रक्चर में भी भारी निवेश किया जा रहा है। 13 नवंबर 2016 को CPEC के एक हिस्से को खोल दिया गया। इसके अलावा कुछ पावर प्रोजेक्ट्स को भी 2017 के अंत में खोला गया। CPEC के तहत मजबूत हाइवे और रेल नेटवर्क तैयार किया जा रहा है साथ ही ग्वादर और कराची के लिए अलग से हाइवे बनाया जाएगा। इसके अलावा लाहौर और कराची के बीच 1100 किलोमीटर लंबा मोटरवे बनाया जाएगा और रावलपिंडी और चीन सीमा तक बने हाइवे को पूरी तरह से नया बनाया जाएगा।